अपना दुःख भुला कर श्री बसंत वल्लभ पन्त जी ने संस्कृत से नाता जोड़ा डॉ शोभा भारद्वाजश्री बसंत वल्लभ जी 84 की उम्र में उत्साह से संस्कृत पढ़ने के इच्छुकलोगों को एक सप्ताह में दो दिन संस्कृत पढ़ाते है मैं एवं मेरी बहन उनकी पहलीछात्रा थी इससे पहले बचपन में मैने संस्कृत नाटिका शकुन्तला में भाग लिया था मे
संस्कृत भाषा के महत्व को मनाने के लिए संस्कृत दिवस (sanskrit day) मनाया जाता है। संस्कृत सभी भारतीय भाषाओ की जननी है। यह हिंदू धर्म की पवित्र भाषा है जिसका प्रयोग बौद्ध धर्म, जैन धर्म, सिख धर्म और हिंदू धर्म के दार्शनिक प्रवचनों के लिए
संस्कृत दिवस : 7 अगस्त#संस्कृत में #1700 धातुएं, #70 प्रत्यय और #80 उपसर्ग हैं, इनके योग से जो शब्द बनते हैं, उनकी #संख्या #27 लाख 20 हजार होती है। यदि दो शब्दों से बने सामासिक शब्दों को जोड़ते हैं तो उनकी संख्या लगभग 769 करोड़ हो जाती है। #संस्कृत #इंडो-यूरोपियन लैंग्वेज
हिन्दी मूलतः फारसी भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ है- हिन्दी का या हिंद से सम्बन्धित । हिन्दी शब्द की उत्पति सिन्धु-सिंध से हुई है, क्योंकि ईरानी भाषा में ‘स’ को ‘ह’ बोला जाता है । इस प्रकार हिन्दी शब्द वास्तव में सिन्धु शब्द का प्रतिरूप है । कालांतर में हिंद शब्द सम्पूर्ण भारत का पर्याय बनकर उभरा । इस
संस्कृत किसी भाषा की मां नहीं है. किसानों ने कभी भी संस्कृत में अपनी फसल नहीं बेची. मछुआरों ने संस्कृत में मछली का रेट नही बताया. ग्वालों ने संस्कृत में दूध नहीं बेचा, सैनिक ने कमांडर से इतिहास में कभी भी संस्कृत में बात नहीं की, किसी मां ने बच्चे को संस्कृत में लोरी नहीं सुनाई, खेल के मैदान में कभी