नमस्कार 🙏
आप सभी को शरद पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं |
दोस्तों हमारी सनातन संस्कृति में हर दिन एक त्योहार होता है जिसको हम बहुत ही धार्मिक तरीके से मनाते हैं | इससे हमें सकारात्मक ऊर्जा मिलती है और प्रेम और सौहार्द का भाव बना रहता है |
उसी क्रम में आज शरद पूर्णिमा का त्योहार है |
शरद पूर्णिमा आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है | या यूं कह लें आश्विन नवरात्र के बाद पढ़ने वाली पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहा जाता है | पूरे वर्ष में चंद्रमा की सबसे शीतल किरण इसी दिन होती हैं ऐसा वैज्ञानिकों खगोल शास्त्रियों का भी मानना है |
आइये जानते हैं इस त्योहार के बारे में काफी कुछ :-
● इसको जागृति रात्रि पूर्णिमा के नाम से जानते है अतः इस दिन रात्रि जागरण की परंपरा है |
● कई जगह इसको कुमार पूर्णिमा के नाम से भी जानते हैं मान्यता है इस दिन कुँवारी कन्या अच्छे और योग्य पति की कामना के लिए भगवान कार्तिकेय की पूजा करती हैं जिससे उनकी इच्छा अवश्य पूरी होती है | शाम के समय चंद्रमा की पूजा करने के बाद अपना व्रत खोलती हैं |
●मान्यता है इस दिन धन कि देवी माँ लक्ष्मी अपने वाहन उलूक पर बैठकर अपने आराध्य भगवान विष्णु के साथ भूलोक का भ्रमण करने आती है और उन्हीं के स्वागत में चन्द्र देव सभी 16 कलाएं करते है|
●मान्यता है इस रात चन्द्रमा की चाँदनी से अमृत बरसता है जो कई प्रकार से रोगो के लिए औषधि का काम करता है|
●पूर्णिमा तिथि का स्वामी भी स्वयं चंद्रमा ही है, इसलिए उसकी किरणों से इस रात अमृत की वर्षा होने की मान्यता है | आयुर्वेद के अनुसार रातभर इसकी रोशनी में रखी खीर खाने से रोग दूर होते हैं |
●शरद पूर्णिमा को कोजागर पूर्णिमा और रास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है |
अब चर्चा करते हैं शरद पूर्णिमा के सबसे बड़े रहस्य यानी कि शरद पूर्णिमा और खीर की ☺️
दोस्तों आज कल के युग मे कई लोग ऐसे होते हैं जिनको आप बोल दो की चन्द्रमा की रोशनी में खीर रखने से वो औषधि का कार्य करती है तो वो अट्टहास करने लगते हैं अतः उनके लिए ये लॉजिक है :-
शरद पूर्णिमा की शुरुआत ही वर्षा ऋतु के अंत में होती है।| इस दिन चांद धरती के सबसे करीब होता है, रोशनी सबसे ज्यादा होने के कारण इनका असर भी अधिक होता है| इस दौरान चांद की किरणें जब खीर पर पड़ती हैं तो उस पर भी इसका असर होता है | रातभर चांदनी में रखी हुई खीर शरीर और मन को ठंडा रखती है| ग्रीष्म ऋतु की गर्मी को शांत करती और शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाती है | यह पेट को ठंडक पहुंचाती है | श्वांस के रोगियों को इससे फायदा होता है साथ ही आंखों रोशनी भी बेहतर होती है |
चांद की रोशनी में कई रोगों का इलाज करने की खासियत होती है | चंद्रमा की रोशनी इंसान के पित्त दोष को कम करती है | एक्जिमा, गुस्सा, हाई बीपी, सूजन और शरीर से दुर्गंध जैसी समस्या होने पर चांद की रोशनी का सकारात्मक असर होता है | सुबह की सूरज की किरणें और चांद की रोशनी शरीर पर सकरात्मक असर छोड़ती हैं | - जानकारी प्राप्त डॉक्टर किरण
एक मान्यता के अनुसार मान्यतों के अनुसार खीर को संभव हो तो चांदी के बर्तन में बनाना चाहिए | लॉगिंक ये है चांदी में रोग प्रतिरोधकता अधिक होती है इससे विषाणु दूर रहते हैं |
खीर का महत्व इसलिए भी है कि यह दूध से बनी होती है और दूध को चंद्रमा का प्रतीक माना गया है, चंद्रमा मन का प्रतिनिधित्व करता है |