"राज , देखो कितनी सूंदर जगह है , मन कर रहा है यही हम अपनी शादी करे राज हम अपनी शादी यही करेंगे | राज कार चलाते हुए टिया से कहता है ," टिया यार चुप करो थोड़ी तो शर्म कर लो एकक तो मई इतना थक चूका हूँ , ऊपर से तुम कितनारा बोल रही हो "| टिया ये सुनते ही थोड़े उदास होते हुए राज से ," मुझे माफ़ करना मै भी बेवकूफ़ हूँ भूल गयी थी की तुम कितने थक गए होंगे आखिर मुंबई से गोवा ड्राइव करना कितना मुश्किल है "| जितने में एक आवाज़ आती है ," आखिर तुमने मान ही लिया की तुम बेवकूफ हो टिया "| ये सुनते ही टिया पीछे की तरफ देखते हुए बोलती है ," चुप करो कबीर मै तुम्हारी तरह नहीं हूँ , जिसका दोस्त कार चला रहा है और तुम बड़े आराम से सो रहे हो ऐसा नहीं की तुम भी आधी दूर तक ड्राइव कर लो '| कबीर अगड़ाई लेते हुए टिया से," मिस टिया मैंने पहले ही राज से कहा था की ड्राइवर लेके आ जाए लेकिन नहीं इसे कुछ ज्यादा ही शौक था मैंने इसे पहले ही कह दिया था समझी की मै कार ड्राइव नहीं करने वाला और अगर तुम्हे कुछ ज्यादा ही चिंता हो रही है अपने मगेतर की तो तुम मेकअप करने की बजाय कार चला सकती हो " | टिया गुस्से में कबीर से," तुम जैसे दोस्त से अच्छा दोस्त ही न हो "| कबीर ये सुनते ही धीरे से बोलता है ' तुम जैसी मगेतर से अच्छा है , राज अकेला ही रहे "| टिया कबीर से " , क्या कहा तुमने " |कबीर टिया से ," मैंने कुछ नहीं कहा शायद तुम्हारे कान बज रहे है " | टिया गुस्से में कबीर से ,' अच्छी तरीके से पता है तुम क्या चाहते हो , जब देखो मेरे और राज के बीच आ जाते हो " | ये बात सुन कर कबीर अपने इधर उधर देखते हुए टिया से, " टिया तुम्हारी आँखे ख़राब है क्या मै कहा बीच में आया हूँ , मै तो पीछे वाली सीट पर बैठा हूँ " | टिया गुस्से में कबीर से ," मै सीट की नहीं ज़िन्दगी की बात कर रहा हूँ ,मैंने सोचा था मै और राज एक साथ पल बिताएंगे लेकिन तुम " | टिया की बात कबीर बीच में काटते हुए बोलता है ,"टिया मुझे कोई शौक नहीं है गोवा आने का मै बस इस बिज़नेस डील की वजह से राज के साथ आया हूँ समझी मेरे पास तुम्हारी तरफ फालतू वक़्त नही है की लोगो की ज़िन्दगी में ताका जाकी करू मेरे लिए मेरी कम्पनी का काम ही सब है " राज जो अभी तक चुप था वो सख्त लहजे से बोलता है टिया और कबीर से बोलता है ," बंद करो तुम दोनों कुत्ते बिल्ली की तरह लड़ना मेरे सर में दर्द होने लग गया है , टिया कबीर मेरे कहने पर आया है मेरे साथ और रही बात तुम्हारे घूमने की तो मै यहाँ तुम्हारे साथ वक़्त बिताने नहीं बल्कि राहुल राठौर के साथ डील करने आया हूँ मैंने तुम्हे पहले ही कहा था की तुम मेरे साथ आ रही हो लेकिन मै तुम्हे वक़्त नहीं दे सकूँगा , तो तुमने क्या कहा था की तुम कोई शिकायत नही करोगी " | टिया ये सुन कर राज से," राज यार तुम चिंता मत करो ये डील तुम्हरी ही है आखिर राहुल तुम्हारा कॉलेज का अच्छा दोस्त है वो तुम्हारे साथ डील करेगा देख लेना " | टिया की बात सुन कर कबीर हस्ते हुए टिया से ," तुम्हे क्या लगता है राहुल राज को ये डील उसके कॉलेज के दोस्त को दे रहा है नहीं ,वो इस देश के सबसे अच्छे बिज़नेस मेन राज सिंघानिया को दे रहा है राहुल के पास बहुत सारी कंपनी है जो राहुल के साथ काम करना चाहती है राहुल ने राज को इसलिए दिया है क्योंकि राज की कंपनी ने जो ऊचाई छुई है न वो अभी तक किसी ने नहीं छुई अगर राज की कंपनी से कोई भी गलती हुई न तो राहुल को एक पल भी नहीं लगेगा वो हमारे दुश्मन कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट दे देगा क्योंकि बिज़नेस के मामले में राहुल ने कभी रिश्ते नहीं देखे " कबीर की बात सुन कर राज बोलता है ,"तुमने सही कहा कबीर मेरे लिए ये बहुत जरुरी है क्योंकि राहुल की सारी कंपनी इंडिया से बहार है पहली बार राहुल इंडिया में कंपनी खोल रहा है और इंडिया की सब कंपनी राहुल के साथ काम करने की फ़िराक में है हमारी एक गलती सब बर्बाद कर देगी " | टिया ये बात सुन कर चुप चाप बैठा जाती है तभी कबीर राज से ," यार एक बात बता इसने गोवा में ही कंपनी क्यों खोली है अपनी " | राज कबीर से ,' कबीर जब राहुल 18 साल था तब उसके मम्मी पापा की कार एक्सीडेंट में मौत हो गयी उसके पापा का बिज़नेस उसके मामा ने देखा फिर जब राहुल की पढ़ाई हो गयी तब वो अपने पापा का बिज़नेस सभाल लिया जो आज उसकी कंपनी दुनिया के टॉप कंपनी में से एक है उसके पापा की इच्छा थी की वो अपनी कंपनी इंडिया में भी खोलन चाहते थे , इसलिए वो इंडिया आया है और रही बात गोवा में कंपनी खोलने की तो गोवा में राहुल का घर है और उसका बचपन भी यही गुज़रा है उसके पापा की यादे है गोवा में इसलिए उसने यही कंपनी खोलने का फैसला लिया है " | टिया उबासी लेते हुए राज से ," अब कितना दूर है राहुल का घर " | कबीर टिया से ," घर नहीं बंगलो बोलो बस आ गया " | कबीर इतना ही बोलता है की राज अपनी कार रोक देता है | कबीर कार से उतरते हुए , " क्या बात है इसका बंगलो तो बड़ा अच्छा दिख रहा है बहार से " | टिया अपना मुँह बिगाड़ते हुए बोलती है ,' राज के बंगलो के आगे कुछ नहीं है " | कबीर और राज कुछ नहीं कहते जितने में सामने से एक आदमी आता और राज के गले मिलते हुए कहता है ," माय फ्रेंड राज कैसे हो तुम बहुत सालो बाद तुम्हे देख रहा हूँ | राज राहुल से ," मै सही हूँ तुम बताओ तुम कैसे हो " | राहुल राज से ," तुम्हे मुझे देख कर लगता है मुझे कुछ हो सकता है , वैसे मै अब तो बहुत अच्छा हो गया हूँ तुमसे मिल कर मुझे यकीन नहीं हो रहा की इतने साल बाद मै तुमसे मिल रहा हूँ" | राज कबीर और टिया की तरफ इशारा करते हुए राहुल से कहता है ,'राहुल इससे मिलो ये मेरे दोस्त कबीर और टिया है " | राहुल कबीर की तरफ देखते हुए बोलता है ," तुम कबीर सिंह हो न सिंह कंपनी के मालिक " | कबीर ये सुन कर हैरान हो जाता है वही टिया को बुरा लगता है कबीर राहुल से ," मुझे जान कर हरैनी हुई की तुम मेरे बारे में जानते हो " | राहुल कबीर से ," इसमें हरैनि की क्या बात अरे आपने अपनी कम्पनी को इतने अच्छे मुकाम पर रखा है की जब मै इंडिया में बिज़नेस के लिए कंपनी को चुन रहा था तब राज के बाद मुझे आपकी ही कंपनी नज़र आयी" | कबीर राहुल से , " मुझे जान कर ख़ुशी हुई " | टिया ये सुन कर बोर हो रही थी टिया राहुल से ," मिस्टर राहुल राठौर आपके यहाँ पर मेहमान को बहार ही खड़ा कर के बाते होती है क्या " | ये बात सुन कर कबीर और राज को थोड़ा गुस्से आने लगता है वही राहुल हसते हुए राज से , "तुम्हारी ये दोस्त बहुत मज़ाकिया है राज '| टिया राहुल से " मै राज की दोस्त नहीं उसकी मगेतर हूँ " | राहुल ये सुनकर चुप हो जाता है फिर बोलता है ,' चलिए अंदर चलिए वरना मिस टिया गुस्से के कारन लाल न हो जाये " | इतना कह कर राहुल राज का हाथ पकड़ लेता है और उसे घर के अंदर की ओर लेके चलने लागत है| जैसे ही राज राहुल के घर के अंदर आता है राज के मन में अजीब सी बेचैनी होने लगती है जैसा उसका कोई अपना यहाँ हो | राहुल राज को ऐसा खड़े देख कर राज से कहता है " क्या हुआ तुम्हे ऐसे क्यों खड़े हो " | राज राहुल से, " नहीं मै सही हूँ बस थोड़ा थक गया हूँ " | राहुल राज से, "हां थक गए होंगे तुम लोग आखिर इतना लम्बा सफर तय करके आये हो ,ऐसा करो तुम लोग फ्रेश हो जाओ फिर खाना खा लेना " | राहुल इतना कह कर ज़ोर से आवाज़ लगता है ," रामु काका , सभु काका , रीता काकी , धनि काकी
,जल्दी आये " | राहुल की आवाज़ सुन कर 50-55 उम्र के चार लोग आ जाते है,राहुल उन सब की तरफु इशारा करते हुए राहुल ,कबीर और टिया से कहता है ," अगर तुम्हे किसी चीज़ की जरुरत हो तो काका काकी से कह देना" | राज और कबीर हां में सर हिला देते है वही टिया बोलती है , " ये आपके नौकर कुछ ज्यादा ही बूढ़े नहीं है " | राहुल ये बात सुनते ही थोड़े गुस्से में टिया से ," मिस टिया ये नौकर नहीं है पहली बात ये मेरे घर सदस्य है तो आज के बाद इनसे तमीज से बात मेरे माँ पापा के बाद इन्होने ही मेरी देख रेख करि है " | राज राहुल से," टिया की तरफ मैं माफ़ी मांगता हूँ " | राहुल राज से"आप अपनी मगेतर को समझाये की अपने बड़ो से थोड़ तमीज से बात करे " | इतना कह कर राहुल वह से चला जाता है वही टिया से राज कहता है ,'' तुम बिना सोचे समझे कुछ भी बोल देती हो वो लोग तुमसे है कम से कम थोड़ी इज़्ज़त कर लेती " | इतना कह कर राज वह से चला जाता हजायगी थोड़े समय के बाद राज , कबीर, टिया और राहुल डाइनिंग टेबल पर बैठे होते है | राज राहुल से '', बहुत भूख लग रही है मुझे ,'' | राहुल राज से ," मुझे पता है तुम अभी भी अपनी भूख पर कण्ट्रोल नहीं कर पाते तुम्हे पता है मैंने तुम्हारी फेवरेट डिश यानी वेग पुलाव बनवाये है " | राज ये सुन कर राहुल से '' तुम्हे याद है मुझे पुलाव पसंद है " | राहुल राज से ,'' क्या तुम भी राज तुम मेरे एक ही तो दोस्त थे ,कॉलेज के यार मुझे अभीतक सब याद है असल बात तो यह है की मेरा तुम्हारे अलावा कोई दोस्त नहीं बना यार क्या हुआ तुम बिज़नेस के लिए आये हो लेकिनतुम मेरे घर पर मेरेदोस्त हो जब मेरी कंपनी में आओगे तब तुम मेरेबिज़नेस पार्टनर" | राज राहु से ,'' एक मिनट बिज़नेस पार्टनर मतलब '' | राहुल हस्ते हुए ,''बिज़नेस पार्टनर मतलब ये डील मैंने तुम्हे दे दी आज के बाद तुम मेरे दोस्त के साथ बिज़नेस पार्टनर लेकिन याद रखना कोई गलती नहीं होनी चाहिए वर्ण मुझे एक पल भी नहीं लगेगा ये डील कंक्ल करने के लिए चाहिए मुझे कितना भी घाटा क्यों न हो जाये , मुझे गलत मत समझना राज क्योंकि ये प्रोजेक्ट मेरे लिए बहुत जरुरी है क्योंकि ये मेरे पापा की इच्छा थी मै जल्द से जल्द करना होगा '' |राहुल की बात सुन कर राज कहता है ,''तुम फ़िक्र मत करो मैं बहुत अच्छी तरीके से येप्रोजेक्ट करूँगा क्योंकि तुम्हारे साथ करना मतब मेरीकंपनी 900 करोड़ का फायदा है और साथ ही इन साथ मेरी कम्पनी वर्ल्ड की टॉप 20 कंपनी में आ जायगी '' | राहुल हंस देता इस बात पर फिर बोलता है ,'' संबु काका खाना लगा दो , बड़ी भूख लगी है " | इतना सुनते ही 10 मिनट में सभु काका और धनि काकी खाना लगा देती है |सब खाना खाने लगते है | राज पुलाव का पहल निवाला मुँह में लेता है तो उसे बड़ा अजीब लगता है फिर अपने आप से
,'' नहीं नहीं ये नहीं हो सकता वो ही पुलाव का स्वाद नहीं हो सकता " | राज सब से," मेरा खाना हो गया " | राहुल राज से ,'क्या हुआ तुम्हे तो अभी इतनी भूख लगी और तुम्हारा इतना जल्दी हो गया तुम्हने कुछ खाया भी नहीं है, क्या हुआ खाना पसंद नहीं आया क्या " | राज राहुल से '' ,नहीं ऐसी बात नहीं है वो मेरे सर में दर्द हो रहा शायद मुझ नींद आ रही है ,मुझे माफ़ करना मै इस तरीके से जा रहा हूँ " | राहुल राज से," कोई बात नहीं तुमआराम करो " इतना सुनते ही राज चला जाता है वही कबीर अपने आप से, " ऐसा क्यों लग रहा है राज नहीं नहीं कबीर आइए नहीं हो सकता तू ये सोच कैसे सकता है " |
रात के 2 बजे
राज अपने कमरे में ,
''जा क्या होगा मुझे मई क्यों इतना सोच रहा हूँ ऐसे नहीं हो सकता राज तू कुछ ज्यादा ही सोच रहा है'' | राज सोच ही रहा होता है की तभी उसे कुछ टूटने की आवाज़ आती है, " राज अपने आप से ," ये कैसी आवाज़ है बहार से आ रही है देखु तो सही " | इतना कह कर राज हाल में आ जाता है | राज अपने आप से कितना अँधेरा है कुछ दिहाई ही नहीं दे रहा तभी राज को थोड़ी दूर हलकी रोशिनी दिखाई देती है |उस रोशिनी में राज को एक लड़की दिखती है लेकिन उसका चेहरा नहीं दिखता | राज उस लड़की से " कोण हो तुम कोण हो " |तभी राज के कंधे पर कोई हाथ रखता है राज ये देख कर पीछे मूढ़ता है फिर बोलता है ," टिया तुम यहाँ इतनी रात को " | टिया ये सुन कर राज से " ये सवाल तो मुझे करना चाहिए तुम यहाँ क्या कर रहे हो मै तो किचन से पन्नीआई थी ,लेकिन तुम " | राज टिया कोबोलता है " , अरे मुझे कुछ आवाज़ सुनाई दी तो यहा आया यहाँ आया तो ये लड़की दिखाई दी " | टिया राज से ," कोण सी लड़की " | राज टिया से ,"क्या बात कर रही हो वो है न मेरे पीछे खड़ी है " | टिया राज को घूमते हुए कहती है " मुझे भी दिखा दो ज़रा " | राज देखता है वह कोई नहीं होता, राज टिया से " टिया यही वो लड़की थी बस उसका चेहरा नहीं देख पाया " | टिया राज से ,'राज मुझे लगता है तुम्हे सोना चाहिए क्योंकि यहाँ कोई लड़की नहीं है तुम नींद में हो " | राज टिया से ,'नहीं टिया यहाँ एक लड़की थी " | टिया राज से ,' राज अगर लड़की होती तो यही होती कहा जाती कोई भूत थोड़ी है जो गायब हो जायगी तुम भी न " | राज टिया से ," शायद तुम सही कह रही हो मुझे नींद आ रही है और वमलाड़कि मेरा वहम होगी" | इतना कह कर राज अपने कमरे में चला जाता है और टिया अपने | उन दोनों के जाने के बाद एक परछाई बहार आती है |
अगली सुबह
राहुल बड़े आराम से एक्सरसाइज कर रहा था तभी राज राहुल के पास आता है और कहता है ," राहुल यहाँ पर कोई ओर भी रहता है क्या " | राहुल ये सुन कर एक्सरसाइज करते करते रुक जाता है और कहता है ,"क्यों क्या हुआ ऐसे क्यों पूछ रहे हो " | राज कुछ बोलने ही वाला होता है की रामु काका भागते हुए आते है और डरते हुए राहुल से है ," राहुल बीटा वो निशा बेबी " | रामु काका इतना ही बोलते है की राहुल रामु काक से " क्या हुआ निशा को काका " | रामु काका राहुल से " तुम चलो बस " इतना सुनते ही राहुल राज से ,"मई तुमसे बाद में बात करता हूँ "| और वह से चला जाता है ये सब धुर खड़ा कबीर देख रहा था कबीर राज के पास आकर बोलता है , " ये निशा कोण है जिसके नाम से राहुल के चेहरे पर पहली बार चिंता की लकीरे देख रहा हूँ " | राज कबीर से ," राहुल की बहिन है " | कबीर राज से , " क्या राहुल की बहिन तूने देखा है क्या उसे मैंने पहली बहार सुना है की राहुल राठौर की की बहिन भी है " |राज कबीर से , " नहीं मैंने कभी नहीं देखा उसे , बस उसका नाम ही सुना है कॉलेज में राहुल कभी कभी निशा के बारे में बताता था ,लेकिन मुझे ये नहीं पता था की इंडिया में है हमको क्या लेना ,चल थोड़ा बहार घूम कर आते है " |
आगे की कहानी अगली पोस्ट में .....
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