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युवाओं को जॉब सीकर से जॉब क्रिएटर बनाएगा ‘स्टार्ट अप इंडिया’

24 जनवरी 2016

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युवाओं को जॉब सीकर से जॉब क्रिएटर बनाएगा ‘स्टार्ट अप इंडिया’

प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल लाल किले से ‘स्टार्ट अप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया’ का आकर्षक नारा दिया था। पिछले सप्ताह नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में प्रधानमंत्री ने इसी ओर एक कदम आगे बढ़ाते हुए स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रम के लिए एक्शन प्लान लॉन्च किया। नया कारोबार शुरू करने वालों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  ने अपने महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट ‘स्टार्टअप इंडिया’ कैंपेन को लॉन्च कर दिया है। प्रधानमंत्री  ने कहा कि हम स्टार्टअप को प्राथमिकता देंगे। एक्शन प्लान के बारे में जानकारी देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि स्टार्टअप के लाभ पर 3 साल तक न तो टैक्स देना होगा और न ही कोई अधिकारी जांच के लिए आएगा। लोगों के पास बहुत से आइडियाज हैं, मौका मिले तो वो कमाल करके दिखा सकते हैं। स्टार्टअप से उबर, कुबेर बन गया। स्टार्टअप की उपयोगिता जोखिम लेने से तय होती है। लोग आज तकनीक से जुड़कर तुरंत अपनी बात पहुंचा सकते हैं। एप से बहुत फायदा होता है। मैंने खुद नरेंद्र मोदी एप का फायदा देखा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आप मेरे एप से जुड़िए मैं आपको सफलता की कहानी बताउंगा। लोग सक्सेस स्टोरी सुनेंगे तो आगे आएंगे। हर किसी को एक शुरुआत की जरूरत होती है। मोदी ने कहा कि जो कुछ करना चाहते हैं उनके लिए पैसे मायने नहीं रखते, जोखिम उठाना जरूरी है। पीएम मोदी ने आगे कहा, मेक इन इंडिया मेक फॉर इंडिया भी है। हम हर किसी को एक सी सुविधा देना चाहते हैं। हमें ई-कॉमर्स के क्षेत्र में दो कदम आगे जाना है। स्टार्टअप इंडिया के जरिए हमारी कोशिश देश के युवाओं को जॉब सीकर से जॉब क्रिएटर बनाना है। क्वालिटी एजुकेशन आज समय की मांग है। सस्ते में एक अच्छी व्यवस्था कैसे बने हमें यही सोचना है सिरफिरे लोग तबाही करने में जुटे हैं। दुनियाभर के साइंटिस्ट आज साइबर सिक्योरिटी के लिए चिंतित हैं। हमें मानवता के लिए कुछ करना है। मोदी  ने कहा, कुछ सिरफिरे लोग हैं तो तबाही करने में जुटे हैं। लेकिन हमें अपना काम करना है, उन्हें रोकना है।

पेटेंट फीस में 80 फीसदी की कटौती

- इंटेलेक्चुअल प्रोपर्टी के लिए कानूनी मदद स्टार्टअप से प्रॉफिट पर तीन साल तक टैक्स नहीं प्रमुख शहरों में सलाह के लिए निशुल्क व्यवस्था। स्टार्टअप इंडिया हब के तहत सिंगल प्वाइंट ऑफ कॉन्टैक्ट हैंडहॉल्डिंग की व्यवस्था की जाएगी सार्वजनिक और सरकारी खरीद में स्टार्टअप को छूट मिलेगी 10 हजार करोड़ रुपये का फंड बनाया जाएगा, इसमें हर साल 2500 करोड़ रुपये का फंड स्टार्टअप्स को दिए जाएंगे चार साल तक 500 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष का क्रेडिट गारंटी फंड बनाया जाएगा

- शेयर मार्केट वैल्यू से ऊपर के इन्वेस्टमेंट पर टैक्स में छूट दी जाएगी

- अटल इनोवेशन मिशन की शुरुआत: इसके तहत स्टार्टअप को कंपटेटिव बनाना होगा एंटरप्रेन्योर के नेटवर्क को बनाया जाएगा, स्टार्टअप को सीड कैपिटल देने के साथ कई अन्य सुविधाएं 35 नए इन्क्यूबेशन सेंटर खोले जाएंगे बच्चों में इनोवेशन बढ़ाने के लिए इनोवेशन कोर प्रोग्राम शुरू होगा 5 लाख स्कूलों के 10 लाख बच्चों की पहचान की जाएगी जो इनोवेशन को आगे बढ़ा सकें।  अपनी प्रॉपर्टी को बेच कर स्टार्टअप शुरू करने पर कैपिटल गेन टैक्स की छूट दी जाएगी

भारत अब व्यावासाय करने के नजरिए से दुनिया के चुनिंदा देशों में शामिल होने की ओर है। कई ऐसी कंपनियां भी हैं जो विदेशों को छोड़कर भारत आ रही है। इस दौर में कई ऐसी कंपनियां भी हैं जो विदेशों को छोड़कर भारत आ रही है। ट्विटर जिपडॉयल के फाउंडर वेलरी वेगनर ने अमेरिका छोड़कर भारत में काम शुरू किया। वहीं जूमकार के को-फाउंडर ग्रेग मोरान ने जानी-मानी सिलिकॉन वैली को छोड़ कर, अपना कारोबार बंगलूरू में शुरू किया। यही नहीं कुल विदेशी कंपनियों मे से 45 फीसदी कंपनियां ऐसी भी हैं जो भारत में 10 फीसद का स्टार्ट अप डाल देते हैं। 

‘ट्रैकर सीबी इनसाइट’ के मुताबिक ‘यूनिकॉर्न क्लब’ के भीतर दुनिया की 107 ग्लोबल फर्मों में आठ भारतीय कंपनियां शामिल हो चुकी हैं। ये कंपनियां 1 अरब डॉलर से ज्यादा की इन कंपनियों में फ्लिपकार्ट, स्नैपडील, म्युसिग्मा, हाऊसिंग डॉट कॉम, क्लियर ट्रिप, ओला भी शामिल हैं। इनके अलावा ऑनलाइन क्लासीफाइड सर्विस कंपनी ‘क्विकर’ और मोबाइल विज्ञापन प्लेटफॉर्म देने वाली कंपनी ‘इनमोबी’ भी इस क्लब में शामिल हैं।

साल 2015 में भी कई ऐसे स्टार्टअप शुरू हुए जिन्होंने खासी प्रसिद्धि पाई। जिनमें क्राउड फायर, प्राइस बाबा, रिक्रूटमेंट एप ‘सुपर’ और विजरॉकेट शामिल है। क्राउडफायर ट्विटर व इंस्टाग्राम का फ्रैंड मैनेजमेंट एप है। इसके जरिए इंटरप्राइजेस अपने असक्रिय फॉलोअर्स को ट्विटर पर देख सकते हैं। यह कई सेवाएं देता है, जिसके दुनिया में 80 लाख यूजर्स हैं। कंपनी का रेवेन्यू 6 करोड़ रुपये को पार कर चुका है। प्राइस बाबा एक लोकल प्रोडक्ट सर्च इंजन है। यह ग्राहकों का स्थानीय व ऑनलाइन रिटेलर्स के साथ संपर्क करने में मदद करता है। इसमें बेहतर ढंग से कीमतों की तुलना करते हुए किफायती चीजों की जानकारी ले सकते हैं। बड़े स्टार्ट अप में शामिल रिक्रूटमेंट एप ‘सुपर’ को हाल ही में वायरलट्रिक्स ने खरीदा है। इसका मकसद नौकरी के इच्छुक लोगों को कंपनियों से जोड़ना है। अब तक 5 लाख लोग इसमें पंजीकृत हो चुके हैं।

भारत में हर माह 500 से 800 स्टार्ट अप शुरू होते हैं। इनमें से 28 फीसदी स्टार्ट अप देश में बंगलुरू शहर के भीतर हैं। भारत में स्टार्ट अप की दर 270 फीसद से आगे है। इनमे से 70 फीसदी निवेश घरेलू जरूरतों के स्टार्ट अप में हुआ। भारत में फिलहाल स्टार्ट अप शुरू करने वाले 13 प्रमोटर्स ऐसे हैं जिनकी उम्र 36 साल के कम की है। इन स्टार्ट अप्स की मदद से अगले 5 साल की 3 लाख नौकरियों के खड़े होने की उम्मीद है। वहीं नैस्कॉम का मानना है कि 2020 तक 11,500 स्टार्ट अप शुरू होंगे। स्टार्ट अप के जरिए भारत ने 240 करोड़ डॉलर की फंडिंग आकर्षित की है। भारत में स्टार्ट अप का ग्राफ साल-दर साल बढ़ता जा रहा है। साल 2010 में देश में जहां मात्र 480 स्टार्ट अप थे वहीं 2011 में यह संख्या बढ़कर 525 हो गई थी। 2012 में 65 स्टार्ट अप का इजाफा हुआ, जिसके बाद कुल 590 स्टार्ट अप हो गए। 2013 के भीतर भारत में स्टार्ट अप की संख्या 680 हो गई। 2014 में जहां स्टार्ट अप की संख्या 805 तक पहुंच गई वहीं इसकी मदद से 65,000 लोगों को रोजगार मिला। 2015 में स्टार्ट अप की संख्या बढ़कर 1200 हो गई जिसके माध्यम से 80,000 लोगों को रोजगार मिला।

जाहिर है कि देश की अर्थव्यवस्था और लोगों के लिए रोजगार सृजन करने के लिये मोदी सरकार ने स्टार्ट अप इंडिया स्कीम को लॉंच किया है। इस स्कीम के अंतर्गत उन लोगों को खास तोहफा दिया गया है जो अपना व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं। यह प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। उम्मीद की जानी चाहिये कि यह योजना अपनी उम्मीदों पर खरी उतरेगी।


गोपाल कृष्ण गुप्त प्रधान संपादक बिल्ड इंडिया समाचार पत्रिका की अन्य किताबें

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