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तर्जनी बनाम अनामिका

22 मई 2017

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व्यंग अनामिका विवेक रंजन श्रीवास्तव विनम्र vivekranjan.vinamra@gmail.com , ७०००३७५७९८ मेरी एक अकविता याद आ रही है ,जिसका शीर्षक ही है "शीर्षक".कविता छोटी सी है , कुछ यूं एक कविता एक नज्म एक गजल हो तुम तरन्नुम में और मैं महज कुछ शब्द बेतरतीब से जिन्हें नियति ने बना दिया है तुम्हारा शीर्षक और यूं मिल गया है मुझे अर्थ जबसे मैने अपनी एकमेव पत्नी को अपनी यह कविता सुनाई है , उसे मेरा लिखा अच्छा लगने लगा है . और मुझे सचमुच जीवन सार्थक लगने लगा है . मतलब शीर्षक ही होता है जो हमें अर्थ देता है .मैं फेमनिस्ट हूं इसलिये जब बिना शीर्षक के लिखने का शीर्षक तय करना था तो हमने अनामिका पर लिखने का फैसला किया . अनामिका मतलब बिना नाम यूँ तो सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी का कविता संग्रह "अनामिका" बरसो पहले ही आ चुका है और जाने कितनी ही लड़कियो का नाम अनामिका रखा चुका है . अनामिका नाम की फिल्म भी बन चुकी है शायद इसलिये क्योकि इस शब्द में किंचित ध्वनि की मधुरता भी है . तो जब कुछ न सूझे और कुछ नामकरण जरूरी हो तो अनामिका शीर्षक उपयुक्त लगता है . दुनिया भर में अनामिका यानी रिंग फिंगर में इंगेजमेंट रिंग पहनकर पत्नियां अपने पतियो को तर्जनी के इशारो पर नचाने की ताकत रखती हैं . ये और बात है कि फेमनिस्ट होने के नाते मैं पूरी शिद्दत से मानता हूं कि महिलायें अपनी इस अपार शक्ति का पूरा उपयोग नहीं करती या नही कर पातीं वरना ... एनी वे . लेखक , वकील और नेता शब्दो के बाजीगर होते हैं , वे किसी भी विषय पर स्वप्न बुन सकते हैं . लेखक अपने वाक्जाल से रची अपनी रचना पढ़कर खुद की पीठ थपथपाता है वकील भरी अदालत में अपने शब्दो के माया जाल से सच को झूठ और झूठ को सच साबित कर देता है , न्याय की मूर्ति आँखो पर काली पट्टी बांधे वही ठीक मान लेती है जो बड़ा वकील बोलता है . जैसे बेचारा पाकिस्तान इकबालिया बयान लिये बैठा रह गया और साल्वे जी इंटरनेशनल अदालत में हमारे लिये मैदान जीत आये . नेता तो बिना लिखे ही अपने भाषणो से शब्दो का जाल फैलाकर उसमें वोट फांस लेता है .शब्दो से स्वप्न दिखाकर जनता को मीठी नींद सुला देता है उनके सारे गम भुलाकर उनहें अपने पक्ष में हिप्नोटाइज कर लेता है और खुद जनता के कंधो पर चढ़कर सत्ता के शीर्ष तक पहुंच जाता है , जहाँ मख्खन की मटकी बंधी होती है . आजकल तो और भी नये प्रयोग चल रहे हैं पड़ोसियो के एटमी बमो तक को शब्दो से मात देने के लिये नेता जी के व्यक्तव्य गढ़े जा रहे हैं . बयान छप रहे हैं. इस कला पर सोढ़ की जरूरत है . शोध कर्ता भी तरह तरह के शोध करते हैं , सच पूछा जाये तो सारे ढ़ंग तरीके के शोध हो ही चुके हैं , इसलिये इन दिनो शोधकर्ता पुरानी किसी थीसिस का टाइटिल बदलकर , दस पांच संबंधित शोध कार्य मिलाकर बिबलियो ग्राफी बनाकर अपनी नई थीसिस तैयार करते पाये जाते हैं जैसा हमारे देश के विश्वविद्यालयो में होता है . या फिर पश्चिम के स्वनाम ख्यात यूनिवर्सिटीज में शोध के नाम पर बाल की खाल निकाली जाती है . हाल ही फ्लोरिडा विश्वविद्यालय में रिंग फिंगर को लेकर ऐसा ही शोध कार्य सम्पन्न हुआ है . जिसके अनुसार अनामिका अंगुली को शुक्राणुओं की संख्या, आक्रामक व्यवहार, यौन अनुकूलन और खेल कौशल से जोड़ा गया है. ऐसा पाया गया कि पुरुष की तर्जनी की अपेक्षा अनामिका की लम्बाई का संबंध उसकी उच्च सेक्स रुचि से है। जो भारतीय हर बात में अपनी संस्कृति पर गर्व करते हैं और मानते हैं कि पुष्पक विमान तो उनके पास रामायण काल से ही है , या संजय ने महाभारत के युद्ध का लाइव टेलीविजन प्रसारण किया था जैसा आजकल के दीपक चौरसिया डायरेक्ट जीरो पाइंट से रिपोर्टिंग करते पाये जाते हैं , उनके लिये गर्व का विषय हो सकता है कि भारतीय ज्योतिष के अनुसार पहले से ही अनामिका के नीचे सूर्य पर्वत माना जाता है .धार्मिक मान्यता के अनुसार अनामिका अंगुली पर स्वयं भगवान शंकर का वास माना जाता है. इसी कारण अनामिका अंगुली को सर्वथा धार्मिक रूप से पवित्र कहा गया है और पूजा अनुष्ठान आदि धार्मिक कार्यों में अनामिका उंगली में कुशा से बनी पवित्री धारण करने की परम्परा है . अनामिका उंगली से ही देवगणों को गंध और अक्षत अर्पित किया जाता है. यही उंगली मान, धन ,संतान , यश और कीर्ति की सूचक है . इसलिये महिलाओ को अपनी बिन मांगी सलाह है कि यदि उन्हें अपनी तर्जनी पर पुरुष को नचाना है तो उसकी अनामिका पर ध्यान दीजीये .

विवेक रंजन श्रीवास्तव की अन्य किताबें

रेणु

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3 जुलाई 2016
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मिले दल मेरा तुम्हारा

29 जनवरी 2017
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मिले दल मेरा तुम्हारा विवेक रंजन श्रीवास्तव ओ बी ११ , विद्युत मण्डल कालोनी , रामपुर जबलपुर ९४२५८०६२५२मुझे कोई यह बताये कि जब हमारे नेता "घोड़े" नहीं हैं, तो फिर उनकी हार्स ट्रेडिंग कैसे होती है ? जनता तो चुनावो में नेताओ को गधा मानकर "कोई नृप होय हमें का हानि चेरी छोड़ न हुई हैं रानी" वाले मनोभाव के

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धन्नो , बसंती और बसंत

6 फरवरी 2017
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बसंत बहुत फेमस है पुराने समय से , बसंती भी धन्नो सहित शोले के जमाने से फेमस हो गई है . बसंत हर साल आता है , जस्ट आफ्टर विंटर. उधर कामदेव पुष्पो के बाण चलाते हैं और यहाँ मौसम सुहाना हो जाता है .बगीचो में फूल खिल जाते हैं . हवा में मदमस्त गंध घुल जाती है . भौंरे गुनगुनाने लगते हैं .रंगबिरंगी तितलि

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दिल पर पत्थर रखकर मुंह पर मेकअप कर लिया

8 फरवरी 2017
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व्यंग दिल पर पत्थर रखकर मुंह पर मेकअप कर लिया विवेक रंजन श्रीवास्तव ओ बी ११ , विद्युत मण्डल कालोनी , रामपुर जबलपुर ९४२५८०६२५२ मोबाइल पर एक से बात करते हुये झल्लाहट की सारी हदें पार करने के बाद भी , सारी मृदुता के साथ त्वरित ही पुनः अगली काल पर हममें से किसने बातें नही की हैं ? डाक्टरो के लिये य

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वैमनस्य भूल कर नई शुरुवात करने का पर्व होली

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परस्पर वैमनस्य भूल कर नई शुरुवात करने का पर्व होली विवेक रंजन श्रीवास्तवए १ , शिलकुन्ज , विद्युत मण्डल कालोनी नयागांव , जबलपुरvivek1959@yahoo.co.in9425806252, 70003757987 हमारे मनीषियो द्वारा समय समय पर पर्व और त्यौहार मनाने का प्रचलन ॠतुओ के अनुरूप मानव मन को बहुत समझ बूझ कर निर्धारि

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29 मार्च 2017
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आम से खास बनने की पहचान थी लाल बत्तीविवेक रंजन श्रीवास्तव ए १ , विद्युत मण्डल कालोनी , शिला कुन्जजबलपुर मो ९४२५८०६२५२ , vivek1959@yahoo.co.in बाअदब बा मुलाहिजा होशियार , बादशाह सलामत पधार रहे हैं ... कुछ ऐसा ही उद्घोष करती थीं मंत्रियो , अफसरो की गाड़ियों की लाल बत्तियां . दूर से लाल बत्तियों के

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खीरा सर से काटिये, मलिये नमक लगाए, देख कबीरा यह कहे, कड़वन यही सुहाए

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व्यंग्य अपनी अपनी सुरंगों में कैद विवेक रंजन श्रीवास्तव थाईलैंड में थाम लुआंग गुफा की सुरंगों में फंसे बच्चे और उनका कोच सकुशल निकाल लिये गये. सारी दुनिया ने राहत की सांस ली .हम एक बार फिर अपनी विरासत पर गर्व कर सकते हैं क्योकि थाइलैंड ने विपदा की इस घड़ी में न केवल भ

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