4 अक्टूबर 2021
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🌿🌸अयं आत्मा ब्रह्म 🌸🌿D
<div>मृद मोहक देख छटा हरि की मन मोह गया बन चातक सा</div><div>सुध खोय गई रस पान किया जब माधव के उर लो
<div>नाग गले लिपटे रहते,</div><div>तन भस्म रमा शिव सिद्ध हुए है,</div><div><br></div><di
<div>भोर हुई जब पूरब से नव अर्क लिए नव प्राण लिए,</div><div>कोमल शीत बयार चले नव तेज लिए नव जोश लिए<
<div>अदम्य अतुल साहस है जिनका, </div><div>और प्रचंड सिंह सी ह