बदलती जीवनशैली और गलत खानपान में किसी को भी सिरदर्द होना एक आम बात है। सिरदर्द से तात्पर्य है सिर के एक या एक से अधिक हिस्सों में साथ ही गर्दन के पिछले भाग में हल्के से लेकर तेज़ दर्द का एहसास होना। सिर दर्द के कई कारण होते हैं, हालांकि ज़्यादातर सिरदर्द किसी गंभीर बीमारी की वजह से नहीं होते। वे कभी कभी होते हैं और दवा लेने या जीवनशैली में थोड़ा बदलाव करने से ठीक हो जाते हैं।
सिरदर्द के मुख्य कारण और घरेलु इलाज
सिरदर्द मुख्य रूप से तनाव, अत्यधिक शारीरिक और मानसिक परिश्रम, अपर्याप्त नींद और भूख, गति की बीमारी , अत्याधिक शोरगुल और बिजली उपकरणों के अधिक प्रयोग के कारणसिरदर्द हो सकता हैं। कभी-कभी,अधिक अधिक सोचना, अपर्याप्त मात्रा में पानी पीना यह भी सिरदर्द के कारण है।
सिर दर्द के कारण
• जब शरीर व मन में तनाव संभालना मुश्किल हो जाए, तब ये सिरदर्द का स्वरूप ले लेता है। ध्यान तनाव का प्रति-अनुपाती (ध्यान करने से तनाव कम होता है) है। जितना ज़्यादा और जितनी बार आप ध्यान करते हैं, उतना ही तनाव आपसे दूर हो जाता हैl ध्यान से सिरदर्द में काफी राहत मिलता हैं।
• दिन में प्रति दिन दो बार 10-20 मिनट का ध्यान न केवल शरीर व मन को गहरा विश्राम देता है बल्कि सिर के क्षेत्र में रक्त का प्रवाह भी बढ़ाता है। इस क्षेत्र में बढ़ा हुआ रक्त प्रवाह सिरदर्द की संभावना को कम कर देता है।ध्यान के अतिरिक्त आप कुछ योग आसन भी कर सकते हैं, जो रक्त संचार को बढ़ाते हैं, जैसे कि हस्तपादासन, सर्वंगासन और हलासन।
• हमारे शरीर के सब अंग एक दूसरे से अच्छे से जुड़े हुए हैं इसलिए एक अंग में किसी भी प्रकार का असंतुलन, दूसरे अंग को प्रभावित करता है।आपने ध्यान दिया होगा कि जब आपका पेट खराब होता है, आपको सिरदर्द होने लगता हैl
• लंबे समय तक काम करना, अत्यधिक काम करने की आदत या टीवी व इंटरनेट की लत, ये सभी बहाने हैं रात को देर से सोने के। यद्यपि ये अच्छा नहीं है कि इन्हे आदत बनाया जाए और रात में देर से सोया जाए लेकिन कई बार यह अपरिहार्य हो जाता है। जब किसी प्रॉजेक्ट की समय सीमा समाप्त हो रही हो या देर रात क्लाइंट की मीटिंग है, इस बारे में हम ज़्यादा कुछ नहीं कर सकते हैं। कई बार बस 20 मिनट बैठकर ध्यान करना, इस तरह के काम के दवाब का सामना करने में मदद करता है।
• यह एक ऐसी स्थिति है जिससे बचना कई बार मुश्किल हो जाता है। दिन भर की क्लाइंट कॉल या देश विदेश के दोस्तों के हालचाल लेना ये सब काम हम हर दिन अपने जीवन में करते हैं। कभी कभी ये फ़ोन पर ज़्यादा देर बात करना सिरदर्द का कारण बन जाता है।
• हम सभी ने कभी न कभी अत्यधिक शोर का अनुभव किया होगाl हम में से कुछ बिल्कुल भी शोर सह नहीं पाते हैं और जल्दी ही सिरदर्द की शिकायत करने लगते हैं।
• दिनभर घर व काम पर भागते भागते बहुत से काम निपटाने होते हैं। जिसकी वजह से हमारे शरीर के साथ-साथ हमारे मन की भी थकावट हो जाती हैं। जो हमारे सिरदर्द का कारण बन जाता हैं।
• कई बार ज्यादा सोचना अवश्यंभावी हो जाता है। रोजमर्रा की जिंदगी का तनाव, काम का दबाव, परिवार का दबाव, सम्बंधों के विवाद, इन सबके बीच हम कैसे नहीं सोचें। लेकिन आप निश्चित ही दिन में कुछ समय निकाल कर आँख बंद कर विश्राम कर सकते हैं। कुछ समय के लिए बाहरी संसार को अलग रख, अपने साथ रहें इसे अपना समय समझ कर प्रयोग करें और अंतर देखें। ज्यादा सोचना सिरदर्द का बडा कारण हैं।
• अगर आपके सिर में लगातार कई दिनो से बार-बार हल्का और तेज दर्द हो रहा हैं तो ये लक्षण माइग्रेन के हो सकते हैं। बिना किसी देरी के इसका इलाज तत्काल कराएं। माइग्रेन एक जटिल न्यूरोलॉजिकल विकार है। इससे सिर में असहनीय रूप से तेज दर्द होता है और मस्तिष्क के एक हिस्से में कंपन का अनुभव होने लगता है. यह दर्द अक्सर सिर में एक तरफ होता है, हालांकि दोनों तरफ भी हो सकता है।
• साइनस सिरदर्द तब होता है जब आपके साइनस में संक्रमण हो जाता है और उसमें जलन होने लगती है। साइनस में सिरदर्द तेज और कई बार लगातार होता रहता है। यह अधिकतर सुबह शुरू होता है। साइनस के कारण सिरदर्द में आंखों में, गाल में और सिर के अगले हिस्से में दबाव और दर्द होता और साथ ही इसमें नीचे झुकने पर दर्द बहुत तेज होता है। इसमें ऊपरीदांत में दर्द, बुखार, ठंड लगना, चेहरे पर सूजन आदि की समस्या भी आ जाती है।
सिरदर्द के घरेलू इलाज
• चार छोटे-छोटे अदरक के टुकड़े लें। तीन कप पानी लें। एक बर्तन में पानी उबालें। अदरक के टुकड़ों को घिसकर उबलते पानी में डाल दें। अब इस उबलते पानी को थोड़ी देर के लिए ढक दें। अब इस उबलते पानी को थोड़ी देर के लिए ढक दें। आप एक दिन में एक या दो कप इस मिश्रण का सेवन कर सकते हैं।
• पुदीने के साथ-साथ उसका तेल भी फायदेमंद है। सिरदर्द में पुदीने का तेल काफ़ी लाभकारी होता है। एक या दो बूंद पुदीने का तेल लें। एक चम्मच जैतून या नारियल तेल लें। दोनों तेल को मिला लें और इससे अपने माथे पर मालिश करें। दर्द के दौरान आप थोड़े-थोड़े अंतराल में इस मिश्रण से मालिश करते रहें।
• एक या दो बूंद तुलसी का तेल लें। एक या दो चम्मच नारियल तेल या जैतून का तेल लें। तुलसी के तेल को रियल तेल या जैतून के तेल में मिलाएं। अब इस तेल के मिश्रण को रूई की मदद से या अंगुलियों पर लगाकर माथे और गर्दन पर हल्की-हल्की मालिश करें। फिर इसे कुछ घंटों के लिए छोड़ दें। इससे आपको आराम मिलेगा।अधिक दर्द होने पर हर कुछ घंटों में इसे लगा सकते हैं।
• कुछ लौंग के टुकड़े,लौंग का तेल,बादाम या नारियल तेल लें। लौंग को एक कपड़े या रूमाल में बांधकर दर्द के दौरान सूंघ सकते हैं।इसके अलावा, एक या दो चम्मच लौंग के तेल को बादाम या नारियल तेल में मिलाकर माथे पर लगाएं। इससे आपको सिरदर्द से राहत मिलेगी।
• एक या दो चम्मच लैवेंडर ऑयल लें। इस तेल को आप कई तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं। इस तेल से माथे, गर्दन व पीठ पर मालिश कर सकते हैं। आप इस तेल को कपड़े या रूमाल में लगाकर सूंघ सकते हैं। इसमें लिनलील एसीटेट और लिनालूल होता है,जो सिरदर्द को कम करता है।