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स्वच्छ भारत

2 अक्टूबर 2019

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स्वच्छ भारत सोच रही हूँ मैं सुबह से, स्वच्छ भारत पर क्या लिखूँ🤔 ये अरमान है प्रधानमंत्री का, या फर्ज है हम सब का🤔 अपना घर साफ करते हम, कूड़ा उठाकर बाहर डाल देते हम🤦🏻‍♀ जैसे अपना घर ही अपना है😇 बाकी का भारत बस पी एम का सपना है.. 🤷🏻‍♀ नगरपालिका आएगी तो ये करेगी😛, नगरपालिका आयेगी तो वो करेगी,🧐 अरे फर्ज है उसका तो वही करेगी,😏 सफाई बाहर की क्यों *सखी* और सखी की अम्मा करेगी..🤨 हर जगह खाकर छिलके ये फेकेगी,🤓 मगर सफाई सरकार करेगी,😛 पॉलीथिन में सामान ये लाएगी बेचेगी,😄 मगर पर्यावरण को सरकार ही बचाएगी,😇 सरकार जब अभियान चलाएगी,😃 तो भी सबसे अंतिम ये आएगी..🚶🏻‍♀ अब क्या लिखूँ स्वच्छ भारत पर,🤔 ये सरकार का नारा है🙋🏻 या बापू कहते है स्वच्छ रखो ये देश हमारा है🤩 सोच सोच के दिमाग से पैदल हो गई,🚶🏻‍♀🚶🏻‍♀ तो सोचा चलो दिमाग की कसरत हो गई..🤪 बाहर देखा स्कूल के कुछ बच्चे सफाई कर रहे थे,😲 और बड़े उनके आस पास से गुजर रहे थे..🤦🏻‍♀ कुछ तो मन से सफाई करते जाते😎, क्लीन भारत जोर से चिल्लाते जाते,🙃 कुछ को सफाई करने में शर्म आती,🤭 कुछ के मुंह से टीचरों और पी एम के लिए गाली निकलती.😷. एक दिन की छुट्टी वो भी मारी गई,🙆🏻‍♀ सफाई का अभियान क्यों चलाया, क्या सरकार की बुद्धि मारी गई..🤣 अब बोल सखी तू क्या लिखेगी,🤔 सफाई मन से करेगी, या बस उपदेश ही देगी🤔 सफाई करके क्यों साफ स्वच्छ रहना है,😁 क्यों बीमारियों से हमें बचना है,🤓 वो पुराना जमाना था मेरी माँ कहती🧐 तब मच्छर तो क्या कोई बीमारी भी न होती,🙆🏻‍♀ मैं सोचने लगी मरते तो लोग तब भी थे,🤔🤔 बस रोग का पता कभी न कर पाते थे,😊 करो सफाई ये फर्ज है हमारा,🤨 न समझो इसको पी एम का नारा,😇 साफ स्वच्छ रहोगे तो ही धरा बचेगी,🙂 दिखोगे स्वस्थ तो इंसान हो दुनिया कहेगी,😃 रह जाओगे हड्डियों का बस एक ढांचा,🤪🥴 भरी जवानी में "तुमसे न होगा कुछ भी चाचा" दुनिया कहेगी। 🤣😛😄😝 अब तो सखी स्वच्छ भारत लिखेगी,😁😁😄 भारत माँ को बनाओ सुंदर सबसे कहेगी...🤩😁😁😌 ©सखी
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रचनाएँ
Adhuraishq
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सुनो ! ये इश्क़ क्यों अधूरा है, जबकि इसमें तुम हो मैं हूँ..
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आप

17 जुलाई 2019
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आप अजीब शब्द लगता है मुझे क्यूंकि जब लोग मिलते हैं तो अजनबी होते हैं तो आप बोलते हैं. . मगर तुम जब गुस्सा होते थे तब बोला करते , या फिर तब जब बहुत प्यार से बात करनी होती

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लड़की

18 जुलाई 2019
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खेलती- हँसती मुस्कुराती हुई लड़की, बचपन खुशी से हाँ जीती हुई लड़की, घर में ही रहने की हिदायत मिली है, आने जाने की टोक सहती हुई लड़की। हर कदम पर ताना सुनती हुई लड़की,

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वो यादें बचपन की

10 अगस्त 2019
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कितने खेले खेल बचपन में , याद आएंगे वो उम्र पचपन में। गिल्ली डंडा, लट्टू को घुमाना, गिलहरी में फिर साथी को सताना। खो खो बड़ा पसन्दीदा लगता, अंटी तो माँ को ही अच्छा न लगता। जमा करते बड़े भैया जब अंटी, माँ डाँट कर घर से बाहर फेंक देती। सांप सीडी में साँप से काटे जाते, लूडो में तो हम कभी न हारते। गुड़िया

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शायरी

10 अगस्त 2019
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तेरे बिन भी कभी हमें जीना होगा सोचा कहाँ था, बिन धड़कन के भी दिल धड़केगा सोचा कहाँ था, हमको तेरी खबर जमाने से अब तो मिलने लगी हैं, तू इस तरह हमसे बेखबर हो जाएगा सोचा कहाँ था। ©सखी

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वो ग़ज़ल है

23 सितम्बर 2019
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उनके लबों से निकला हर शब्द ग़ज़ल है,उनकी आंखों में रहता समंदर भी ग़ज़ल है,उनके गेसुओं पे कभी जो एक शब्द कह दूं,मेरे लिए तो वो एक हर्फ़ भी पूरी ग़ज़ल है।घटाएं बसती हैं उनकी जुल्फ की छाँव में,वो घटा अल्फाज में आ जाय वही ग़ज़ल है। उनके लबों से निकला हर लफ्ज़ ग़ज़ल है,उनकी तारीफ भी मेरे

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मेरा गाँव

23 सितम्बर 2019
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मेरा गाँव अब शहर सा हो गया है, बाकी तो नहीं पता, कंक्रीट पत्थर लिया है।मेरा गाँव अब शहर हो गया है।थे कई घर मेरे गाँव में मेरे, जहाँ पड़ जाती नींद आ जाती थी,इन मखमली गद्दों पे नींद आती नहीं,मेरा घर भी तो अब एक हो गया है।मेरा गाँव अब शहर हो गया है।पहले नीम की छांव ठंडक देती थी,सुराही का पानी ठंडा होता

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स्वच्छ भारत

2 अक्टूबर 2019
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स्वच्छ भारत सोच रही हूँ मैं सुबह से, स्वच्छ भारत पर क्या लिखूँ🤔 ये अरमान है प्रधानमंत्री का, या फर्ज है हम सब का🤔 अपना घर साफ करते हम, कूड़ा उठाकर बाहर डाल देते हम🤦🏻‍♀ जैसे अपना घर ही अपना है😇 बाकी का भारत बस पी एम का सपना है.. 🤷🏻‍♀ नगरपालिका आएगी तो ये करेगी😛, नगरपालिका आयेगी तो वो करेगी,🧐

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