बेटी तो बेटी होती हैं,सृष्टि को तो यही संजोती ।सृष्टि ही जीवन का आधार,बेटी हैं खुशियों का भण्डार।।-सर्वेश कुमार मारुत
घबराहट है, डर का साया है आतंकवाद ने घमासान मचाया हैमजहब या कि जिहाद के नाम पर आतंकवाद ने मौत का खेल खिलाया हैआतंकी किस मजहब का ? यह तो मानवता का दुश्मनइसमें बस आतंक समाया है मासूमों की जान से खेलाआतंकी ने सब में डर को है घोलायह ना हिन्दु, ना यह मुस्लिम यह तो ब