मेरे अपने मुझे खुद को ही प्रभावित करने वाले शब्द
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शब्द ऐसी तलवार है जिनसे अगर हजारों दोस्त बन सकते हैं तो लाखों दुश्मन भी तैयार किये जा सकते हैं। ये तो बस हम पर निर्भर करता है कि हमें कौन ज्यादा पसंद है, दोस्त या दुश्मन!
शब्द की अपनी शक्ती है, कभी वह खामोशी से काम करती है, कभी जोर से। ये तो बस सुनने और सुनाने वाले पर निर्भर करता है।
शब्द किसी के लिए ताकत हैं और किसी के लिए कमजोरी।
शब्दों का चुनाव सावधानीपूर्वक करना चाहिए, यह व्यकित का भाग्य परिवर्तन की क्षमता रखते हैं।
सही समय, सही व्यक्ति, सही बात, सही परिणाम लेकर आती है।
ईश्वर पर विश्वास भाग्य का उदय करता है, बस यह हम पर निर्भर है कि वह वि़श्वास है या अंधविश्वास!-अमर सिंह-
स्वयं का जानना, मानना और उसका निरन्तर विश्लेषण करना तथा स्वयं को अपने बीते कल से बेहतर बनाना मृत्यु के भी पार जाने वाला अमृत सूत्र है।
आज पूछ ही लिया परछाई से,क्यूं चलती है मेरे साथ।उसने हँसकर कहा,और कौन है तेरे साथ।
एक बार किसी ने एक महान फकीर से एक सवाल पूछा - ऐ मेरे आका, मुझे यह कैसे पता चले कि क्या काम सही है और क्या काम गलत?इस पर उस पहुंचे हुए फकीर ने मात्र दो शब्दों में इसका बड़े ही आसानी से जवाब दिया - “जो भ