आई है मुझे भी ऊपर वाले कि आवाज
चाहता तो वो भी है मुझे बुलाना अपने पास
लेकिन मैं भी हूँ कि जिद पर अड़ी हूँ
मैं बोली उसे किसी के ख्वाबों की मैं परी हूँ।
अगर ले गया तू मुझे अपने साथ
फिर कैसे होगा पूरा बुढापे तक उसके सँग जीने का ख्वाब
वो बोला जाना तो तुझे पड़ेगा ही
इससे ज्यादा साँसे तेरे नसीब में नही।
मैं बोली तुझसे भी ज्यादा बलवान मेरे साजन का प्यार
वो है सँग खड़ा चाहे तू कर मेरा इन्तेजार
वो बोला तुझे बहुत तड़पाउँगा मैं
दूँगा इतना दर्द तू खुद से मौत को लगाएगा गले।
मैं बोली वो तो तू मुझे वैसे भी दे ही रहा है
हर एक पल मेरा दर्द से भर तू चुका है
अब ओर कितना तड़पाएगा तू
हूँ तेरी ही बेटी कभी तो रहम खाएगा तू।
हमारे प्यार का नही तो प्यार की निशानी का ही सोचेगा
उन दोनों नन्हे फरिश्तों की माँ तो तू नही छीनेगा
इतना तो मुझे भी मेरे शिव बाबा पर है विश्वास
इसीलिए लम्बी उम्र जीने की लगी हुई है बस आस।
इसीलिए हर दर्द बस हँस कर सह रही हूँ मैं
खुद के लिए नही मेरे अपनों के लिए जिये जा रही हूँ मैं
एक ना एक दिन हर रोग भाग जाएगा
पहले जो मुस्कुराता था वो चेहरा फिर मुस्कुराएगा।
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ॐ नमःशिवाय
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