हे प्रदेश ! उत्तरप्रदेश,
तूं सच में बड़ा महान है।
सदियों से तू पूजनीय है,
तेरी ऊंची शान है।।
राम, श्याम की जन्मभूमि,
तुझमें गंगा की धारा है,
काशी,मथुरा,अवधपुरी का,
धाम मनोहर प्यारा है,
सारनाथ का ज्ञान तुझीमें,
हम सबका अभिमान है।
सदियों से तू पूजनीय है,
तेरी ऊंची शान है।।
सूर ,कबीर,संत तुलसी को,
तूने ही उपजाया है,
ताजमहल का ताज पहन तू ,
जग में नाम कमाया है,
झांसी की ज्वाला है तुझमें,
तू वीरों की खान है।
सदियों से तूं पूजनीय है,
तेरी ऊंची शान है।।
घाट,बगीचे, हस्तशिल्प,
उद्योगों का रखवाला है,
तीर्थ क्षेत्र की व्यापकता है,
तू मणियों की माला है,
किला,इमारत,मंदिर,मस्जिद,
तेरी यह पहचान है।
सदियों से तू पूजनीय है,
तेरी ऊंची शान है।।
सरयू की किलकारी तुझमें,
जमुना की शीतलता है,
समरसता का दीप हमेशा,
आंगन तेरे जलता है,
हिंद देश का गौरव तूं है,
धरती का सम्मान है।
सदियों से तूं पूजनीय है,
तेरी ऊंची शान है।।
रचना-लालबहादुर चौरसिया "लाल"
गोपालगंज,आजमगढ़,
9452088890