रात का समय था। जब गीदह अपनी आवाज में गुर्रा रहे थे।मैं सहमी हुईं थीं और मेरे घर का दरवाजा बार बार खुल रहा था और बंद हो रहा था। अचानक उसकी छत का पंखा बहुत तेजी से फ़ुर्र... फ़ुर्र की आवाजें निकालने लगा।
मैं बहुत डर गई थी। जब मुझे एक काला साया अपनी तरफ आता हुआ दिखाई दिया। मैंने हिम्मत करके उस साया से कहा....दूर हट।