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"मत सुलगाओ, प्रेम की चिंगारी"

20 मार्च 2022

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रचनाएँ
"निर्मल काव्य मधु-रस"
5.0
मैं जीवन के वास्तविक अनुभवों को, कलम रुपी लेखिनी के द्वारा शब्दों के मोतियों को अनुभव रुपी धागे में पिरोकर एक निर्मल माल्यार्पण पाठकों को करना चाहता हूं । सर्वप्रथम पाठकों को सम्मान प्रदान करते हुए , मैं उन्हें जीवन की वास्तविकताओं व गूढ़ रहस्यों से अवगत कराना चाहता हूं। ताकि जीवन की वास्तविकताओं को समझकर,वे अपने जीवन को एक उचित आचरण प्रदान कर सके। मुझे आशा ही नहीं,वरन पूर्ण विश्वास है,आप लोग अपना अमूल्य सहयोग देकर मुझे उचित स्तर प्रदान कर ,सह्रदय आभार का अवसर प्रदान करेंगे ।
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