=========महाभारत युद्ध के समय द्रोणाचार्य की उम्र लगभग चार सौ साल की थी। उनका वर्ण श्यामल था, किंतु सर से कानों तक छूते दुग्ध की भाँति श्वेत केश उनके मुख मंडल की शोभा बढ़ाते थे। अति वृद्ध होने के बावजू
द्रोण को सहसा अपने पुत्र अश्वत्थामा की मृत्यु के समाचार पर विश्वास नहीं हुआ। परंतु ये समाचार जब उन्होंने धर्मराज के मुख से सुना तब संदेह का कोई कारण नहीं बचा। इस समाचार को सुनकर गुरु द्रोणाचार्य के मन
किसी व्यक्ति के जीवन का लक्ष्य जब मृत्यु के निकट पहुँच कर भी पूर्ण हो जाता है तब उसकी मृत्यु उसे ज्यादा परेशान नहीं कर पाती। अश्वत्थामा भी दुर्योधनको एक शांति पूर्ण मृत्यु
महाभारत के शुरू होने से पहले जब कृष्ण शांति का प्रस्ताव लेकर दुर्योधन के पास आये तो दुर्योधन ने अपने सैनिकों से उनको बन्दी बनाकर कारागृह में डालने का आदेश दिया। जिस कृष्ण से देवाधिपति इंद्र देव भी हार गए थे। जिनसे युद्ध करने की हिम्मत देव, गंधर्व और यक्ष भी जुटा नहीं पाते थे, उन श्रीकृष्ण को कैद मे
जब सत्ता का नशा किसी व्यक्ति छा जाता है तब उसे ऐसा लगने लगता है कि वो सौरमंडल के सूर्य की तरह पूरे विश्व का केंद्र है और पूरी दुनिया उसी के चारो ओर ठीक वैसे हीं चक्कर लगा रही है जैसे कि सौर मंडल के ग्रह जैसे कि पृथ्वी, मांगल, शुक्र, शनि इत्यादि सूर्य का चक्कर लगाते हैं। न
एक गाना था " आज की रात बचेंगे तो सहर देखेंगे." वैसे ही इस महामारी से बचेंगे तो अच्छे दिन देंखेंगे. इसलिए अब इस धर्म और मजहब की बात छोड़ कर इस महामारी से बचने की सोचो. महाभारत में कोई नहीं जीता था, जो पांडवो की जीत बताते है, तो क्या व
mahabharat katha महाभारत की रचना महर्षि कृष्णद्वैपायन वेदव्यास ने की है, लेकिन इसका लेखन भगवान श्रीगणेश ने किया है.. महाभारत ग्रंथ में चंद्रवंश का वर्णन है.mahabharat katha में न्याय, शिक्षा, चिकित्सा, ज्योतिष, युद्धनीति, योगशास्त्र, अर्थशास्त्र, वास्तुशास्त्र, शिल्पशास्
कर्ण का अंतिम संस्कार महाभारत के युद्ध में जब कर्ण को अर्जुन ने मृत्युशय्या पर लिटा दिया तो श्री कृष्ण जी ने अर्जुन को महात्मा का भेस धारण करके आने को कहा और वह दोनो महात्मा के भेस में कर्ण के समीप पहुंचे श्री कृष्ण
महान कर्णमहाभारत के युद्ध में अर्जुन और कर्ण के बीच घमासान युद्ध चल रहा था अर्जुन का तीर लगने पे कर्ण का रथ 25-30 हाथ पीछे खिसक जाता और कर्ण के तीर से अर्जुन का रथ मात्र सिर्फ 2-3 हाथ हि खिसकता।इससे अर्जुन को अपने बाहुबल पर अभिमान होने लगा और वह कहने लगा देखा प्रभु मेरे प्रहारो
महाभारत एक युद्ध का नाम है , इसको महाभारत ही क्यों कहा जाता है, महायुद्ध क्यों नहीं कहा जाता. महा का मतलब या तो महान होता है या फिर सबसे बड़ा, तो इस महाभारत का मतलब हुआ महान भारत या बड़ा भारत? महान भारत और युद्ध, कुछ समझ से बाहर की बात नहीं है? जी बिल्कुल ये ज्यादातर लोगो क
महाभारत युद्ध और जीत किसकी? यह एक प्रश्न चिन्ह है उस समाज पर , उस युद्ध पर और आज वही इतिहास फिर से दोहराया जा रहा है. चीरहरण से बढ़कर बात अब बलात्कार तक पहुँच गई है, समाज के सम्मानित तब भी चुप थे और अब भी. शकुनि नीति आज कामया
हूणों की उत्पत्ति के विषय में विभिन्न मत- शकृत,शबर,पोड्र,किरात,सिंहल,खस,द्रविड,पह्लव,चिंबुक, पुलिन्द, चीन , हूण,तथा केरल आदि जन-जातियों की काल्पनिक व्युत्पत्तियाँ- महाभारत ,वाल्मीकि रामायण तथा पुराणों के सन्दर्भों से उद्धृत करते हुए चीन के इतिहास से भी कुछ प्रकाशन किया है।यद्यपि ब्राह्मणों द्वारा
महाभारत विश्व का सबसे बड़ा धर्मग्रन्थ है | महाभारत में बहुत सी ऐसी घटनाये हैं जिसके बारे में बहुत कम लोगों को मालूम है | आज हम आपको ऐसी ही एक घटना के बारे में बताने जा रहे हैं | जैसा कि हम सभी जानते हैं द्रौपदी का विवाह पाँचों पांडवों से हुआ था और उन्होंने अपने दायित्वों और पतिव्रता धर्म का भली प्रक
इस समय आमिर खान, दिवाली पर रिलीज हुई फिल्म 'ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान' के कारण चर्चा में है। फिल्म को खास पसंद नहीं किया जा रहा है, लेकिन पहले दिन फिल्म ने आय का नया कीर्तिमान बनाया है। अब आमिर अपने अगले प्रोजेक्ट में व्यस्त होने जा रहे हैं। लंबे समय से चर्चा है
दाम्पत्येभिरुचिहेतमायैव व्यावहारके। स्त्रीत्वे पुंस्तवे च हि रितर्विप्रत्वे सूत्रमेव हि।। अर्थात-कलियुग में पुरूष और स्त्री बिना विवाह के ही केवल एक-दूसरे में रुचि के अनुसार साथ-साथ रहेंगे। यानी कि लिव इन में रहेंगे। मनमुताबिक महिला के संपर्क में रहेंगे जब मनभर जाएगा तो द
हिंदू धर्म में राम नाम का बड़ा महत्व है। तीन बार इस नाम का जप भगवान के नाम का 1000 हजार जप करने के बराबर होता है। यहां जब किसी को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जाता है तब लोग 'राम नाम सत्य है' कहते जाते हैं। जब कि कभी किसी खुशी के महौल में इस चार शब्दों का एक साथ उच्चारण नहीं किया जाता है। जिससे
समाज बदल रहा है, इसलिए हम बदल रहे है. समाज नहीं बदलता , बदलते हमारे ख्यालात है, जिससे बदलता समाज है. समाज में हो रहे बुराइयों को हम बदलते समाज पर दोष देकर अपना पल्ला झाड़ लेते है, जबकि ये समाज बदला है तो वो हमारे ख्यालात से बदल
रामायण और महाभारतकाल में विमान होते थे, ऐसा हमने अपने बड़ों से सुना है और हिन्दू धर्मग्रंथों में भी इसका वर्णन किया गया है। हाल ही में एक सनसनीखेज जानकारी सामने आई है। इसके मुताबिक अफगानिस्तान में एक 5000 साल पुराना विमान मिला है...रामायण और महाभारतकाल में विमान होते थे, ऐसा हमने अपने बड़ों से सुना
धर्म का वो ढाल है.. अधर्म का वो काल है.. सोलह कलाओं से परिपूर्ण है.. नारायण का स्वरूप है.. मीरा जिसकी पुजारी.. राधा का है मुरारी.. रहीम का मुरलीधर है, गोकुल का चक्रधारी.. कंस का संहारक.. अधात्म का प्रचारक.. अर्जुन का गीता ज्ञान है, धर्म का विचारक.. देवकी का दुलारा.. वो जानकी का प्यारा.. वृंदावन