भारत एक ऐसा देश जहां हर दिन त्यौहार का उल्लास जिसका हर पल खुशनुमा एहसास देता है |
दोस्तों अभी दीपावली के पर्व समाप्त हुए और छठ पूजा का रीजनल त्योहार हुआ | उसकी यादें खत्म हुई नही की आज फिर एक त्यौहार 😊 यही तो है भारत की शान |
कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी का सभी एकादशियों में सबसे बड़ी एकादशी मानी जाती है और इस दिन को देवोत्थान एकादशी के नाम से भी जानते हैं
आइये जानते हैं इसके पौराणिक महत्व को :-
दोस्तों पौराणिक मान्यता के अनुसार विष्णु भगवान इसी दिन क्षीर सागर में सोने के चार माह के उपरांत जगे थे|
अर्थात वो आषाढ़ की शुक्ल पक्ष की एकादशी को सोए थे जिस दिन को देव शयन एकादशी कहते हैं और कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी को जगे थे जिस कारण इसको देवोत्थान या देवउठान एकादशी कहते हैं |
जिन चार महीनों में भगवान विष्णु सोए थे उनमें मांगलिक कार्य शुभ नही माना जाता है और आज के दिन से मांगलिक कार्यक्रम शुरू होते हैं | इस कारण इसको प्रबोधिनी एकादशी भी कहते हैं |
तुलसी विवाह
आज के ही दिन माता तुलसी का विवाह शालिग्राम जी के साथ हुआ था |अतः आज के दिन तुलसी मा की वेडिंग एनीवर्सरी भी होती है | जिसको काफी धूमधाम से उनका पूजन करके तुलसी व शालिग्राम के शादी के वैवाहिक आयोजन की परंपरा पूरे रीति रिवाज से करने के बाद भजन कीर्तन करते हैं | और शाम को घर को दीपक से सजातें हैं |
गन्ने का महत्व
दोस्तों दिल्ली में तो मुझे ये परम्परा नही देखने को मिलती है पर इलाहाबाद और कानपुर में इस दिन रात में घरों में चावल के आटे का चौक बनाकर उसपर गन्ने से पूजा की जाती है. कहते हैं जिस घर में ये पूजा होती है उस पर भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है|
दरिदर खदेड़ना
अगली सुबह उसी गन्ने से सूप पर पीटकर घर के कोने कोने में बजाया जाता है मान्यता है इससे घर मे दरिद्रता अगर किसी कोने में होती है तो वो दूर हो जाती है | इस काम मे मुझे पर्सनली बहुत मजा आता था पर दिल्ली में ये रिवाज़ गुम सा है और अगर यहां अगर सूप पर गन्ना पीट दिया सूर्योदय से पहले तो पड़ोसी से झगड़ा ही हो जाएगा 😀| इसलिए जैसा देश वैसा भेष करके श्रद्धा भाव और दिल से भगवान को नमन कर लेती हूं |
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