आप सभी को कार्तिक पूर्णिमा , महापुरुष गुरुनानक जयंती , देव दीपावली , प्रकाश पर्व , और गंगा स्नान सभी पर्व की मेरी ओर से शुभकामनाएं |
कार्तिक पूर्णिमा और स्नान
दोस्तों मेरा जन्म गंगा के किनारे फाफामऊ में हुआ है जो भी इस स्थान को जानते होंगे उनको पता होगा कि यहां से माँ गंगा कुछ मीटर पर ही हैं |
कार्तिक पूर्णिमा के दिन हम सभी गंगा स्नान को जाते थे और एक मेला सा लगता था घाट पर जिसकी खूबसूरती देखने लायक होती थी |
दोस्तों त्रिपुरासुर राक्षस का नाम आप सबने सुना होगा | जब उसका आतंक चरम पर पहुच गया तब सभी को उसके आतंक से मुक्ति दिलाने के लिए भगवान शिव ने उस राक्षस का संहार कर दिया | जिस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस का संहार किया था जिसके बाद सभी देवताओं ने गंगा स्नान किया था | वह कार्तिक पूर्णिमा का दिन था | इस कारण इसको त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहते हैं |
देव दीपावली
दीपावली महोत्सव के 15 दिन बाद पूर्णिमा के दिन समस्त देवी-देवता स्वर्ग से धरती पर आते हैं और गंगा स्नान करने के बाद दीपोत्सव का त्योहार मनाते हैं | देव दीपावली पर लोग अपने घर पर दीए और सुंदर-सुंदर रंगोली से मुख्य द्वार को सजाते हैं |
गुरु नानक जयंती और प्रकाश पर्व :-
एक ओमकार सतनाम करता पुरखु,
निरभउ निरवैरु अकाल मूरतिअजूनी सैभं गुरप्रसादि ||
सिख धर्म के पहले गुरु नानक देवजी की जयंती हर साल कार्तिक पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है | गुरु नानकजी की जयंती प्रकाश पर्व के रूप में मनाई जाती है। क्योंकि नानक देवजी ने कुरीतियों और बुराइयों को दूर कर लोगों के जीवन में नया प्रकाश भरने का कार्य किया | उन्होंने समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने के लिए अपने पारिवारिक जीवन और सुख का ध्यान न करते हुए दूर-दूर तक यात्राएं की और लोगों के मन में बस चुकी कुरीतियों को दूर करने की दिशा में काम किया |
भारतीय संस्कृति की यही विशेषता है कि यहां आपको हर दिन एक त्योहार मनाने को मिलते हैं जो जीवन मे खुशहाली के रंग भर देते हैं | उसमें अगर 1 दिन में ही कई पर्व पड़ जाए तो सोने पर सुहागा ||
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