Divyanjli Verma द्वारा लिखी गई ये किताब छोटी छोटी प्रेम कहानियो का संग्रह है।
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तुम्हें गए काफी अर्सा बीत गया है। मगर एसा लगता हैतुम आज भी मेरे आस पास ही कहीं हो,,,,।जब तुम थे तोतुमसे दो चार बाते कर लिया करती थी। पर अब तो येडायरी ही है जिससे मैं बाते किया करती हू। &nb
फिल्म देखते देखते उसने मेरे हाथो को पकड़ लिया।उसके मर्दों वाले हाथ मेरे नर्म हाथो पर पड़ते ही मैं सिहरगई। मेरा दिल जोर जोर से धड़कने लगा। मेरी सास भी तेजहोने लगी। एसा पहली बार था जब किसी लडके ने मेरा
पुरुष मकान बनाता है,घर उसको बनाती है नारी।रिश्ता चाहे कोई भी हो,दिल से उसे निभाती है नारी।Happy Womens day