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Shivansh Shukla की डायरी

Shivansh Shukla

7 अध्याय
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shivansh shukla ki dir

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पुस्तक के भाग

1

हमने देखा है

1 सितम्बर 2021
7
7
7

<blockquote><em><strong>प्रकृति को आज परेशा हमने देखा है... <br> <br> जो कल पेड लगा गए थे उन्हें काट

2

शेर

4 सितम्बर 2021
6
10
4

<h6><em><strong>फख़त मेरा बस एक चांद से वास्ता था.... </strong></em></h6> <h6><em><strong>वो रा

3

लफ्ज़

7 सितम्बर 2021
7
12
4

<blockquote><em><strong>अपने दिल के जजबातो को लफ्जो से बयाँ करता हूँ.. <br> उसे आज भी पता है कि मै उ

4

मुस्कराती दुनिया

11 सितम्बर 2021
8
9
2

<p>ज़िंदगी मे गमो का डेरा है..<br> <br> क्या पता कौन तेरा है कौन मेरा है..<br> <br> इस मुस्कराती दुनि

5

फितरत

13 सितम्बर 2021
8
11
6

<b><i>फितरत मेरी सुर्खियों में रहने की थी....</i></b><div><b><i><br></i></b><div><b><i>मुझे शानोशौकत

6

खामोशी

13 सितम्बर 2021
33
22
6

शीर्षक - *खामोशी*<div><br></div><div>तू नाराज है तो बता मुझको.. </div><div>मेरी गलतियों की दे

7

शायरी

18 दिसम्बर 2021
4
2
4

जो जमाने की पुरानी रीति है <div>मैं भला कैसे ना उन पर काम करता </div><div>छोड़ कर जाना मु

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