कल्पना और सभी छात्रों के लिए गौरव की बात होती है सब बहुत खुश होते हैं सबसे बड़ी बात रोशनी कोमा से बाहर आ गई होती है और दूसरी बड़ी बात कॉलेज जीत चुका होता है सब खुश होते हैं चाची बहुत ज्यादा खुश होती हैं मोहनदास सुमन सब खुशियों से झूमने लगते हैं रोशनी का पति जो लाख प्रयास करके भी उसे कोमा से बाहर न ला सका
जब रोशनी कोमा में थी उसका पति उसका बहुत ख्याल रखा वह हर दिन रब से दुआ करता था की रोशनी जल्दी से ठीक हो जाए उसका पति जिसका नाम प्रमोद है प्रमोद एक साहसी कुशल समझदार व्यक्ति है रोशनी को बहुत समझता है रोशनी के हर फैसले की इज्जत करता है वह एक इंसान है इस भले बुरी की पहचान है वह पशु पक्षी जानवरों आदि सबसे प्रेम करता है वह कभी किसी की भावनाओं को छोटी नहीं करता उसका भी अपना एक परिवार है उसके परिवार के कुछ कायदे और कानून है जो रोशनी के परिवार से बिल्कुल अलग है प्रमोद को उसकी चाची ने पाला है वह अपने मां पिता से कभी-कभी मिलता है वह बचपन से ही अपनी चाची के साथ रहता था इसलिए वह अपनी चाची का हर फैसला मानता है और चाची भी से बहुत प्यार करती हैं अपने बच्चों से भी ज्यादा प्रमोद भी अपनी चाची से बहुत प्यार करता है अपने मां पिता से भी ज्यादा इसलिए कोई भी फैसला उसके लिए उसकी चाची करते हैं चाची की बात वह कभी नहीं डालता उसकी चाची का नाम माधुरी रहता है माधुरी एक अनुशासन प्रिय महिलाएं उन्हें सब चीज एक अनुशासन में रहना चाहिए टाइम पर खाना-पीना रहना बाहर घूमने उनकी पहली पसंद है जिस समान की जहां जगह है वह वही रहे बिखरी हुई समान और बिखरे हुए लोग उन्हें बिल्कुल पसंद नहीं है इसलिए उनके सामने लोग बहुत कम बोलते हैं
माधुरी भी नपी तुली बातें बोलतीं है लेकिन उनकी बातों में वजन होता है ऐसी माहौल में रोशनी को एडजस्ट कर पाना थोड़ा सा मुश्किल होता था लेकिन फिर भी रोशनी कभी किसी से कोई शिकायत नहीं करती थी
माधुरी दिल की बहुत अच्छी महिला थी वह कभी किसी से नफरत नहीं करती थी ना ही किसी का बुरा सोचती थी लेकिन हां थोड़ी कड़वी थी रोशनी की कोमा से बाहर आते ही वह इस उसे गले लगती है
माधुरी रोशनी को बिल्कुल एक मां की तरह प्यार करती है
माधुरी का मानना है की रोशनी को अपने नृत्यकालेज ऑटो से जाने की जरूरत नहीं है घर में कार है उसे कार से जाना चाहिए
लेकिन रोशनी रोज नृत्य कॉलेज ऑटो से ही जाती है वह सोचती है कर से जाएंगे तो ज्यादा महंगा पड़ेगा जो पैसे कर से जाने में खर्च करेंगे उसे किसी ट्रस्ट में दे देंगे किसी का भला होगा
फालतू खर्च नहीं करना चाहिए वैसे भी मैं प्रमोद का पैसा नहीं खर्च कर सकती
रोशनी की इस हरक़त से माधुरी परेशान हो जाती है और प्रमोद से कहती हैं रोशनी मेरी एक बात भी नहीं सुनती नाक कटा के रख दिए इस लड़की ने
मोहल्ले वाले लोग क्या सोचेंगे इतनी बड़ी घर की बहू ऑटो से जाती है पर इसे तो हमारी इज्जत की कोई चिंता है ही नहीं अब तू ही समझा इसे मेरी इज्जत को इस तरह ना उछाले यह
प्रमोद को गुस्सा आता है वह रोशनी पर चिल्लाते हैं रोशनी क्या तुमने माधुरी चाची की बात नहीं मानी जब माधुरी चाची कहती है कि तुम कॉलेज ऑटो से मत जाओ तो फिर क्यों जाती हो पैसे मेरी खर्च होंगे ना इस घर के खर्च होंगे ना तुम्हें उससे क्या तुम आज से ऑटो से नहीं जाओगी तुम कार से जाओगी आई बात समझ अगर इस घर में रहना है तो इस घर की कायदे और कानून को मानना होगा समझी तुम
चुकी रोशनी एक स्वाभिमानी लड़की है वह किसी का कुछ नहीं लेना चाहती फिर भी परिवार को जोड़े रखने के लिए वह कार से जाने की बात मान जाती है और वह अब हर रोज ऑटो से नहीं बल्कि कार से कॉलेज जाती है
रोशनी घर का पूरा काम करती है छात्रों को नृत्य सिखाती है वह अपने काम को पूजा समझा उसे पूरे शिद्दत से करती है कभी किसी को कोई शिकायत का मौका नहीं देती वह घर में सबकी बड़ी इज्जत करती है कभी-कभी वह अपने मायके भी जाती है अपनी मां पापा से मिलने और रोशनी जो पैसे कम आती है उसे पैसे से वह अपने पापा को भी देती है उसके ऐसा करने से प्रमोद और उसके घर वाले को कोई एतराज नहीं होता है
एक बार रोशनी अपने पापा से मिलने अपनी मायका गई होती है तभी रंजना आती है और कहती दीदी मैं वकालत पढ़ना चाहती हूं और मैं वकील बनना चाहती है कैसा रहेगा आलोक भी वही रहता है वह फटाक से कहता है यह तो बहुत अच्छी बात है तू तो पढ़ने में बहुत अच्छी है तू वकालत जरूर पड़ेगी वकालत तुझे मैं पढ़ाऊंगा और रंजन वकालत पढ़ने लगती है वकालत की पढ़ाई पूरी करने की बात वह सरकारी वकील बन जाती है सरकारी वकील बनने के बाद रंजना की शादी हो जाती है कुछ दिन बितता है और अब आलोक की भी शादी हो जाती है
इस तरह मोहनदास का परिवार अब एक खुशी परिवार बन चुका होता है उनकी तीनों बेटियों की शादी हो गई होती है उनका एक बेटा उसकी भी शादी हो गई होती है वह इंजीनियर हो चुका होता है घर में आर्थिक तंगी अब नहीं रहती है उनकी जिंदगी अब खुशी-खुशी व्यतीत होने लगती है
रोशनी भी अपने परिवार और अपने कॉलेज में बहुत खुश रहती है कुछ समय बीतने के बाद रोशनी के घर में एक खुशहाली आती है रोशनी मां बनती है वह एक प्यारी सी बच्ची को जन्म देती है जिसका नाम रखती है परी
परी बहुत सुंदर थी उसकी बड़ी-बड़ी आंखें नन्ही नन्ही पर और होठों पर मुस्कान है
क्रमशः