आज हम संचार क्रांति के युग में जी रहे हैं । संचार साधनों ने इतनी प्रगति कर ली है कि संसार का कोई भी कोना हमारी पहुंच से दूर नहीं रहा । चाहे वह दुनिया के दूसरे छोर पर बैठे किसी व्यक्ति से बात करनी हो या फिर दुनिया के किसी हिस्से की खबर लेनी हो, केवल कुछ सेकंड्स में ही आप यह काम अपने मोबाइल या लैपटॉप की स्क्रीन पर कर सकते हैं ।
दुनिया के किसी भी कोने की खबर को आप तक पहुंचने में मात्र कुछ सेकंड्स का समय ही लगता है। लेकिन आपको बता दें कि संचार क्रांति के इस युग में भी अखबार पढ़ने वालों की संख्या में कमी नहीं आई है।
पूरी दुनिया में पाठकों का एक बड़ा तबका आज भी अखबार पढ़ना पसंद करता है।
यदि भारत की बात करें तो 2016 में किए गए एक विश्लेषण के अनुसार भारत में 1,11000 से अधिक राष्ट्रीय और स्थानीय समाचार पत्र हैं, जिन्हें पढ़ने वालों की संख्या 11 करोड़ से भी अधिक है। इनमें से कुछ समाचार पत्र तो भारत की स्वतंत्रता से पहले ही छपते आ रहे हैं।
लेकिन क्या आपको पता है कि
भारत में सबसे पहला अखबार29 जनवरी 1780 को छपा था। जिसका नाम था '
दि बंगाल गजेट' (The Bengal Gazette)'जेम्स आगस्टस हिक्की' इसके प्रकाशक थे। इसका प्रकाशन 2 वर्ष तक चला था। यह एक साप्ताहिक पत्र था जो कोलकाता से आरम्भ हुआ था। राजनीतिक और वाणिज्यिक खबरों के अलावा इस पत्र में शादी-ब्याह व अन्य तत्कालीन सामाजिक विषयों जैसे बाजार भाव आदि की भी जानकारियां प्रकाशित की जाती थीं।