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इम्तहान (भाग - 2)

30 अक्टूबर 2021

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कृष चेयर पर सर टिका कर बैठ गया , उसने अपनी आंखे बंद कर ली तुरंत उसकी आंखो में राभ्या का चेहरा घूम गया उसने झट से आंखे खोली और अपने कैबिन से बाहर निकल कर ऑफिस से बाहर निकल गया उसने गार्ड्स को अपने साथ आने से मना कर दिया और खुद ही कार ड्राइव करके चला गया। 

अचानक फिर उसके मोबाइल पर विश का कॉल आया , 
कृष ने कॉल रिसीव किया , 

हैलो,,,। 

विशाल - कृष राभ्या इंडिया से बाहर जा रही है अभी हमारे आदमियों ने उसकी बातें सुनी हैं वो फोन पर किसी को बता रही थी कि वो इंडिया से बाहर चली जायेगी , 

कृषिव - व्हाट ,,, वो ऐसे कैसे जा सकती है,,, ?बट डोंट वरी,,, वो जा नही पाएगी ,,,। कृष के फेस डेविल वाली तिरछी स्माइल आ गई ।

राभ्या एयरपोर्ट के लिए घर से निकल चुकी थी , रास्ते में एक कार आकर उस टैक्सी के आगे रुकी जिसमें राभ्या बैठी हुई , कृष कार से बाहर निकला और एक झटके में राभ्या को उसका हाथ पकड़ कर टैक्सी से बाहर खींच लिया ।
चलो ,,,मेरे साथ,,😠। कृष ने गुस्से में घूरते हुए कहा ,,।  
😠 हाथ छोड़िए मेरा ,,,राभ्या ने गुस्से में कहा । 
नही छोड़ा तो,,,😠 क्या कर लोगी,,,😠। कृष की आंखे गुस्से से लाल थी । 
वो तो आप कब का छोड़ चुके हैं मिस्टर चंद्रवंशी 😭😠 राभ्या ने गुस्से और दर्द के मिले जुले भावों से कहा । 

तुम यहां से कही नही जा सकती तुमने अपॉइंटमेंट लेटर साइन किया था और उसमें ये कंडीशन थी कि तुम एक अगले 2 साल तक कहीं और जॉब नहीं कर सकती । और न ही ये जॉब छोड़ सकती हो । वरना मैं तुम्हे ब्लैक लिस्टेड कर दूंगा 😠😠अंडरस्टैंड,, यू बैटर अंडरस्टैंड,,, कृष ने उसे उंगली दिखाते हुए गुस्से से कहा। 

क्या चाहते हैं आप 😭😭,,,, राभ्या ने तड़पते हुए कहा । 

घर चलो,,,, 😠मेरे साथ,, ,कृष ने राभ्या का हाथ पकड़ लिया।

राभ्या ने कृष का हाथ झटक दिया,,, 
नही कभी नही,,,, आपके साथ आपके घर पर तो कभी नही जाऊंगी मैं ,,,😭😠।  

कृष ने राभ्या का हाथ छोड़ दिया उसकी आंखो में हल्की नमी उतर आई पर उसने तुरंत छुपा लिया और अपने चेहरे पर ब्लैक शेड्स चढ़ाते हुए अपनी कार में बैठते हुए कहा ,

वापस अपने फ़्लैट में जाओ ,,, और कल से वापस ऑफिस ज्वाइन करो ,,। 
राभ्या वहां खड़ी केवल कृषिव को जाते हुए देख रही थी , 

कृष अपने घर की तरफ चला गया उसने अपने रूम में जाकर जोर से दरवाजा बंद कर दिया और बाथरूम में जाकर शावर के नीचे खड़ा हो गया । उसके शरीर पर ठंडा पानी भी आज उसकी बेचैनी नाम की आग को शांत नही कर पा रही थी , उसकी आंखो के सामने राभ्या के साथ बिताए पल घूम गए । उसने दीवार पर एक मुक्का मारा और चीखने लगा , 
नही ,,,,नही,,, मैं किसी से प्यार नही कर सकता किसी से भी नही,,, लड़कियां बेवहा होती हैं ,,,, बेवफा,,फिर भी मैं क्यों उसकी तरफ खिंचा चला जा रहा हूं आखिर क्यों 😭😠😠😠😭? 

अगले पल कृष ने खुद को शांत किया और बाथरूम से बाहर आ गया । 

और कैजुअल कपड़े पहन कर अपने रूम में ही सोफे पर आ कर बैठ गया । 
इतने में एक खूबसूरत सी लड़की रूम में आई , उसने रेड कलर की फिटिंग ड्रेस पहनी हुई थी ,  उसकी गोद में एक 6 महीने का छोटा सा बच्चा था उस लड़की ने उस छोटे से बच्चे को उसने कृष की गोद में  बिठा दिया , उस बच्चे को देख कर कृष के फेस पर बड़ी सी स्माइल आ गई , वो बच्चा गिरता उससे पहले ही कृष ने उसे संभाल लिया , 
कृष ने उस लड़की की तरफ देख कर मुस्कुराते हुए पूछा ,

कब आई,,, 😊? 
सुबह ही मेरी फ्लाइट इंडिया में लैंड हुई पर मुझे तो कोई लेने ही नही आया ,,, फिर मैंने दक्ष को कॉल किया वो पहुंच गया । 
विश नही गया ,,, कृषिव ने हैरानी से पूछा । 
उस लड़की ने न में सर हिला ,,,। 
तुम रुको अभी खबर लेता हूं साले की कृष ने चिढ़ते हुए कहा । उसने अपना फोन निकला और विशाल को कॉल करने ही वाला था कि अचानक बाहर से विशाल की आवाज आई , 
कृष,,, रावी ,,,, कहां हो तुम लोग 😊 ? 

कृषिव रावी के साथ रूम से बाहर आया और वो छोटा बच्चा अब भी कृष की गोद में था , कृष और रावी दोनो ही विशाल को घूर कर देख रहे थे ,,। 

विशाल की नजर छोटे से बच्चे पर पड़ी जो कृष की गोद में था , विशाल ने आगे बढ़ कर उस बच्चे को आवाज लगाई रंश,,,,।  विशाल को देखकर रंश मुस्कुरा कर अपने हाथ पैर चलाने लगा , रंश की खुशी देख कर कृष के चेहरे पर स्माइल आ गई उसने तुरंत उसे विशाल को पकड़ा दिया , 
विशाल ने रंश को अपने सीने से लगा लिया , 
रावी अब भी विशाल को गुस्से से घूरे जा रही थी जिसे देखकर विशाल की मुस्कान और बड़ी हो गई , वो  जैसे रावी की तरफ बढ़ा , 
रावी,,, 😊 । 
रावी गुस्से में पैर पटकती हुई अपने रूम में चली गई , 
रावी को गुस्से में देखकर कृष को हंसी आ गई , जिससे विशाल चिढ़ सा गया ,
ऐसे घूर के मुझे क्या देख रहा है ,,, जा जाकर मना उसे ,,, कृष ने मुस्कुराते हुए कहा , 
विश मुस्कुरा कर रावी के पीछे उसके रूम में चला गया । 
रावी बैड पर बैठ हुई थी , 
रावी ,,, रावी ,, आई एम  सॉरी रावी वो थोड़ा काम था तो मैं आने वाला था सच्ची पर जब मैंने तुम्हे कॉल किया तो तुमने रिसीव नहीं किया और दक्ष ने मुझे बता दिया था कि वो तुम्हे एयरपोर्ट से ले आया है तुम सही सलामत घर पहुंच गई हो तो मेरी टेंशन भी खत्म हो गई । 

रंश एक टक विशाल को देख रहा था उसने विशाल की शर्ट को पकड़ कर खेलना शुरू कर दिया , रंश की छोटी छोटी उंगलियां विश के सीने को छू रही थी जिससे उसे बेहद सुकून मिल रहा था , विशाल के चेहरे से मुस्कान जा ही नहीं रही थी उसने रंश के माथे को चूम लिया , 
विशाल रंश को गोद में लिए हुए आगे बढ़ा और बैड के किनारे पर बैठ गया , बैड के दूसरे किनारे पर रावी बैठी हुई थी , विश ने रंश को बीच में लिटा दिया , रंश ने विश की उंगली को पकड़ लिया जैसे वो उसे खुद से दूर नहीं जाने देना चाहता हो , विशाल ने रावी की तरफ देखा वो दूसरी तरफ देखने लगी तभी एक गहरी सांस लेते हुए , विशाल ने बोलना शुरू किया ।

रंश ,,,, आपकी मम्मा ,, आपके पापा से गुस्सा है ,,, और गुस्सा तो होना चाहिए क्योंकि पापा से गलती हुई है,,। 

रंश ने रावी की तरफ देखा , फिर विश की तरफ देख कर खिलखिला कर हंसने लगा , उसने विशाल की उंगलियों में अपनी नन्ही सी उंगलियों फंसा दी थी और लगातार विशाल के हाथ से वो खेल रहा था अपने बच्चे को ऐसे देख कर विशाल को बेहद सुकून महसूस हो रहा था , फिर अचानक रंश ने रावी की तरफ देखा और अपने दूसरे हाथ से रावी के हाथ को पकड़ लिया अब रंश एक हाथ से विशाल के हाथ को पकड़े हुए था और दूसरे हाथ से रावी का,  रंश खेलते हुए अपना हाथ जिस तरफ भी करता रावी और विशाल उसका साथ देते हुए उधर ही बढ़ जाते धीरे धीरे खेलते खेलते रंश ने उन दोनो का हाथ ऐसे पकड़ा की दोनो का हाथ आपस में टकरा गया , जिससे दोनो एक साथ हंस पड़े ये और रंश भी खिलखिला कर हंसने लगा ,  दोनो ने उसके एक एक हाथ को चूम लिया ।

रात का 9 बजा था राभ्या अपने फ्लैट में थी वो लगातार रोए जा रही थी उसने खाना भी नही खाया था तभी डोरवेल बजी ,, राभ्या ने अपने आंसू पोछे खुद को नॉर्मल किया फिर गेट खोला तो सामने कृष खड़ा था , उसने गुस्से में गेट बंद करना चाहा पर कृष ने धक्का देकर गेट खोल दिया और अंदर आकर गेट बंद कर दिया । 

आगे जारी है,,,।


राधे राधे दोस्तों 🙏आगे की कहानी नेक्स्ट पार्ट में अगर मुझसे कोई गलती हुई हो तो माफी चाहती हूं आपको कहानी कैसी लग रही है मुझे कॉमेंट बॉक्स में ज़रूर बताएं  जैसे आपको कहानी के अगले भाग का इंतजार रहता है वैसे ही मुझे आपके कॉमेंट्स का इंतजार रहता है आपके कॉमेंट्स मुझे और अच्छा लिखने के लिए प्रोत्साहित करते हैं धन्यवाद 🙏😊

श्रद्धा ' मीरा ' ✍️
Shakti

Shakti

Nice

1 नवम्बर 2021

Pragya pandey

Pragya pandey

बहुत अच्छा पार्ट था । कृपया मेरी रचना पढ़े ...शायद आपको पसंद आए 🙏🙏😊

30 अक्टूबर 2021

sayyeda khatoon

sayyeda khatoon

बेहतरीन 👌🌹

30 अक्टूबर 2021

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रचनाएँ
इम्तहान ( अय्याशी बनाम इश्क़ )
5.0
ये कहानी है कृषिव चंद्रवंशी और राभ्या की ,, उनकी जिंदगी की उतार चढ़ाव की ,, कृषिव के टूटे हुए अस्तित्व की ,, राभ्या के प्यार की,, किस तरह राभ्या कृषिव को किस तरह वापस सही रास्ते पर लाई उसे फिर से एक अच्छा इंसान बनाया ,, कैसे उस अय्याश के दिल में अपने लिए जगह बनाई ,, तो जुड़िए मेरे साथ इन दोनो की मोहब्बत के इम्तहान के साथ ।
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इम्तहान (भाग- 6)

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रावी और विशाल घर पहुंचे तो वहां दक्ष पहले से मौजूद था ,,,कृष की आंखो में आंसू थे वो लैपटॉप के सामने बैठा हुआ था ,,, स्क्रीन पर एक मेल खुली हुई थी जिसमे कनाडा का न्यूज़ पेपर की फोटो थी और दिया की फोटो

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कृष पर दुखो का पहाड़ एक साथ टूट पड़ा था ,,। पर उसने खुद को टूटने नही दिया वो किसी भी तरह से तनीषा को ढूढना चाहता था । कृष इस केस पर काम करने से पहले विशाल के साथ रावी के घर गया ,,,कृष - रावी तुम्

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इम्तहान (भाग-11)

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इम्तहान (अंतिम भाग)

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