कहते है अगर आपको past और फ्यूचर सुधारना हो तो आपको समय में आगे या पीछे जाना होगा और ये आज के जमाने में मुमकिन नहीं है कई सारे वैज्ञानिकों ने इस पर अपने अपने विचार दिए है कई वैज्ञानिकों का मानना है की हम समय में यात्रा कर सकते है तो कइयों का कहना है ये मुमकिन नही है चलो कुछ भी हो सबका अपने अपने विचार है आपको अब ज्यादा बोर ना करते हुए ले चलता हूं एक ऐसी जगह जहां पे सच एक वक्ति को समय में यात्रा करने का तरीका मिल गया है तो चलो चलते है उनके पास और देखते है क्या ये बात सच है चलो चलते है समयात्रा के एक सफर पर
उदयपुर में रहने वाले डॉक्टर आनंद कई वर्षो से रिसर्च में लगे हुए है उनका मानना था की हम समय में यात्रा कर सकते है उसी बार ये कई सालो से काम कर रहें है और आज उनकी मेहनत रंग लाने वाली है क्योंकि उन्होंने एक ऐसी घडी का निमार्ण कर लिया है जो समय को भी मात दे सकती है
"हां हां अब आएगा मजा आज आज मेरी वर्षो की मेहनत सफल हुई मैंने, मैंने कर दिखाया अब मैं समय में आगे या पीछे जा सकता हूं" - खुशी में झूमते हुए डा० आंनद खुद से कहते है
तभी अचानक हंसते हंसते उनकी आंसू आ जाते है और एक कमरे में चले जाते है और जहां पे एक फोटो रखी हुई है और उसपे माला लगी हुई है |
फोटो को देखकर डाo आंनद अपने आंसू पोछते हुए कहता है
"देखो सुमित्रा मैं आज कर दिखाया मैंने आज ये घड़ी बना ली देखो सुमित्रा मैं अब समय में यात्रा कर सकता हूं अब अब कोई गलती नही होगी पहले की तरह काश तुम यहां होती तुम देखती मेरी सफलता को " उनके आंसू बहते जा रहे थे
"जानती हो सुमित्रा मैं तुम्हे बहुत मिस करता हूं अब से नहीं होगा क्योंकि अब मैं तुमको अपने साथ ले आऊंगा समय में यात्रा करके बहुत जल्दी आ रहा हु मै अब तुम्हारे पास"
इतना कहकर डा० आनंद दूसरे रूम में चले जाते है और फिर उस घड़ी को निकलते है वो उस घड़ी को ऑन करते ही उसमे से तेज रौशनी निकलने लगी फिर कुछ देर बाद बंद हो गई
"अरे इसमें क्या हुआ ये बंद क्यों हो गई लगता है कुछ खराबी है मुझे इसको ठीक करना होगा और उसको ठीक करने लगते है
डॉक्टर आनंद पूरे घर में अकेले रहते है उनके साथ देने वाला कोई नहीं है दिन भर वो अपने प्रोजेक्ट पर लगे रहते है और बात करने के लिए सिर्फ एक फोटो है जो की है उनकी पत्नी सुमित्रा की उसी सी अपनी दिल की सारी बाते कर लेते है कभी हस के कभी रो के बस ऐसे ही जिंदगी उनकी कट रही है अब आपके मन में सवाल आ रहा होगा की उनकी पत्नी सुमित्रा की फोटो पे माला क्यों है क्या वो मर चुकी है इन सब बातो को जानने के लिए हमे फ्लैश बैक में जाना होगा
तो मैं आपको बता दूं उनकी पत्नी सुमित्रा की मौत का कारण डॉक्टर आनंद ही है तो कैसे चलिए देखते है
डॉक्टर आनंद अपने परिवार में बहुत हंसी खुशी से रहते थे उनके परिवार में उनकी पत्नी सुमित्रा उनका बेटा राज और उनकी बेटी भी थी जिसका नाम था पूर्णा
डॉक्टर आनंद एक कंपनी में as a साइंटिस्ट काम करते थे
आज सुबह वो अपने ऑफस के लिए निकलने वाले है
"सुमित्रा सुमित्रा अरे कहां हो यार मेरा टिफिन तैयार है या नही देर हो रही है मुझे, जल्दी करो "
"अरे आई बाबा बस 2 मिनट " किचन से सुमित्रा की आवाज आती है
"तुम्हारे इस दो मिनट के चक्कर में मुझे रोज लेट हो जाता है "- आंनद अपनी घड़ी में देखते हुए बोलते है
अभी अंदर से रेड साडी पहने हाथ में टिफिन लिए सुमित्रा आती है और आंनद उसको देखने लगता है और खो सा जाता है
"ये लीजिए अपना टिफिन , हेलो कहा खोए हो जी लिजिए टिफिन ,अब नही हो रही देर " - सुमित्रा आंनद के आगे हाथ हिलाते हुए कहती है
"वो हां क्या यार आज कमाल की लग रही हो इस लाल साड़ी में "
"क्या आप भी अब लिजिए टिफिन और जाइए "
सुमित्रा आंनद को टिफिन दे देती है और आंनद सुमित्रा को देखते हुए चला जाता है
और इसी तरह उनकी लाइफ कट रही थी और एक
सुमित्रा डाo आंनद को कॉल करती है और कहती है
"हेलो जी अजी काम से फुर्सत मिल जाए तो एक दिन हम लोगो को कही बाहर घुमा दो बहुत दिन से नही लेके गए आप बच्चे भी घूम लेंगे थोड़ा "
फोन से आनंद बोलता है
"यार तुमको तो पता है ना यहां पे बहुत काम रहता है छुट्टी नही मिल सकती "
"नही मुझे कुछ नही पता हम घूमने चलेंगे तो चलेंगे और आप अब अभी आ रहे हो बस बाकी मुझे कुछ नही पता "
"क्यों जिद कर रही हो "
सुमित्रा कुछ उत्तर नही देती है बस फोन कान में लगाए खड़ी रहती है
"हेलो कुछ बोलो अच्छा ठीक है ठीक है आता हूं किसी तरह छुट्टी लेके तुम नाराज हो जाती हो तो मेरी जान निकल जाती है ठीक है आ रहा " - इतना कहकर आंनद फोन काट देता है
फिर शाम को सभी लोग घूमने के लिए निकल जाते है सभी लोग आंनद गाड़ी चला रहा था
"आनंद आज कहां हम लोग जाने वाले है " - सुमित्रा पूछती है
"हां है एक मस्त सी जगह "
तभी देखती है की आनंद की आवाज में कुछ बदलाव है ऐसा लग रहा कैसे उसने शराब पी हो
"आनंद आंनद गाड़ी रोको"
"क्यों क्या हुआ ?"
"तुमने शराब पी रखी है और शराब पीकर गाड़ी चलाना नही चाहिए "
"अरे नही मैने ज्यादा नही पी थोड़ी पी है और मैं बहुत बार तो इससे ज्यादा पी के चला चुका हूं कुछ नही होगा मेरी जान तुम बस बैठी रहो " - आंनद सुमित्रा से कहता है
सुमित्रा के लाख मना करने के बावजूद वो नही माना और गाड़ी चलाने लगा | नशा धीरे धीरे आनंद पर असर कर रहा था उसके आगे की सारी चीजे धुंधली सी नजर आने लगी थी लेकिन फिर भी आंनद ने गाड़ी चलाना जारी रहा | एक समय ऐसा आया की उसका कंट्रोल गाड़ी से खो गया था उसको कुछ भी ठीक से नहीं दिखाई दे रहा था | तभी उसकी गाड़ी एक ट्रक से टकरा जाती है और को बेहोश हो जाता है |
जब आंनद को होश आया तो उसने खुद को एक हॉस्पिटल में पाया उठने की कोशिश करता है लेकिन उठ नही पता रहा था
"डॉक्टर डॉक्टर , कोई है " - आवाज देते हुए
तभी एक नर्स आती है
"आप अभी उठिए मत आपकी तबियत ठीक नहीं है "
"मेरी पत्नी और मेरे बच्चे कहां " - लड़खड़ाती आवाज में आंनद पूछता है
तभी डॉक्टर आते है और उनसे कहते है
"सारी माफ करना हम उन लोगो को नही बचा सके "
"क्या ऐसा कैसे हो सकता है , मैं क्यों नही मारा फिर ,सुमित्रा तुम ठीक कह रही थी मुझे शराब पीकर गाड़ी नही चलानी चाहिए थी " - इतना कहकर आंनद रोने लगते है
डॉक्टर आनंद को कुछ दिन आराम करने की सलाह देते है फिर कुछ टाइम बाद आंनद तो ठीक हो जाता है लेकिन अंदर से वो आज भी बीमार है
फिर आंनद अपने जो जॉब से रिजाइन दे देते है और फिर वो शहर छोड़कर दूसरे शहर में रहने लगते है
एक दिन
"मैं मैं तुमको वापस जिंदा करूंगा सुमित्रा देखना मैं समय को ही बदल दूंगा तुम ऐसे नही मर सकती , मैं एक ऐसी घड़ी बनाऊंगा जिससे मैं समय में आगे या पीछे जाया जा सकेगा फिर मैं समय में आकर खुद को रोक लूंगा शराब पीने से" - खुद से कहते है और फिर कई वर्षो तक खुद को एक कमरे में बंद रखते है और जुट जाते है समय यात्रा की घड़ी बनाने में
और आज उनका सपना पूरा हो गया है
"जो खराबी थी अब मैंने ठीक कर दी है अब ये घड़ी ठीक से काम करेगी सुमित्रा अब मैं तुमको बचा लूंगा " - घड़ी को हाथ में लेकर Dr आंनद दूसरे रूम में जाने लगते है तभी देखते है की बारिश होने लगी है
"O shit बारिश होने लगी है मेरा कोट तो छत पे सुख रहा है मैं इस घड़ी को ठीक करने के चक्कर में ध्यान ही नही दिया की बारिश होने लगी है अब क्या होगा मुझे यही कोट पहन के जाना था " - आंनद खुद से कहते है
फिर खुद याद करते हुए बोलते है
"अरे मुझे टेंशन क्यों लेना है जब समय मेरी मुट्ठी है अभी मैं पीछे जाकर सब ठीक कर देता हूं " - इतना कहकर डा o आंनद घड़ी को पहन कर उसका टाइम पीछे कर देते है फिर एक तेज रोशनी निकलती है उस घड़ी से | फिर वो खुद को उसी रूम में पाते है जहां पे वो कुछ टाइम पहले थे वो टाइम में पीछे आ चुके थे
"wow fantastic मैं समय में पीछे आ गया मैं एक बार टाइम चेक krta हु अभी कितना हुआ है , ये तो बारिश से पहले का टाइम है , अब मैं जल्दी से जाकर अपना कोट उतार लेता हूं बारिश होने से पहले "- इतना कहकर आंनद छत से अपना कोट उतार लेट है फिर देखते ही देखते बारिश होने लगती है
लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था उन्होंने पास्ट तो ठीक कर लिया लेकिन उनका furture ठीक नही था
तो क्या होने वाला है dr आंनद की जिंदगी में ये और क्या वो अपने आने वाली प्रोब्लम को अपनी समाया घड़ी से ठीक कर पायेंगे सारे सवालों का जवाब जानने के लिए पढ़ते थी "The time Story "