सर्दी-जुकाम किसी को भी हो सकता है। इसके कई कारण हो सकते हैं। कभी मौसम में बदलाव तो कभी ठंडा गरम खाने से भी जुकाम हो सकता है। आमतौर लोग इसे गंभीर समस्या नहीं मानते।
सर्दी-जुकाम के लक्षण आमतौर पर तीन से 10 दिनों बाद कम होने लगते हैं, हालांकि बहुत छोटे शिशुओं में ये दो हफ्ते तक जारी रह सकते हैं। लेकिन अगर आपका बच्चा बार-बार सर्दी-जुकाम से परेशान हो रहे हैं तो ये आपके लिए गंभीर संकेत हो सकते हैं। बच्चों में होने वाली सर्दी-जुकाम की यह समस्या रात के समय या बच्चे के रोने पर और भी तीव्र हो सकती है।
बच्चों को होने वाली सर्दी-जुकाम के कई कारण हैं।
सर्दी-जुकाम मुंह, नाक और गले का इनफेक्शन है, जो कि बहुत से अलग-अलग विषाणुओं में से किसी एक की वजह से होता है। शिशुओं को जुकाम ज्यादा इसलिए होता है, क्योंकि इम्यून सिस्टम अभी पूरी तरह विकसित नहीं होती। वह अभी संक्रमणों से लड़ने की शक्ति विकसित कर रही होती है।
जब सर्दी-जुकाम से ग्रस्त कोई व्यक्ति छींकता या खांसता है, तो जुकाम के विषाणु हवा में फैल जाते हैं और किसी अन्य व्यक्ति में सांस के जरिये अंदर पहुंच जाते हैं। इसी तरीके से जुकाम एक से दूसरे व्यक्ति तक फैलता है। ये विषाणु हाथ से हाथ के संपर्क से भी फैलते हैं। इसलिए नाक छिनकने के बाद हमेशा अपने हाथ धोएं।
बच्चों को होने वाली सर्दी-जुकाम के घरेलू उपाय
आप बच्चों को होने वाली सर्दी-जुकाम में शुरुआती लक्षणों में घर पर ही उसका इलाज कर सकते हैं। इसके लिए चंद घरेलू उपाय भी आजमाये जा सकते हैं।
- शहद और नींबू- एक छोटे पैन में चार नींबू का रस, उनके छिलके और एक चम्मच अदरक की फांके लें। इसमें इतना पानी डालें सारी चीजें इसमें डूब जाएं। इसे ढककर 10 मिनट तक उबालें। फिर तैयार पानी को अलग कर लें। अब इस तरल पेय में उतनी ही मात्रा में गुनगुना पानी और स्वाद के लिए शहद मिला लें। तैयार गुनगुने नींबू-पानी को दिन में 4-5 बार शिशु को चम्मच से पिलाएं।
- हल्दीं वाला दूध- सर्दी-खांसी होने पर हल्दी बहुत काम आती है। स्तनपान कर रहे बच्चे के लिए अपने स्तन पर थोड़ी-सी हल्दी- लगा लें। जिससे बच्चाा जब दूध पिएं तो वह हल्दीि का सेवन कर ले। अगर बच्चाी बोतल से दूध पीता है तो दूध में थोड़ी-सी हल्दीब मिला लें। फिर बच्चेव को पिलाएं। बच्चे को दिन में दो बार हल्दीत वाला दूध पिलाने से राहत मिलेगी।
- पेट्रोलियम जैली- बच्चे की नाक पर पेट्रोलियम जैली लगायें। बच्चेम की नाक पर पेट्रोलियम जैली की मोटी परत लगायें। इससे उसे काफी सुकून मिलेगा। बच्चेप की नाक जहां पर अधिक लाल और सूजी हुई हो, वहां पर जैली अधिक मात्रा में लगायें।
- वेपर रब- अपने तीन महीने से अधिक आयु के बच्चेा के लिए आप वेपर रब का इस्ते माल कर सकते हैं। बच्चों के लिए सुरक्षित वेपर रब का इस्तेचमाल करें। वेपर रब से बच्चेत की नाक, छाती, गला और कमर पर मालिश करें। इससे बच्चोंर को सुकून भी ठंडक का अहसास होता है और उन्हेंब सांस लेने में आसानी होती है।
- गर्म तरल पदार्थ पिलायें- अपने छोटे बच्चेस को तरल पदार्थ गरम करके दें। अगर आपका बच्चाा छह महीने से अधिक आयु का है, तो आप उसे चिकन सूप, गर्म हर्बल टी दे सकते हैं। आप चाहें तो उसे सेब का रस भी गर्म करके पिला सकते हैं। गर्म तरल पदार्थ गले में खराश व सूजन से राहत दिलाते हैं। इसके साथ कंजक्शलन, दर्द और थकान को भी दूर करने में मदद मिलती है।
- यूकीलिप्टस तेल- यूकीलिप्टस तेल की कुछ बूंदें बच्चे को सूँघा दें । इसकी कुछ बूंदें बच्चे के बिस्तर पर छिड़कने से भी आराम आ सकता है । इससे भी बच्चों की सर्दी खांसी की तकलीफ में आराम आ जाएगा।
- लहसुन- लहसुन की दो कलियाँ छील कर उन्हें 50 मीली पानी में 10 मिनट के लिए छोड़ दें। इस पानी को ठंडा करके 2 घूंट अपने जिगर के टुकड़े को दें। यह पानी हर 2-3 घंटे में उसे पीने को दें तो बच्चे को सर्दी खांसी से आराम आ जाएगा। लेकिन ध्यान रखें की यह पानी चार वर्ष से ऊपर के बच्चों को ही पीने को दें।
- तुलसी पत्ते- तुलसी के पत्तों में बहुत औषधीय गुण होते हैं। छोटे बच्चों को सर्दी–खांसी ठीक करने के उपाय के रूप में इन्हें पानी या दूध किसी भी प्रकार से मिलकर पिया जा सकता है। तुलसी के कुछ पत्तों को पानी में भिगो कर एक घंटे के लिए रख दें और दो वर्ष से ऊपर के बच्चों को यह पीने के लिए दिया जा सकता है।
- सरसों के तेल की मालिश- 5-10 चम्मच सरसों के तेल में पिसे हुए लहसुन और अजवाइन के बीज का तड़का दें । इसके ठंडा होने पर इसे छान कर एक बोतल में भर लें। जब भी आपको लगे की बच्चों को सर्दी–खांसी की शुरुआत हो तो इसकी हल्के हाथ से बच्चे के माथे, गले और छाती पर मालिश करें। तकलीफ से तुरंत आराम आना शुरू हो जाएगा।
- घी- छोटे बच्चों को सूखी खांसी होने की स्थिति में 2 बड़े चम्मच घी को गरम करके उसमें 2-3 काली मिर्च के दाने पीस कर मिला दें और बच्चे को सारा दिन थोड़ा–थोड़ा देते रहें । यह एक वर्ष से ऊपर के बच्चों को आराम से दिया जा सकता है।