गम के पास तलवार मैं उम्मीद की ढाल लिए बैठा हूँ..!
ऐ जिंदगी तेरी हर चाल के लिए मैं एक चाल लिए बैठा हूँ..!!
लुत्फ़ उठा रहा हूँ मैं भी आँख - मिचोली का..!
मिलेगी कामयाबी हौसला कमाल लिए बैठा हूँ..!!
चल मान लिया दो-चार दिन नहीं मेरे मुताबिक..!
गिरेबान में अपने सुनहरे साल लिए बैठा हूँ..!!
ये गहराइयाँ, ये लहरें, ये तूफाँ, तुम्हे मुबारक..!
मुझे क्या फिक्र मैं कश्ती बेमिसाल लिए बैठा हूँ...!