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वो ख़ुश सब ख़ुश

7 नवम्बर 2021

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सुबह आंख खुली तो घड़ी में 8:00 बज रहे थे बदन दर्द से  टूट रहा था, उसके  पतिदेव अभी भी घोड़े बेचकर सो रहे थे। अभी कितने शांत है और रात को पता नही इतने उतेजित ओर शैतान  क्यों हो जातेहैं । लेकिन मुझसे बहुत प्यार करतेहै,
उनके चेहरे पर हाथ रखा तो वो उठ गए
गुड मॉर्निंग जान,
उसने नारजगी से कहा
काहे की गुडमॉर्निंग रात को इतना परेशान किया कि देखो अंग अंग दुख रहा है,
क्या करूँ जान तुम्हारे जैसी बीवी हो तो, भला कौन आदमी खुद को तुम्हें प्यार करने से रोक सकता है इतना कहते ही उसने उसके गालों को चूम लिया ,,तभी बाहर से सासु माँ की आवाज आई
रे भहु,,,,, चाय दे दे कब तक सोएगी,वो फटाफट उठी और कपड़े समेटे ओर काम मे लग गयीं।
अभी भी रात की वजह से थकावट लग रही थी लेकिन वो मशीन की तरह लगी होयी थी।
किचन में  गयी तो ढेर सारे बर्तन  देखकर गुस्सा आने लगा। लवि को कहा था ,,, ननद जी बर्तन साफ करदेना लेकिन उसने किए हीनहीं
फटाफट सबको चाय देकर नाश्ता बना कर,,,पति को ऑफिस भेज दिया,
सास ससुर मंदिर चलेगए और ननद जी कॉलेज उसने लंबी  सांस ली   और खुद काम मे लग गयीं
घर की पूरी सफ़ाई की, बर्तन किये सभी के कमरे साफ किये और घर के ऐसे छोटे मोटे काम जिनको कोई गिनता ही नहीं है,
काम करते करते दुपहर हो गयी,
लेकिन वो अभी भी काम मे जुटी हुई थी, वो अपने पति के  शर्ट के बटन लगा रही थी।
तभी गेट नॉक की आवाज आई,उसने गेट खोला तो सामने रिश्तेदार खड़े थे, पति के मामा मामी ओर 2 बच्चे
उनकी आयो भगत करते करते  बाकी लोग वी आगए।
सब साथ मिलकर चाय पीने लगे
ओर वो रसोई में किसी सिपाही की तरह रात के खाने की तैयारी में लगी होयीथी,
यह तक ध्यान नही दिया कि उसकी चाय पड़ी पड़ी ठंडी हो गयी है।
अरे दीदी, रात को कुछ चटकदार हो जाता तो मजा आ जाता मामी ने सासू माँ से कहा तो काम करतेकरते उसके हाथ रुकगए।
पूरी तरह पसीने से भीगी होयी  उदास आंखों से टाइम को देख रहीथी,
7 वजने को है और लगभग खाना तैयार है और अब यह फरमाईश, उसका रोना निकलने वाला ही था कि एक आवाज ने सबका ध्यान खींचा
अरे, मामी जी
हम आपको चटखदार कुछ नही देंगे,याद है आख़िरी बार आपने ऐसा ही कुछ खालिया था तो सब परेशान हो गए थे जब आपकी तबीयत खराब हो गईथी।यह उसका पति था।
उसकी बात सुनकर मामी का चेहरा उतरगया
हाँ जीजी ,,मेंरा लाल सही कह रहा है
आपकी तबीयत सबसे पहेले है
ठीक है इतना सुनते ही
उसने आंखों के किनारे साफ किए, ओर दूगनी फुर्ती से काम करने लगी।
रात तक बिना रुके कार्य करने लगीं,देर रात को कमरेमें पहुंची तो कमरे में अंधेरा था, वो सब कुछ इग्नोर करके धाम से  बिस्तर पर लेट गई, तभी उसे किसी के हाथो का स्पर्श बदन पर महसूस होया,
नहीं आज नही आज मैं बहुत  थक गई हूं, उसने आंखे बंद करते हुए कहा
तभी उसे अपने कान के पास अपने पति की आवाज सुनाई दी
कोई बात नही तुम थकी हो मैं नही, इतना सुनते ही वो कुछ कहती कि उसके कपड़े निकाल दिए गए, उसकी आंखों से आँसू आने लगे वो कुछ बोल पातीकी पूरे शरीर पर कुछ ठंडा सा महसूस होया, कुछ पूछती की नाक में मूव जेल की खुश्बू आगई, उसका पति हल्के हाथों से उसके शरीर की मालिश करने लगा, ना जाने इस सुख की अनुभूति से उसकी आँख कब लगगई पता ही नहीं चला,
सुब्ह आंख खुली तो बाहर से बातो का शोर आ रहा था वो उठने लगी तो कोई दर्द कोई तकलीफ उसके बदन पर महसूस नही होयी शायद पति की मालिश का असर था या उसके प्यार मान सम्मान का या फिर उसके एकबार ना कहने पर उसके इच्छा का आदर रखनेका
वजह चाहे कोई भी हो वो आज खुश थी,
बाहर निकली तो सारे लोग बातों मे लगेहुएथे, मैं चाय लेकर आती हूँ वो जानेलगीं की सास की आवाज ने उसके कदम रोक दिय
बेटा हमने चाय पीली है तुम्हारी चाय वहाँ पड़ी है सास ने दुसरे टेबल की तरफ इशारा करते हुए कहा
ओर सुनो,,
आजसे  सुबह का खाना लवी बनाया करेगी, आखिर उसको भी तो घरके काम आने चाहिए और रात का  खाना मैं, तुम दुपहर का देखलेना,
वो हैरानी से सबकुछ सुनरहीथी
तभी मामी जी ने कहा ,,,सही है आखिर बैठे बैठे भी 10 बीमारी लग जाती है कुछ ना कुछ करते रहो तो शरीर सही रहता है
जी जीजी  सही कहा, 

उसको समझ नहीं आया कि एक दिन मैं सब कुछ कैसे बदल गया,
वो अपने कमरे मैं आने लगीं की सास ने धीरे से जो भी मामी को कहा,, वो सुनकर उसकी आंखों से आँसू बहने लगे।
मैं बहुत दिनों से देख रही थी बहु कुछ ठीक नही लग रही थी तो लाल को कहा था कि डॉक्टर को दिखादे
कल रात को लाल कमरे में आया था।
उसने कहा कि ज्यादा काम करने, टेंशन लेने की वजह से बहु कमजोर होगई है,डॉक्टर ने कहाहै कि अगर ऐसे ही चलता रहा तो आगे जाकर उसकी सेहत ओर भी बिगड़ सकती है,
अच्छा,,, मामी जी ने कहा
ओर तुमने मान लिया, क्या पता लाल झूठ कह रहा हो,
तो उसकी सास ने मुस्कान केसाथ कहा पता है मुझे वो झूठ कह रहा है, उसकी माँ हूँ मैं सब पता है उंसने मुझे जो भी कहा।
लेकिन बेटे की बात गलत भी नही बहु सारा दिन काम करती रहती है, थक भी जाती है,
मैने लाल  की शादी घर की नौकरानी के लिए नही , इस घर में लष्मी  अपनी बेटी अपनी लाल की जीवनसाथी के लिए की थी।
अगर हमारे घर की लष्मी ही खुश नही होगी तो,, परिवार कैसे खुश रह सकता है समझी जीजी
हम दीदी सही कहा आपने
वो ख़ुशी से अपने आंखों से आसूं साफ कर रहीथी
Missamittal


ममता

ममता

प्रेरक रचना

7 नवम्बर 2021

राजकुमार कांदु

राजकुमार कांदु

बढ़िया लिखा है आपने 👌👌

7 नवम्बर 2021

2
रचनाएँ
वो खुश सब ख़ुश
0.0
यह एक छोटी सी लघुकथा है।

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