कई खतरनाक बिमारियों का कारण बन सकता है विटामिन डी की कमी
जब हमारी त्वचा धुप के संपर्क में आती है तो हमारा शरीर में विटामन डी निर्माण की प्रक्रिया आरम्भ होने लगती है। विटामिन डी वसा घुलनशील प्रो-हार्मोन का एक समूह होता है। यह हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी हैं। इसके कमी से शरीर में कई बिमारीयाँ होती हैं।
विटामिन डी स्वासथ और हमारे हड्डियों को मजबुत करता हैं। इसकी मदद से हमारा शरीर कई खतरनाक संक्रमण से लडने में मदद करता हैं। यह हमारे शरीर के पोषक तत्व के साथ साथ हमारे शरीर में बनने वाला हारमोन भी हैं। जो शरीर को कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फॉस्फेट और जिंक को सोखने में मदद करता है।
विटामिन डी दो प्रकार के होते हैं।
- विटामिन डी 3 – जो सूर्य की रौशनी के हमारी त्वचा से सम्पर्क में आने पर निर्मित होता है।
- विटामिन डी 2 – जो पौधों द्वारा निर्मित होता है।
विटामिन डी की कमी के लक्षण
- हड्डियों में दर्द।
- मांशपेशियों में कमजोरी।
- बिना अधिक मेहनत किये थकान होना।
- सर से पसीना आना ये कुछ अजीब लग सकता है लेकिन बाकी शरीर की तुलना में सर से अधिक पसीना आना विटामिन डी की कमी का संकेत हो सकता है।
- बार-बार इन्फेक्शन होना भी विटामिन डी की कमी करता है। दरअसल, हमारे प्रतिरक्षा प्रणाली यानि प्रतिरोधक क्षमता का महत्त्वपूर्ण हिस्सा “टी-सेल्स” विटामिन डी द्वारा ही ठीक से सक्रिय होते हैं। और इसकी कमी व्यक्ति को बार-बार बीमार कर सकती है।
- बार-बार सांस लेने से सम्बंधित समस्या का होना भी विटामिन डी की कमी का सिम्पटम हो सकता है।
- विटामिन डी हड्डियों की मजबूती के लिए ज़रूरी है, क्योंकि ये खाने में मौजूद कैल्शियम को प्रयोग करने में शरीर की मदद करता है। विटामिन डी की कमी से रिकेट्स की बीमारी हो सकती है, ये एक ऐसी बीमारी है जिसमे हड्डी का ऊतक ठीक से धातु के रूप में बदलते नहीं हैं, जिसके वजह से हड्डियाँ नर्म हो जाती हैं और बॉडी का शेप बिगड़ जाता है।
- विटामिन डी की कमी के कारण पैर सीधे ना होकर आर्क शेप में मुड़ जाते हैं।
- हड्डियों में दर्द जो शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है।
- वृद्ध लोगों में संज्ञानात्मक बधिरता की समस्या,परेशानी को याद रखना, नई चीजें सीखना, ध्यान केंद्रित करना या निर्णय लेना जो उनके रोजमर्रा के जीवन को प्रभावित करते हैं। हो सकती है जिसमे कुछ याद रखने, नयी चीजें सीखने, इत्यादि में समस्या पैदा हो जाती है।
विटामिन डी की कमी के कारण
आप धूप से बहुत अधिक बचते हैं, दूध पीना आपको पसंद नहीं और साथ ही आप शाकाहारी भी हैं तो हो सकता है आपके अन्दर विटामिन डी की कमी हो या निकट भविष्य में हो जाए।
विटामिन डी का कम मात्रा में सेवन जो सख्त शाकाहारी आहार लेने से हो सकता है। क्योंकि विटामिन डी प्राकृतिक रूप से ज्यादातर मासांहारी चीजों में पाया जाता है।
धूप में बहुत कम निकलना। जैसा कि हम बता चुके हैं विटामिन डी तब बनता है जब आपकी स्किन सुरज की किरण के संप्रक में आते है, इसलिए अगर आप हमेशा घर में ही रहते हैं,या ऐसी जगहों पर रहते हैं जहाँ धूप कम आती है या हेमशा धूप से बच कर रहते हैं तो आपके अन्दर विटामिन डी की कमी हो सकती है।
अगर आपकी त्वचा सांवली है तो गोरी त्वचा वाले लोगों के मुकाबले सही मात्र में विटामिन डी प्रोड्यूस करने के लिए आपको दस गुना सूर्य अनावरण की आवश्यकता होती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपके स्किन पिगमेंट्स प्राकृतिक सनस्क्रीम की तरह काम करते हैं, और डार्क स्किन में ये पिगमेंट अधिक होते हैं इसलिए ऐसी स्किन वाले लोगों को पर्याप्त मात्र में विटामिन डी प्रोड्यूस करने के लिए देर तक धूप में रहना पड़ता है।
अगर आपकी किडनी विटामिन डी को उसके सक्रिय रूप में बदल नहीं कर पाती है तो भी विटामिन डी की कमी हो सकती है। जैसे-जैसे लोगों की उम्र बढती है किडनी की विटामिन डी को सक्रिय रूप में बदलने की क्षमता घट जाती है, और विटामिन डी की कमी का खतरा बढ़ जाता है।
यदि आपका पाचन तंत्र विटामिन डी ठीक से अवशोषित नहीं करता है तो भी विटामिन डी की कमी हो सकती है। कुछ बीमारियाँ जैसे कि क्रोहन रोग, सिस्टिक फाइब्रोसिस और सीलिएक रोग भी आंत विटामिन डी ग्रहण करने की क्षमता घटा सकती है।
मोटापा भी विटामिन डी की कमी का कारण हो सकता है। मोटापे की वजह से वसा कोशिकाएं खुन से विटामिन डी अवशोषित कर लेते हैं, जिससे रक्त परिसंचरण में इसकी कमी हो जाती है। जिन लोगों का बीएमआई 30 से अधिक होता है, उन लोगों में अक्सर विटामिन डी की कमी पायी जाती है।
विटामिन डी की कमी का उपाय
- सूरज की रौशनी में समय बिता कर सूरज से निकलने वाली अल्ट्रा वायलेट - बी किरणें हमारी त्वचा से मिलकर विटामिन डी बनाती हैं। इसलिए अगर हम अपनी दैनिक दिनचर्या में कुछ वक़्त सूरज की किरणों के बीच रह कर बिताएं तो की कमी आसानी से और प्राकृतिक तरीके से विटामिन डी की कमी दूर हो सकती है।
- विटामिन डी की कमी दूर करने के लिए आपको ऐसी चीजों का सेवन करना चाहिए जिसमे विटामिन डी पाया जाता हो। विटामिन डी युक्त आहार लेकर जैसे
- मछलियाँ,मछली के जिगर के तेल,अंडे की जर्दी, दुध,संतरे का रस,मशरूम,पनीर।
- बाज़ार में आज बहुत सी दवाएं उपलब्ध हैं जिन्हें लेकर हम विटामिन डी की कमी दूर कर सकते हैं। लेकिन कभी भी सीधे बाज़ार से लेकर इनका सेवन नही शुरू कर देना चाहिए क्योंकि हर एक इंसान की आवश्यकता अलग होती है और डॉक्टर ही आपको सही-सही बता सकता है कि कितनी मात्रा में और कितने दिनों तक आपको विटामिन डी की खुराक लेनी चाहिए।