उड़न-छू 'गजल'
जो गया है आसमां में,
उसकी उम्मीद नहीं है आने की।
हाथों की लकीरें नहीं बदली,
तकदीर बदल गई है जमाने की।
11 दिसम्बर 2022
उड़न-छू 'गजल'
जो गया है आसमां में,
उसकी उम्मीद नहीं है आने की।
हाथों की लकीरें नहीं बदली,
तकदीर बदल गई है जमाने की।