shabd-logo

तुम्हारी यादो की किताब......🌺♥️

25 फरवरी 2023

25 बार देखा गया 25
तुम्हें गए काफी अर्सा बीत गया है। मगर एसा लगता है

तुम आज भी मेरे आस पास ही कहीं हो,,,,।जब तुम थे तो

तुमसे दो चार बाते कर लिया करती थी। पर अब तो ये

डायरी ही है जिससे मैं बाते किया करती हू। 

         आज बड़े दिन बाद जब मैंने तुम्हारी किताबों की

अलमारी मे लगे जाले साफ़ किए तो देखा किताबों पर भी

धूल की परत जम गई है। मैंने सोचा उन्हें भी साफ़ कर देती

हू। तभी कुछ गुलाब की पंखुड़ियां एक किताब से नीचे गिर

गई। मैंने उन्हें उठा के वापस किताब मे रखना चाहा तो

किताब के उस पन्ने पर मेरी निगाहें रुक गई ।जहां तुमने

प्यार से मेरा और अपना नाम लिखा था ।और उसे दिल मे

कैद किया था वैसे ही। जैसे आज तुम मेरे दिल मे हो।


        मुझे याद है ये किताब मैंने ही तुम्हें दी थी। क्योंकि

तुम्हारी किताब कहीं खो गई थी। और exam भी आने वाले

थे। मगर बाद मे तुमने मुझे बताया कि तुम्हारी किताब मिल

गई है तो मैं अपनी किताब ले लू। और फिर तुमने मेरी

किताब मे अपने प्रेम का इजहार पत्र रखा था। और हम दोनों

के नाम लिख के दिल बनाया था।


        मुझे भी तुम पसंद थे। मैंने तुम्हें कभी बताया नहीं पर

दिल ही दिल मे तुम्हें चाहने लगी थी। तुम्हें छुप छुप के देखा

करती थी। जिस दिन तुम college नहीं आते थे। मेरा मन

नहीं लगता था। अगर तुम पहल नहीं करते तो शायद मैं

कभी तुमसे कह ही नहीं पाती की मैं भी तुमसे प्यार करती

हू। तुम्हारे प्रेम पत्र को मैं दिन मे कई बार पढ़ती थी एसा

लगता था जैसे ये काग़ज़ नहीं तुम खुद हो।  


        मुझे याद है एक दिन मैं अपनी इसी किताब को लेके बिस्तर

 पर लेटी थी। और किताब के पन्नों के बीच तुम्हारा प्रेम पत्र खोल के

 पढ़ रही थी। और मुझे कब नींद आ गई पता ही नहीं चला । फिर

 सुबह जब माँ आई तो उन्होंने ये पत्र देख लिया और पिता जी को

 बता दिया। फिर घर मे जो हंगामा हुआ कि पूछो मत। मेरा

 college जाना भी बंद करवा दिया गया। 

लेकिन तुम्हें जैसे ही पता चला ये सब। तुम अगले दिन ही अपने

 मम्मी पापा को लेके मेरे घर आ गए और मेरे माँ पापा से मेरा हाथ

 मांग लिया,,,,,।राधिका अपने पुराने दिनों को याद करते हुए अपनी

 डायरी मे ये सब बाते लिख रही थी। आज सुबह जब उसने अपने

 कमरे की सफाई की थी तो उसी एक किताब और कुछ फूल मिले

 थे। जो आज से 50 साल पहले उसके प्रेमी ने उसे दिए थे। राधिका

 एक मध्यम परिवार की लड़की थी। 4 बहनों और एक भाई मे दूसरे

 नंबर पर थी। उससे बड़ी उसकी एक बहन थी और भाई सबसे

 छोटा था।


उसके पापा एक प्राइवेट मिल मे काम करते थे। और उसी से

 परिवार का गुजारा हो रहा था। गांव मे रहने के कारण राधिका को

 भी गांव की बाकी लड़कियों की तरह ही मान मर्यादा मे रहना

 पड़ता था। राधिका का रंग गोरा था। आंखे गहरी काली थी। नाक

 नक्स तो एसे की जैसे भगवान ने उसे फुर्सत से बनाया हो।और उस

 पर लंबे काले कमर तक के बाल। कोई भी एक नजर मे ही उसका

 दीवाना हो जाए। अमन भी राधिका के इसी रूप को देख के पहली

 नजर मे ही उसे दिल दे बैठा था। 


अमन राधिका के शहर मे ही रहता था। और राधिका जिस कॉलेज

 मे थी अमन ने भी वहीं एडमिशन लिया था। दोनों क्लास fellow

 थे। एक दिन अमन की नजर राधिका पर पड़ती है।राधिका अपनी

 सहेलियों के साथ हसते मुस्कुराते क्लास मे आई थी। अमन ने जैसे

 ही उसे देखा। वो तो उसी waqt राधिका का हो गया था। मगर

 उसमे इतनी हिम्मत नहीं थी कि तुरंत ही जाके अपने प्यार का

 इजहार कर दे।  


तो अमन ने पहले राधिका से दोस्ती की फिर एक साल तक दोनों

 की दोस्ती चली। उसके बाद एक दिन अमन ने हिम्मत करके

 राधिका को उसकी क़िताब मे अपना प्रेम पत्र दिया। जिसे पाके

 राधिका खुश तो बहुत थी लेकिन उसकी माँ ने ये पत्र देख लिया

 और घर मे हंगामा हो गया क्योंकि middle क्लास परिवार मे इस

 तरह लड़की का प्रेम करना और प्रेम विवाह करना ठीक नहीं माना

 जाता। और ज़्यादातर फैसले घर के बड़े बुजुर्ग लेते है जैसे बच्चों

 की शादी, उनकी पढ़ाई लिखाई, उनका करिअर,,,,। तो राधिका को

 भी अपना मन पसंद साथी चुनने का कोई अधिकार नहीं था।


वो तो अमन के माँ पापा थोड़ा खुले विचार के थे तो अमन के कहने

 पर राधिका के माँ पापा से बात करके दोनों की शादी करा दी।

 दोनों की जिंदगी बहुत ही खुशी से बीतने लगी। एक लड़का हुआ,

 उसे पढ़ाया लिखाया। लड़का जब बड़ा हुआ तो नौकरी करने

 परदेश चला गया। फिर एक दिन उसकी भी शादी की बहू आई, वो

 भी कुछ दिन ही अमन और राधिका के साथ गांव मे रही। उसके

 बाद बेटे के साथ परदेश चली गई।


घर मे अमन और राधिका ही बचे एक दूसरे का सहारा। समय के

 साथ साथ दोनों भी बूढे हो गए। फिर एक दिन अमन की एक लंबी

 बीमारी के बाद मौत हो गई। अब बुढ़ी राधिका अकेले ही घर मे

 थी। 

कुछ दिन बाद उसने कुछ लड़कियों को अपने घर मे किराये पर रख

 लिया ,जिससे मन लगा रहे। लेकिन वो लड़कियां भी अपने काम

 पर चली जाती और वापस थकी हारी आती और सो जाती। तो

 राधिका ने अपनी डायरी को ही अपने अकेलेपन का साथी बना

 लिया था और उसी से बाते किया करती थी।

Divyanjli verma की अन्य किताबें

3
रचनाएँ
इश्क की किताब
0.0
Divyanjli Verma द्वारा लिखी गई ये किताब छोटी छोटी प्रेम कहानियो का संग्रह है।

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए