कोई करता है शायरी शौक से,
कोई शायरी करता है शौक में.
हुए बर्बाद इश्क में हम इस कदर ,
हम तो करते है शायरी शोक में.
कुछ करते है सोच आला दिमाग़ से,
हम तो करते है दिल की आवाज़ से.
दीवानगी उनकी शायरी की इस दुनियां पे है,
हमारी शायरी तो कैद अपनी दुनियां में है. (आलिम)