13 दिसम्बर 2022
जीवनकाल
'लिबास' देखकर हमें गरीब न समझ,
हमारे 'शौक़' ही तेरी जायदाद से ज्यादा है।
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'सच की दहाड़'D
आई लव माई मदर 'कविता' न तो मां का प्यार मिला, न वो बाप के प्यार का फूल खिला। लुट गई मेरी मिन्नतें, फिर भी बच गई कुछ हसरतें। बचपन में मर गई मेरी मां, मर गया मेरा बाप। मिटी हुईं हस्त
मेरे बच्चे 'संपादकीय' सबसे सुंदर, सबसे अच्छे। नंगे हो या पहने हो कच्छे। काले-गौरे, प्यारे-प्यारे बच्चे। दुनिया में थलचर-जलचर, नभचर-निशाचर आदि कई प्रकार के जीव सार्वभौमिक अनुसरण करते हैं। ज्याद
रात का समय था। जब गीदह अपनी आवाज में गुर्रा रहे थे।मैं सहमी हुईं थीं और मेरे घर का दरवाजा बार बार खुल रहा था और बंद हो रहा था। अचानक उसकी छत का पंखा बहुत तेजी से फ़ुर्र... फ़ुर्र की आवाजें निकालने लगा
उड़न-छू 'गजल' जो गया है आसमां में, उसकी उम्मीद नहीं है आने की। हाथों की लकीरें नहीं बदली, तकदीर बदल गई है जमाने की।
जीवनकाल 'लिबास' देखकर हमें गरीब न समझ, हमारे 'शौक़' ही तेरी जायदाद से ज्यादा है।
मैरी क्रिसमस 'गजल' मैरी क्रिसमस, मैरी क्रिसमस, इस बार भी अच्छा... आना। देकर मुझको अनमोल उपहार, पल-भर में छू-मंतर मत हो जाना। चंद्रमौलेश्वर शिवांशु 'निर्भयपुत्र'
तोए-मोए के प्रीत 'गजल' पल भर में परिंदा उठकर, बदल जाता है पर्वत में। आगे कुआं, पीछे समंदर, हसीन नजारा दिखाता है... पनघट में। कृति- चंद्रमौलेश्वर शिवांशु 'निर्भयपुत्र'
एक झूठा सच 'कहानी' एक बार एक जंगल में एक सेब के पेड़ के नीचे एक हिरण सो रहा था। अचानक उसका सिर गर्म होने लगा। उसके सिर में बहुत तेजी से दर्द होने लगा। लेकिन, उसे दर्द महसूस नहीं हो रहा था। उसके पश्चा