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**तू चल**

11 अप्रैल 2022

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**तू चल..**.

कुछ करना हैअगर जीवन तुझे तो तू डटकर चल।
 इस भीड़ भरी दुनिया से तू जरा हटकर चल।
बने बनाए रास्ते पर तो सभी चलते हैं यहां। कभी इतिहास को तू  थोड़ा पलट कर चल। 

किसी और के साथ का तू इंतजार मत कर हरदम,
लक्ष्य सामने है तेरा उस पर नजरें  टिकाकर  चल।
 मिलेगा तेरी मेहनत का फल तुझको ,
यह कुदरत का नियम है।

 चलना ही तेरा कर्म और चलना ही तेरा धर्म।
तू कोई बाधा से न डर 
बस तू चल ,बस तू चल।।
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रचनाएँ
जिंदगी के रंग
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इस किताब में मैंने जिंदगी में मिलने वाली रिश्तों की खूबसूरती को अल्फाजों में पिरोकर कविता का रूप दिया है। हम अपने जीवन में कई रिश्तों को जीते हैं। सभी का अहसास अलग अलग होता है। कुछ रिश्तें प्रेम के ,कुछ दोस्ती के और कुछ रिश्तें परिवार से मिलते हैं। इन सब में सबसे बड़ा रिश्ता होता है इंसानियत का जिनकी बात सबसे ख़ास होती है। रिश्तों में उठते जज्बातों को,भावनाओं को मैंने शब्दों में पिरोने की कोशिश की है। बहुत बार ऐसा होता है कि हम अपने मन की बात ज़ुबां से नहीं बोल पाते तब कलम ही हमारी जुबान बन जाती है। इस किताब में मैंने उन भावनाओं को भी सामिल किया है जो मन जिंदगी की अलग अलग परिस्थितियों मैं महसूस करता है। कुछ कविताएँ ऐसी भी जो हमें कठिन स्थितियों में प्रेरणा देती है। जीवन में हार न मानकर आगे बढ़ते रहने में दर्शन करती है। बस ये सारी भावनाओं का संग्रह है ये किताब । आशा करती हूँ आपसभी को ये किताब पसंद आयगी।
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**मेरी बहन **(एक प्यारा सा रिश्ता)

2 अप्रैल 2022
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**मेरी बहन**जीवन की कड़ी धूप में ठंडी फुहार -सी है ये बहनें। बहुत खुशकिस्मत हूं मैं कि मेरे पास है बहुत समझदार और प्यारी प्यारी दो बहनें।। खोलती हूं जब यादों के झुरमुट को वो पल बहुत या

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तुम

3 अप्रैल 2022
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*तुम*मेरी आँखों के पलको पे बसे आँसुओं के पहरे में तुम। मेरे हर दर्द के स्याह अंधेरें में तुम। मेरे हर गीत के साज का आधार हो तुम। जो कभी न पुरा हो वो हसीन खाब हो तुम। क्षितिज के इस

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अगर चल सको तो अंत तक चलना

3 अप्रैल 2022
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*अगर चल सको तोअंत तक चलना*अंत वो जो अंतहीन हो। अंत वो जो विस्तार हो।अंत वो सागर सा गहरा हो। अंत वो जो दिव्य प्रकाश हो। अंत वो जो सूरज की पहली किरण हो। अंत वो साम का ढलता सूरज हो।अं

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आँखें (दिल की जुबां)

3 अप्रैल 2022
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"आँखें"डूबती- उतरती भावनाओं का शैलाब है ये आँखें। संसार की खूबसूरती को दिखाती बड़ी लाजबाव है ये आँखें।। सागर - सी अनंत गहराई को खुद में समेटे। कभी गम तो कभी खुशी की भावनाओं की सौग

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कविता (दिल की जुबान)

6 अप्रैल 2022
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*कविता *मन के उलझते धागे जब अल्फाज बनकर उतरते हैं कागज पे तब बन जाती है कविता। आँखों में डूबते उभरते जज्बात को बयां कर जाती है कविता। भागती -दौड़ती जिंदगी में एक खूबसूरत विराम लगा देती

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*अभी बहुत कुछ करना बाकी है*

6 अप्रैल 2022
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*अभी बहुत कुछ करना बाकी है*जिंदगी तुमसे अभी बहुत कुछ सीखना बाकी है।मन के दहलीज पे कुछ सपने छुट गए है जो, उसे पुरा करना बाकी है। सुख दुख के आती जाती yलहरों के बीच फिर से तैर कर उस पार जाना बाकी है

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*आज की नारी हूँ मैं*

6 अप्रैल 2022
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आज की नारी हूं मैंनारी हूं !आज की खुले आसमान में उड़ना चाहती हूं मैं । बांध अपनी जिम्मेदारियों का जूड़ा अपने सपनों को पूरा करना चाहती हूं मैं ।। अबअपनी जुल्मों का शिकार नहीं बना सकता कोई मुझ

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**संतुष्टि**

6 अप्रैल 2022
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" संतुष्टि "अगर पानी है जीवन में संतुष्टि कुछ ख़ास किया जाए। ख़ुद के लिए तो हमेशा कुछ न कुछ करते है हम। आज किसी रोते हुए चेहरे पेमुसकान लाया जाए।। कितने लोग लगे रहते है यहाँ बस रोटी की

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**प्यार तुम्हारा*

6 अप्रैल 2022
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* प्यार तुम्हारा *प्यार तुम्हारा एैसा,जैसे खड़ी धूप में ठंडी हवा का झोंका। हृदय में मेरे तेरी छवि है,देखूं तुम्हें हि जब भी बंद करूँ मैं अपनी अँखियों का झरोखा।। प्यार तुम्हारा एैसा,जैस

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**बाल मजदूरी**

6 अप्रैल 2022
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"बाल मजदूरी"पड़ी मार गरीबी की ऐसी तिनका-तिनका बिखर गया,चंद पैसों के खातिर बच्चों का मासूम जीवन न जाने कहाँ खो गया॥ जिन कन्धों पे बैग उठाऐ स्कूल की ओर बढ़ना था,अपने सपनों को पुरा करने के खात

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**ये तेरी मेरी यारी**

6 अप्रैल 2022
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"तेरी मेरी यारी "यूँ जिंदगी की राह में रिश्ते मिले हैं मुझे बहुत सारी। पर उनमें जो सबसे प्यारा और खूबसूरत है वो है तेरी मेरी यारी।। मेरे हर पल के साथी हो तुम तेरे साथ सारी बातें साझा क

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**अहसास के रंग**

8 अप्रैल 2022
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*एहसास के रंग*कुछ अनकहे एहसास, कुछ अनसुनी,बातें और कुछ अनछुए रिश्तों को शब्दों में पिरोकर कुछ आज लिखा है। मैंने कुछ ख़ास लिखा है। । कुछ यादें हैं,कुछ सपने हैंऔर कुछ रिश्तें हैं जो दूर होकर भ

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एक उम्मीद

8 अप्रैल 2022
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**एक उम्मीद**हर रोज एक दर्द साथ सोता है कोई। हर सुबह एक नई उम्मीद के साथ उठता है कोई। दिन के उजाले में लगता है हर गम कहीं खो जाएगा। बस ये सोचकर कितने अरमानों से अपने घर के अरमानों को सं

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**जिंदगी तेरे हर अहसास को जिऊँ**

8 अप्रैल 2022
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**जिंदगी तेरे हर एहसास को जिऊँ*"🌹🌹दिल तो ये कहता है जिंदगी तेरे हर एहसास को जिऊँ। तुम्हें खुद में समेटकर आते जाते हर एक सासँ में जिऊँ। गुजरे हर लम्हें को भुला दूँ, बस आने वाले खूबसूर

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🏓रंग प्रीत के🏓

8 अप्रैल 2022
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*रंग प्रीत के *रंग प्रीत के जब से लगे हैं मुझे। मैं हर रंग से बेगानी हो गई हूँ।। लोग कहते है अब मुझे। मैं अपने पिया की दीवानी हो गई हूँ। । रंग प्रीत के लगा के ख़ुद को,किसी और

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💖मोहे रंग दे💖

8 अप्रैल 2022
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* मोहे रंग दे *मोहे रंग दे अपने रंग में ऐसे सांवरिया। और किसी को मैं नजर ना आऊं।। तुझको पहनू तुझको हीओढूं अपने तन पे ।बस तुझमें ही सिमटती जाऊं। । मोहे रंग दे अपने रंग में ऐसे सांवरिया।&

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**रिश्ते **

8 अप्रैल 2022
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*रिश्ते*जिंदगी जीने का खूबसूरत आधार होते हैं ये रिश्ते। हर खुशी में चार चाँद लगा दे ,बड़े अनमोल होते हैं ये रिश्ते।। बड़े नाजुक होते हैं रिश्ते की ये डोर । कितनी भी कोशिश कर लो इ

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💖प्यार💖

8 अप्रैल 2022
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"प्यार"प्यार का एहसास भी जीवन में बहुत ही खास होता है। कोई पास ना होकर भी हमेशा दिल के पास होता है।। जिंदगी का हर रंग फीका है इस रंग के बिना। अब तो हर सुख दुख का एहसास भी तुम्हारे साथ होता ह

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**दहेज**

8 अप्रैल 2022
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**दहेज**देखो आज ईश्वर के दरबार में वक्त से पहले यह कौन आई है, फिर दहेज के भेंट चढ़ी इस अबला ने ईश्वर सेगुहार लगाई है।।हे ईश्वर मेरा क्या कसूर है मुझे बस इतना बतला दो, कोई मुझ जैसी फिर बलि न चढ़े सके उ

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**आजकल कुछ कुछ अपने मन का करने लगी हूँ मैं**

8 अप्रैल 2022
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*आजकल कुछ -कुछ अपने मन का करने लगी हूँ मैं*आजकल कुछ- कुछ अपने मन का करने लगी हूँ मैं। सुबह की चाय के साथ चंद पलों के लिए ही पर हर रोज अखबार के पन्ने पलटने लगी हूँ मैं। रखती

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**ये किसकी चित्रकारी है**

9 अप्रैल 2022
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**ये गुरुवाणी है या उनकी चित्रकारी**प्रकृति का है सौंदर्य अनोखा। चारों ओर छाई छटा मनोहारी है।। सोच रहा ये पुलकित मन मेरा।ना जाने इतनी खूबसूरत यह किसकी चित्रकारी है।। इन खूबसूरत वा

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**काग़ज**

9 अप्रैल 2022
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***कागज**मन के कोरे कागज पे उभरती है अकसर एक तस्वीर पुरानी। अंगराई लेती है यादों कि सुबह में एक अल्हड़ प्रेम कहानी। सम्हाल लेती हूँ अपने दिल के,मासूम अरमां ये सोचकर। कागज की कश्ती है मे

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**मेरा मन **

10 अप्रैल 2022
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मेरा मन...खामोसी को ख़ुद में समेटे हुए,मुस्कुराता हुआ मेरा मन!जीवन की पग डंडी पे ख़ुद को पाने की चाह में भटकता हुआ मेरा मन!तेरी हर रहमत पे शुक्रिया करती हूँ हर पल परकुछ है जिसे न पाने कि रंजिस में सजा

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**डूबा समंदर आज फिर **

10 अप्रैल 2022
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*डूबा समंदर भी*डूबा समंदर भी आज संसार की ऐसी हालत देखकर। चाओं तरफ छाई है मायूसी इस कदर। डरता है आज इंसान,इंसान की परछाई से। अपनों को देख पाना भी हो जाता है मुश्किल ऐसा है ये कुदरत का कह

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**तू चल**

11 अप्रैल 2022
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**तू चल..**.कुछ करना हैअगर जीवन तुझे तो तू डटकर चल। इस भीड़ भरी दुनिया से तू जरा हटकर चल।बने बनाए रास्ते पर तो सभी चलते हैं यहां। कभी इतिहास को तू थोड़ा पलट कर चल। किसी और के साथ का तू

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**सशक्त नारी**

12 अप्रैल 2022
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** सशक्त नारी**छोड़ चारदीवारी के घेरे को बनाने एक नई पहचान चली है। अपने हर कर्तव्य को पूरा करते हुए लिखने एक नया इतिहास चली है।कोमल है,कमजोर नही वो अपनी काबिलियत सबको दिखलाना है। पुरुष

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**रंग रंगीली होली**

12 अप्रैल 2022
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*रंग रंगीली होली *रंग रंगीली होली आई ।लाई खुशियों की सौगात।। भूल के सारे गिले शिकवे। प्रेम के रंग में रंग जाए एक साथ।। होली की इस हर्षित बेला पे,सबको मिले यश कीर्ति ,सम्मान औ

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**नारी हैं हम**

13 अप्रैल 2022
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**नारी हैं हम**तिनका तिनका जोड़ कर हमें अपना आशियाँ बनाना आता है। हम नारी है हमें कम में भी अपना संसार चलाना आता है। कुछ सपने हम भी देखते हैं वक़्त के झरोकें से ,मौका मिलते ही उसे पुरा करना

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**जिंदगी**

13 अप्रैल 2022
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कहाँ हारे ,कहां बिखरे, कहां टूटे, कहां सिमटे, कहां गिरे और कहाँ सम्मलें कुछ पता नहीं। छोटी-छोटी कोशिकाओं के साथ जीते हैं अपनी जिंदगी। कहां मिटे,कहां लड़खड़ाए,कहाँ छलके और कहाँ बहके कुछ

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**ये हरियाली**

14 अप्रैल 2022
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"ये हरियाली" बड़े प्यार से अंकुरित होकर धरती मां का सिंगार बन जाते हैं ये हरियाली। हवा में फैले जहर को खुद में समेट कर। ऑक्सीजन रूपी अमृत की वर्षा करते हैं ये हरियाली।वातावरण को हरा-भरा

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** अंतहीन सफर के हम राही**

15 अप्रैल 2022
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** अंतहीन सफर के हमराही**ये वो सफर है जिसकी शुरआत हुई तो पता न चला की ये वो सफर है जो कभी खत्म न होगी!सबकुछ तो है इस सफर में एहसास,जज्बातों का समंदर,विचारों कि महक और इबादत की हद तक मोहब्बत। ,अगर

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**दर्द मोहब्बत का**

15 अप्रैल 2022
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"दर्द " मोहब्बत का:- तुम्हारी कांपती नजरों में छुपे दर्द का हर फ़साना याद है। मुझे आज भी तेरा अंतिम बार मुझसे मिलने आना याद है ।। ना कुछ कह पाने के हालात में हम थे। और ना कुछ सुन प

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**दुआ**

15 अप्रैल 2022
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*दुआ *दिन रात मेरी दुआओं में बस तुम्हारे लिए ही फरियाद है। मिल जाए तुम्हें वो मंजिल जिसकी तुम्हें न जाने कब से तलाश है। तुम्हारी जीत भरी मुस्कान हम सबके लिए खुशी का पैगाम लेकर आय

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**अनमोल रिश्ते**

15 अप्रैल 2022
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*अनमोल रिश्ते*तुम्हारे हर दर्द को हमने अपने सीने से लगाया था। कोई रिश्ता नहीं था तुमसे फिर भी तुमसंग हर रिश्ता हमने निभाया था।।कुछ इस कदर अहसास जुड़ गए थे तुमसे मेरी ,की तुम्हारे पलकों के आँ

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**वर्षा ऋतु**

15 अप्रैल 2022
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*बरसा ऋतु*आई है वर्षा ऋतु लेकर बूँदों कि बहार। नाच रहें हैं मोर जंगल में अपनी ही धुन में होकर सवार।। सुखी धरती पर गिरती है जब,बारिश कि बुँदे छम- छमखिल उठते हैं चेहरे किसानों केनाच उठता है उनका तन

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