तोए-मोए के प्रीत 'गजल'
पल भर में परिंदा उठकर,
बदल जाता है पर्वत में।
आगे कुआं, पीछे समंदर,
हसीन नजारा दिखाता है... पनघट में।
कृति- चंद्रमौलेश्वर शिवांशु 'निर्भयपुत्र'
31 दिसम्बर 2022
तोए-मोए के प्रीत 'गजल'
पल भर में परिंदा उठकर,
बदल जाता है पर्वत में।
आगे कुआं, पीछे समंदर,
हसीन नजारा दिखाता है... पनघट में।
कृति- चंद्रमौलेश्वर शिवांशु 'निर्भयपुत्र'