धूल से पटी पड़ी एक किताब को झटक,उसके पुराने पन्नों को धीरे से पलटते रहा;अतीत को वर्तमान के झरोखे से झांकते रहा।मै पिछले कई वर्षों का हिसाब देखता रहा,अंधेरे में गुजारे कई दिनों को याद करता हुआ;सोचता रहा क्या ये उजियारा दिन हमेशा का हुआ।वक़्त ने मुझे अपने आप को तलाशने का मौका ना दिया,गुलाम भारत को स्व
हम मानते है कि भारत विश्वगुरु था. और हमें फिर से विश्वगुरु बनना है. सबसे अच्छी बात ये है कि इस के लिए कोई भी देश प्रतिस्पर्धा में नहीं है. सभी देश अपनी अर्थव्यवस्था को बढ़ाने , अपने वैज्ञानिक स्तर को ऊँचा उठाने, अपनी जनता को खुशहाल बनाने में लगे है. अमेरिका और चीन दुनियाँ की सबसे बड़ी ताकत
मंदिर वैदिक काल में एक ऐसी जगह होती थी जहाँ समाज का सबसे बुद्धिमान ब्यक्ति रहता था एवं वो उस समाज की गतिविधियों को देखते हुए आगे की रणनीति तय करता था। अपने अपने समाज की उन्नति के लिए लोग मन्दिरों में इच्छानुसार दान देते थें ताकि उस विद्वान को समाज के हित हेतु किये जा रहे