रितिका सिंह राजपूत
❤️💫 u are my destiny ❤️💫
कॉलेज के कैफेटेरिया में बैठी सेजल और अर्जिता कॉफी पीते हुए गाना सुन कर इधर-उधर की बातें कर रही थी कि तभी सेजल ने अर्जिता से पूछी कौन सा सांग है ? जरा मुझे भी तो सुनाओ अपना सांग और अर्जिता से एक इयर वर्ड लेकर सांग सुनने लगी ।
❤️💫 u are my destiny ❤️💫
कॉलेज के कैफेटेरिया में बैठी सेजल और अर्जिता कॉफी पीते हुए गाना सुन कर इधर-उधर की बातें कर रही थी कि तभी सेजल ने अर्जिता से पूछी कौन सा सांग है ? जरा मुझे भी तो सुनाओ अपना सांग और अर्जिता से एक इयर वर्ड लेकर सांग सुनने लगी ।
मस्ती का पाठशाला ( ड्रामा क्यून संस्कृति )💃🏻
सुबह के 8:00 बजे तक एक छोटे से घर में , अपने कमरे में सोयी संस्कृति अपने ही सपनों की दुनिया में खोयी थी । वो सपने में अपने दोस्तों के साथ किसी रिसोर्ट में पार्टी करने गई थी , वह अपने दोस्तों के साथ खूब पार्टी इंजॉय कर रही थी । कभी ड्रिंक्स तो कभी स्न
मस्ती का पाठशाला ( ड्रामा क्यून संस्कृति )💃🏻
सुबह के 8:00 बजे तक एक छोटे से घर में , अपने कमरे में सोयी संस्कृति अपने ही सपनों की दुनिया में खोयी थी । वो सपने में अपने दोस्तों के साथ किसी रिसोर्ट में पार्टी करने गई थी , वह अपने दोस्तों के साथ खूब पार्टी इंजॉय कर रही थी । कभी ड्रिंक्स तो कभी स्न
❤️कसक प्यार की( मेरी सुलोचना )👁️
ये कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है । इस कहानी का उद्देश्य किसी भी व्यक्ति या समूह को ठेस पहुंचाना नहीं है । आरव एक रेस्टोरेंट का मालिक है । आरव बाहर से दिखने में अकड़ू पर अंदर से मोम की तरह नरम दिल और सुलझा हुआ व्यक्ति है । वो किसी की भी मदद कर
❤️कसक प्यार की( मेरी सुलोचना )👁️
ये कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है । इस कहानी का उद्देश्य किसी भी व्यक्ति या समूह को ठेस पहुंचाना नहीं है । आरव एक रेस्टोरेंट का मालिक है । आरव बाहर से दिखने में अकड़ू पर अंदर से मोम की तरह नरम दिल और सुलझा हुआ व्यक्ति है । वो किसी की भी मदद कर
💝❤️इश्क पर जोर नहीं❤️💝
सेठ हर्षवर्धन सिंह राठौर की कोठी जहां बर्थडे की शानदार पार्टी चल रही थी ।दूसरी तरफ सेठ हर्षवर्धन सिंह भले ही 50 पार कर चुके थे, परंतु मजे की बात यह थी कि इस उम्र में भी कनपटीयों के चंद वालों को छोड़कर उनके सिर का अन्य एक भी बाल सफेद नहीं था ।और कनपटी
💝❤️इश्क पर जोर नहीं❤️💝
सेठ हर्षवर्धन सिंह राठौर की कोठी जहां बर्थडे की शानदार पार्टी चल रही थी ।दूसरी तरफ सेठ हर्षवर्धन सिंह भले ही 50 पार कर चुके थे, परंतु मजे की बात यह थी कि इस उम्र में भी कनपटीयों के चंद वालों को छोड़कर उनके सिर का अन्य एक भी बाल सफेद नहीं था ।और कनपटी