"मुनाफे के स्वाद में मानव परास्त और खाद्यान जहरीला" डूबते उतिराते धान की फसल खेत से खलिहान को तिरछे ताकते हुए, मुँह छुपाते हुए किसान के घर में ऐसे आई मानों खेत और खलिहान का कभी कोई नाता ही नहीं रहा है। अगर कभी कोई नाता था भी तो वह पराली देवी के तलाक के बाद खत्म हो गया ह