मैंने जिंदगी से सीखा है कि सही समय पर सही फैसला ले लेना चाहिए, नहीं तो व्यक्ति को जिंदगी भर पछताना पड़ता है। फिर वह जीन्दगी भर यही सोचता रहता है कि काश मैने ये पहले क्यों नहीं किया। लेकिन ये भी ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि अगर सही निर्णय लेना है तो उसमें किसी भी प्रकार का बाहरी दबाव नहीं होना चाहिए। निर्णय में हमारी खुद की रूचि का होना अवश्य है। रूचि न होनें की स्थिति में आप वह कार्य सही से नहीं कर पाएंगे और आपका समय और कोई भी निर्णय लेते समय जल्दबाजी न करे और न ही अधिक समय ले, जिस प्रकार का आपको निर्णय लेना है उसके लिए पर्याप्त समय देना चाहिए, यदि कोई बहुत ही बड़ा निर्णय लेना है, तो उसके लिए उचित समय देना चाहिए और कोई छोटा निर्णय है, तो उसके लिए कम समय भी ठीक है | दोनो बेकार हो जायेगा | जब आप अपनी इच्छा के अनुसार कार्य करते है, तो उसे करते समय न आपको थकान होती हैं और न ही आपको आलस्य आता है, इससे आप अपनी क्षमता से अधिक कार्य करनें लगते हैं और आप की सफलता निश्चित हो जाती है | जब अपनी इच्छा के अनुसार कार्य करेंगे तो आप सदैव खुश रहेंगे |यदि आपनें भावनाओं पर अधिक ध्यान दिया तो,आप एक अच्छा निर्णय नहीं ले पाएंगे और उस एक गलत निर्णय के कारण बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता हैं, जिससे आपको मान-सम्मान, समय और पैसे की हानि हो सकती हैं
इसलिए कभी भी कुछ भी फैसला लेते समय, दिल से मत सोचो, जल्दबाजी मत करो, गुस्से में फैसला मत करो, दूसरे क्या सोचेंगे मत सोचो क्योंकि ये दूसरे कभी काम नहीं आते। अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो बाद में पछताने से कुछ नहीं होगा। फिर आप कहेंगे-
'अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत।'