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साधारण और नेक सोचने वाला इंसान हूं मैं।

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 आज का जमाना

आज का जमाना

लोगों की फितरत देख कर के कभी-कभी उसको ऐसा लगता था उसने इस जहां में आकर के एक बहुत बड़ी गलती से करती है न जाने क्यों ऐसा सोचता था पता नहीं इस समाज के संकीर्ण सोच या फिर कशमकश लोगों के ताने।

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 आज का जमाना

आज का जमाना

लोगों की फितरत देख कर के कभी-कभी उसको ऐसा लगता था उसने इस जहां में आकर के एक बहुत बड़ी गलती से करती है न जाने क्यों ऐसा सोचता था पता नहीं इस समाज के संकीर्ण सोच या फिर कशमकश लोगों के ताने।

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