दुनियाँ पहले सी मुझको अब दिखती नही....
दिन-भर चलती है अब ये तो रुकती नहीं....
तुमने छोडा था मुझको सफर में कहीं.....
लाख चाहों मगर यादें मिटती नहीं.......
-शिवांश शुक्ला (सरस) 🙏❣️🖋
17 जनवरी 2022
दुनियाँ पहले सी मुझको अब दिखती नही....
दिन-भर चलती है अब ये तो रुकती नहीं....
तुमने छोडा था मुझको सफर में कहीं.....
लाख चाहों मगर यादें मिटती नहीं.......
-शिवांश शुक्ला (सरस) 🙏❣️🖋
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कुछ थोड़ा बहुत लिखता हूँ कभी समय मिले तो अवश्य पढ़े अभी छात्र हूँ आप सभी से सीख रहा हूँ इसलिए त्रुटिया क्षमा कीजिएगा 🙏🙏D