16 वर्ष की आयु और Mount Everest फतेह।।
इंसान की जिद जब उसके दिल और दिमाग में घर कर जाती है तो वह इसे पूरा करने के लिए किस हद तक चला जाता है यह शायद वह खुद भी नहीं जानता। वह अपनी उस ज़िद को अपना लक्ष्य मानकर चलता रहता है।
14 साल की उम्र में ही शिवांगी पाठक का लक्ष्य था विश्व की सबसे ऊंची चोटी पर तिरंगा फहराना । जिस उम्र में इंसान अपनी जिम्मेदारियों को ठीक से समझ भी नहीं पाता, उस उम्र में इन्होंने विश्व की सबसे ऊंची और सबसे खतरनाक चोटी पर जाने का निर्णय किया।
लक्ष्य एक था ..................29029 फीट,
माउंट एवरेस्ट
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