कविता :
न होगा कोई रोग।
सकोगे सब सुख भोग॥
खुश रहेंगे सब लोग।
जो होगा रोज योग॥
रहेगी जो सदा ताजगी।
न होगी दवाई दीवानगी॥
डाॅक्टर से भी रहोगे दूर।
उम्र भी बढ़ेगी भरपूर॥
बढ़ेगी शारीरिक क्षमता।
दिखेगी मानसिक दक्षता॥
थकान न कभी सतायेगी।
तंदरुस्ती सदा पास आयेगी॥
कवि – अमित चन्द्रवंशी