बुरा ना मानो होली हैं.....।
सेजल.....अरे बेटा... सुन तो ले....।
सेजल:- अरे माँ डोंट वैरी.... मुझे पता हैं आप क्या कहना चाहते हैं..। ज्यादा दूर मत जाना, पके रंग मत लगाना, जल्दी वापस आना.....।
आशा:- और लड़कों से दूर ही रहना..! समझी..।
सेजल:- ओके माँ... बाय... ।
थोड़ी दूरी पर....
सेजल:- पूनम.... पूनम...।
पूनम:- अरे सेजल तु अभी जा रही हैं... मुझे लगा सिर्फ मुझे ही देर हो गई हैं..। स्वाति के घर ही जा रही हैं ना...।
सेजल:- हां यार उसको साथ लेकर फिर सब साथ में होली खेलेंगे... बहुत मजा आएगा... देख मैं ये वाले रंग लेकर आई हूँ.... तु कौन कौन से रंग लाई हैं....!
दोनों सहेलियों आपस में बातें करते हुए सड़क के किनारे से स्वाति के घर की ओर चल रहीं थी.... अभी कुछ कदम ही चलीं होगी की... दो बाईक सवार उनके पास से गुजरे और उन दोनों ने सेजल और पूनम पर रंगों से भरी हुई थैली में से एक एक पैकेट निकाला और उन पर ये कहते हुए डालना शुरू कर दिया:- बुरा ना मानो होली हैं....। फिर हंसते हंसते वहाँ से चले गए...।
ये सब इतना जल्दी हुआ की सेजल और पूनम को कुछ समझ ही नहीं आया...।
ना ही उन दोनों ने बाईक सवार को पहचाना क्योंकि वो पूरे रंगों से भरे हुए थे...।
कुछ पल सुन्न सी खड़ी होकर दोनों समझने की कोशिश करने लगी की आखिर हुआ क्या...!
लेकिन अगले ही पल दोनों खिलखिला उठी और बोलीं:- बुरा ना मानो होली हैं....। सच में यार ये अच्छा तरीका निकाला हैं लोगों ने.... होली भी खेल ली और पता भी नहीं चला किसके साथ खेली...।
दोनों इस बात को हल्के में लेकर स्वाति के घर की ओर चल दी..। कुछ ही मिनटों में वो दोनों वहाँ पहुँच गई....।
स्वाति:- अरे तुम दोनों तो पहले से ही रंगी हुई हो.... एक दूसरे को ही रंग लगा कर आ रहीं हो क्या..!
सेजल और पूनम मुस्कुराई और उन्होंने बाईक वाला किस्सा बताया..।
स्वाति:- कोई तुम पर बिना पूछे रंग लगाकर गया और तुम हंस रहीं हो..! ये गलत हैं...।
सेजल:- हां जानते हैं गलत है पर सब कुछ अचानक से हो गया समझ ही नहीं आया...। अभी छोड़ ना यार चल हम अपनी होली खेलते हैं...।
तभी पूनम :- स्वाति.... मुझे बहुत जलन हो रही हैं चेहरे पर... मैं तेरे घर से अपना मुंह धो सकतीं हूँ...?
स्वाति:- हां यार... ये भी कोई पूछने वाली बात हैं...। आजा...।
अभी पूनम और स्वाति भीतर ही थे और सेजल उसके घर के बाहर खड़ी होकर इंतजार कर रहीं थी की तभी वहीं बाईक सवार तेजी से आए और घर के बाहर खड़ी सेजल पर लाल रंग वाला गाढ़ा पानी उसके ऊपर डालकर बोले:- बुरा ना मानो होली हैं...।
और तेज़ रफ़्तार से निकल गए..।
इस बार भी सेजल कुछ समझ नहीं पाई... कुछ कर नहीं पाई....। लेकिन इस बार जो होने वाला था वो दिल दहला देने वाला था...।
कुछ सैकिंडो में ही सेजल को जबरदस्त जलन होने लगी... सेजल भागती हुई स्वाति के घर के भीतर गई और उसके घर के दूसरे बाथरूम में चली गई... और पानी का फव्वारा चला कर उसके नीचे बैठ गई और अपने आप को साफ़ करने लगी...।
वहीं पूनम मुंह धोकर बाहर आई तो देखा उसके चेहरे पर छोटे छोटे दाने जले हुए जैसे हो गए हैं...। वो तुरंत भागती हुई स्वाति को बताकर अपने घर चलीं गई..।
तभी दूसरे बाथरूम से सेजल के चीखने और रोने की आवाजें आने लगी...।
स्वाति और उसकी माँ ने दरवाजा खटखटाया और पूछा:- सेजल क्या हुआ.... तू रो क्यूँ रहीं हैं...!बाहर आ.... क्या हुआ....!
सेजल पानी से भीगी हुई, रोती हुई बाहर आई.... उसे देखकर स्वाति ने तो नजरें ही फेर ली....।
स्वाति की माँ भी चीख़ पड़ी...:- हे भगवान.... ये सब क्या हैं...!
स्वाति की माँ ने तुरंत डाक्टर को फोन किया और सेजल को हवा में बिठाया....।
सेजल का चेहरा बुरी तरह से जला हुआ था... ना सिर्फ चेहरा... उसके हाथों से चमड़ी अभी भी लटक रहीं थी...। उसके सिर के बाल तक काफी हद तक जल गए थे...।
कुछ मिनटों में ही डाक्टर आया.... तब तक स्वाति ने सेजल के घर पर भी फोन कर दिया था...।
सेजल की माँ और उसके पिता दोनों भी कुछ मिनटों में वहाँ आ गए थे...।
डाक्टर:- इन पर एसिड अटैक हुआ हैं.... किसी ने पानी में या रंग में एसिड मिलाकर इन पर डाला हैं...। एसिड बहुत ही प्रभावशाली था... लेकिन भगवान का शुक्र मनाईये की ज्यादा गहरे घाव नहीं हुए हैं...। हाँ चेहरा बहुत खराब हुआ हैं... उसके इलाज के लिए आपको इन्हें जल्द से जल्द सिटी हास्पिटल ले जाना होगा...। चेहरे की हालत ज्यादा खराब हैं..।
सेजल बुत बनकर बैठी थी.... अब उसने रोना भी बंद कर दिया था...।
डाक्टर :- बेटा और कहीं जलन हो रहीं हैं तुम्हें..?
सेजल खामोश... कुछ नहीं बोलीं...।
डाक्टर:- देखिए.... इन्हें हास्पिटल ले जाईये और इनसे बात करने की भी कोशिश किजिए... कई बार ऐसे केस में इंसान अपना मानसिक संतुलन भी खो देता हैं...। अच्छा अब मैं चलता हूँ...।
सभी ने सेजल से बार बार बात करने की कोशिश की पर सेजल सिर्फ एक ही बात बोले जा रहीं थी.... :- बुरा ना मानो होली हैं....।