मैं एक अध्यापक हूँ . मैं साहित्य में रूचि रखता हूँ. मैंने हिंदी, पंजाबी , उर्दू ,इंग्लिश और रशियन साहित्य का गहन अध्ययन किया है.
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आज बैसाखी का पवित्र त्यौहार है. आज ही के दिन दशम गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह ने आनंदपुर की पवित्र धरती पर खालसा पंथ की नींव रखी थी. उन्होंने समाज के निचले तबके के लोगों को अमृत चखा कर शेरों की एक महान क़ौम को जन्म दिया था. आज सोशल साइट्स पर जब लोगों को बैसाखी की शुभकामनायें देते देखा तो सोचने को मज़बू