#प्रेमजाल
#प्रेमजाल उसका आईने मे खुद को निहारना और मेरा चोरी चोरी उसे निहारना प्रतिदिन की बात थी। उसके मन मे मेरे प्रति क्या विचार थे, मै कभी नही समझ सका। शायद मुझे वह कुछ भी नहीं समझती थी, इग्नोर करती थी वह मुझे। मेरा होना ना होना उसके लिए बराबर था। उसके लिए मेरी हैसियत उस कमरे मे टंगे कलेंडर, टेब