वो यादें बचपन की
कितने खेले खेल बचपन में , याद आएंगे वो उम्र पचपन में। गिल्ली डंडा, लट्टू को घुमाना, गिलहरी में फिर साथी को सताना। खो खो बड़ा पसन्दीदा लगता, अंटी तो माँ को ही अच्छा न लगता। जमा करते बड़े भैया जब अंटी, माँ डाँट कर घर से बाहर फेंक देती। सांप सीडी में साँप से काटे जाते, लूडो में तो हम कभी न हारते। गुड़िया