shabd-logo

राधे माँ का विवाद

9 अगस्त 2015

351 बार देखा गया 351
राधे माँ' के मामले में धार्मिक पाखंड वाली बात अपनी जगह है और उसका विरोध होना ही चाहिये; पर मैं दो बातों से खुश भी हूँ। पहली यह कि धार्मिक ठगी के व्यवसाय में पुरुष वर्चस्व टूटता हुआ दिखा; और दूसरी यह कि धार्मिक प्रतीकों की जड़ हो चुकी दुनिया में कुछ नयापन और ग्लैमर नज़र आया। सोचने की बात है कि आखिर साधु या साध्वी को भगवा चोगे में ही क्यों होना चाहिये? जीन्स या स्कर्ट से साधुत्व क्यों दरकने लगता है? सुकरात से तर्क-शैली उधार लेकर पूछूँ तो क्या साधु इसलिये साधु है कि वह चोगे में है; या साधु इसलिये चोगे में है क्योंकि वो साधु है? ठीक वैसे ही, जैसे कि इस्लाम में दाढ़ी है या दाढ़ी में इस्लाम है? इसलिये, बहस (और नज़र) को 'राधे माँ' के कपड़ों से हटाइये और धार्मिक पाखंड पर केंद्रित रखिये क्योंकि कपड़ों पर टिकी बहस से उनकी नहीं, बहस करने वालों की पोल खुलती है।

धर्मेन्द्र कुमार की अन्य किताबें

1

सांप्रदायिक या असंवैधानिक नहीं है गौवध पर प्रतिबंध:

23 अप्रैल 2015
0
1
1

********************************************************* हाल ही में हरियाणा की भाजपा सरकार ने राज्‍य में गो-हत्‍या पर रोक लगाने के लिए एक सख्‍त कानून पास किया है. गोवध पर हरियाणा का कानून दूसरे राज्यों से काफी कड़ा है. इसमें अधिकतम दस वर्ष की कैद होगी और तीस हजार रुपये से एक लाख रुपये तक जुर्माने

2

आत्महत्या सामूहिक निर्णय का मामला नहीं लेकिन संघर्ष है

24 अप्रैल 2015
0
0
0

। फिर संघर्ष क्या सामूहिकता का निर्माण नहीं कर रहा? अगर किसानों के नाम पर किया जाने वाला संघर्ष उनकी लाचारी को अपनी ताकत बनाकर कामयाब होना चाहेगा तो यह जनतंत्र का सबसे नाकामयाब क्षण होगा। जनतंत्र सिर्फ चुनाव से नहीं चलता। संसद के मुकाबले वह सड़क पर आकार लेता है। जनता की गोलबंदी, लोगों के एक-दूसरे के

3

राधे माँ का विवाद

9 अगस्त 2015
0
1
0

राधे माँ' के मामले में धार्मिक पाखंड वाली बात अपनी जगह है और उसका विरोध होना ही चाहिये; पर मैं दो बातों से खुश भी हूँ। पहली यह कि धार्मिक ठगी के व्यवसाय में पुरुष वर्चस्व टूटता हुआ दिखा; और दूसरी यह कि धार्मिक प्रतीकों की जड़ हो चुकी दुनिया में कुछ नयापन और ग्लैमर नज़र आया।सोचने की बात है कि आखिर साधु

4

पोर्न पर प्रतिबंध के मायने

9 अगस्त 2015
0
0
0

अभी भी सरकार स्पष्ट शब्दों में नहीं बता रही है कि उसने कितनी और किन वेबसाइट्स को बैन किया है। एक व्याख्या यह आ रही है कि केवल उन साइट्स को बैन किया गया है जो चाइल्ड पोर्नोग्राफी को प्रमोट कर रही थीं। दूसरी व्याख्या यह है कि यह एक व्यापक बैन है जो हर तरह की पोर्न साइट्स पर लागू किया गया है।अगर यह बैन

---

किताब पढ़िए