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❤️लव फॉर रेंट ( मेरी सुलोचना )👁️ भाग -5

9 अक्टूबर 2022

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आपने पीछले भाग में देखा


सुलोचना - हु .. ह .. मैं तुम लड़को को जानती हूँ ।  जब तुम्हें कोई काम होता है । तो तुम सब बटरिंग करना शुरु कर देते हो । चल अपना काम बोल । क्या चाहिए मेरे से ।
   राहुल अपना बतिसि दिखाकर बोला - तुम मुझे अपना फोन नम्बर दे दो ।

अब आगे .....

     राहुल गोल - गोल घुम कर सुलोचना को दिखाते हुए कहा - देखो  मैं हैंडसम हूँ और तुम क्यूट हो । जब हमदोनों एक साथ चलेंगे तो लोग देख कर कहेंगे । वाह क्या जोड़ी है । एक दम परफेक्ट । क्या ख्याल है तुम्हारा बनोगी तुम मेरी गर्लफ्रेंड ?सुलोचना इतना सब सुनने के बाद अब भी घुम - घुम कर कभी इस दुकान से तो कभी उस दुकान से सब्जियां और जरूरत के सामान ले रही थी । राहुल के किसी भी सवाल का जवाब नहीं दे रही थी । सुलोचना राहुल के बातों को इग्नोर  कर अपने काम पर ध्यान दिये थी । राहुल अपना पैर पटक कर - यार तुम क्यूट और सुंदर लड़कियां इतना भाव क्यों खाती हो ।तुम्हारे सामने एक हैंडसम लड़का खड़ा है । तुम्हें प्रपोज कर रहा है और तुम हो की मुझे और मेरी बातों को इग्नोर किये जा रही हो । दिस इज़ नॉट फेयर यार😒 ।
      सुलोचना - मुझे पता है तुम सिर्फ नाटक कर रहा है । मेरा नम्बर लेने के लिए । ड्रामे बाज कहिका । रुक दे रही हूँ । अपना फोन दो । राहुल खुश होकर अपना फोन सुलोचना को दे दिया । सुलोचना फोन लेकर अपना आइब्रो रेज करते हुए बोली - इसका लॉक खोलेगा🤨 ।
    

          इत्तेफ़ाक कहो या कुछ और उस दिन आरव भी अपने चीफ के साथ उसी सब्जी मण्डी में अपने रेस्टोरेन्ट कि जरूरत का सामान लेने गया था । आरव वहा सुलोचना को देख कर वो अपने कार में ही बैठा रहा ।
    चीफ - बेटा क्या हुआ । बाहर आ जाओ ।
    चीफ आज आप ही अकेले सामान लेने जाइये । मेरे सर में दर्द हो रहा है । आरव बहाना बनाकर कार में ही बैठा रहा । 
     चीफ - अच्छा ठीक है । और वो सब्जियाँ वगैरा लेने चले गये ।

     राहुल किसी बुद्धू की तरह दात दिखाकर हे .. हे ... दो खोल देता हूँ । ऊम ... हुम्म.. ये लो आनलॉक हो गया । सुलोचना राहुल से फोन लेकर अपना नम्बर डायल कर देती है । फिर वो राहुल को उसका फोन वापस कर बोली अब खुश हो तुम । राहुल सुलोचना का हाथ पकड़कर बोला - हुम्म... बहुत - .बहुत - बहुत ज्यादा खुश हूँ ।😁
    


        आरव कार में बैठे तब से देख रहा था कि वो लड़का (राहुल) सुलोचना के आगे पीछे घुम रहा था । जब राहुल ने सुलोचना का हाथ पकड़ा तो आरव का सब्र का बांध टूट गया । वो गुस्से में कार से आहर आया और सुलोचना का हाथ पकड़ कर मण्डी से बाहर ले लाया और अपना दांत भिचंते हुए पुछा - कौन था वो लड़का ? और क्या कह रहा था तुमसे ? हा ....! उसकी इतनी हिम्मत जो तुम्हारे आगे पीछे गुम रहा था । टेल मी !😡 बताओ कौन था वो ? सुलोचना अपना हाथ झटके से आरव से छुड़ा .कर बोली - तुम्हें उससे क्या ? वो कोई भी हो🤨 ? तुम्हारा मेरे से ऐसा कौन सा रिश्ता है । दोस्तो का या गर्लफ्रेंड बोयफ्रेंड का ?बोलो🤨 तुम कौन हो मेरे । जो मै तुम्हें बताऊं ? आरव गुस्से से अपने बालों में हाथ घुमाते हुए कहा - बॉस हूं मैं तुम्हारा । सुलोचना - हुह ... शायद तुम भूल रहे हो कि तुमने मुझे कब का अपने रेस्टोरेंट निकाल चुके हो । अब हमारे बीच कोई बॉस और इम्प्लोई का रिश्ता नहीं रहा । ये कह कर सुलोचना वहा से जाने लगी । तभी उसके दिमाग में कुछ खुरापात सुझा और वो चलते - चलते रुक गयी ।



क्रमशः ..
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रचनाएँ
❤️कसक प्यार की( मेरी सुलोचना )👁️
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ये कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है । इस कहानी का उद्देश्य किसी भी व्यक्ति या समूह को ठेस पहुंचाना नहीं है ।       आरव एक रेस्टोरेंट का मालिक है । आरव बाहर से दिखने में अकड़ू पर अंदर से मोम की तरह नरम दिल और सुलझा हुआ व्यक्ति है । वो किसी की भी मदद करने में पीछे नहीं रहता । चाहे वो इंसान गलत हो या सही । वो ये जाने बगैर ही मदद कर देता है ।  सुलोचना उस रेस्टोरेंट की वर्कर है ।सुलोचना  झल्ली समझदार और एक मेहनती लड़की है  । रेहान सुलोचना का दोस्त और उसकी जान है । अद्धिक आरव का बचपन का दोस्त और  पार्टनर है । उन दोनों  में सगे भाईयों जैसा प्यार  हैं । आरव सूलोचना का हाथ पकड़कर लगभग खींचते हुए रेस्टोरेंट के बाहर ले गया । आरव गुस्सा से आंख लाल किए सूलोचना को बाजू से पकड़कर एक एक शब्द पर जोर दे कर पूछ रहा था । तुम समझती क्या हो अपने आप को ? तुम कौन हो मेरी ? दोस्त या फिर गर्लफ्रेंड क्या रिश्ता है हमारा ? जब कोई रिश्ता ही नहीं है तो तुम मेरे काम में टांग मत  अड़ाया करो । लालची हो तुम । तुम मेरे पैसे लेकर रख लेती हो ।  कभी मुझे वापस किया तुमने । कभी नहीं । तुम सोची कि मैं तुम से पैसे मांगूंगा  नहीं और  तुम  मेरे पैसे लेकर अमीर बनने का सोचने लगी होगी । है ना । ओ .. अच्छा अब समझा कहीं तुम मुझे जो ज्ञान बाटती फिरती हो ,इसे मत दो उसे मत दो कहीं उसका किराया तो नहीं लेती हो । यह भी हो सकता है । ⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐ इतने इल्ज़ाम और बेइज्जती के बाद क्या सुलोचना आरव को सही गलत का फर्क समझायेगी ? क्या सुलोचना साथ देगी आरव का ? ये जानने के लिए इस कहानी को पढ़िये । ❤️ रितिका सिंह✍🏻
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आपने पिछले भाग में देखा सुलोचना - हुह ... शायद तुम भूल रहे हो कि तुमने मुझे कब का अपने रेस्टोरेंट निकाल चुके हो । अब हमारे बीच कोई बॉस और इम्प्लोई का रिश्ता नहीं रहा ।

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