प्र .रोज़ ऐसा क्या करूँ जिससे मै और बेहतर बन जाऊंगा ?उ .१. जल्दी उठने से ज्यादा समय काम करने के लिए मिलेगा २. एक दो किलोमीटर पैदल चलें ३. क्रोध और इमोसन को मैनेज करें ४. पुरे दिन का कोई भी दस काम लिखें
"In the world copies to be an orignal."
एक एसडीएम की कहानी ---->> आज स्कूल में शहर की LADY SDM आने वाली थी क्लास की सारी लड़कियां ख़ुशी के मारे फूले नहीं समां रही थी ...सबकी बातों में सिर्फ एक ही बात थी SDM .. और हो भी क्यों न आखिर वो भी एक लड़की थी ....पर एक ओर जब सब लड़कियां व्यस्त थी SDM की चर्चाओं में ....एक लड़की सीट की लास्ट बेंच पर बै
16 वर्ष की आयु और Mount Everest फतेह।।इंसान की जिद जब उसके दिल और दिमाग में घर कर जाती है तो वह इसे पूरा करने के लिए किस हद तक चला जाता है यह शायद वह खुद भी नहीं जानता। वह अपनी उस ज़िद को अपना लक्ष्य मानकर चलता रहता है।14 साल की उम्र में ही शिवांगी पाठक का लक्ष्य था विश्व की सबसे ऊंची चोटी पर तिरंग
परेशानी खुद से है, पशेमानी खुद से है, मुश्किल है कोई और हो जाऊं,कि आसानी खुद से है !! नितिन भगत !!
विद्या मित्रं प्रवासेषु ,भार्या मित्रं गृहेषु च |व्याधितस्यौषधं मित्रं , धर्मो मित्रं मृतस्य च ||अर्थात् :ज्ञान यात्रा में ,पत्नी घर में, औषध रोगी का तथा धर्म मृतक का ( सबसे बड़ा ) मित्र होता है |
न कर सका जो कोई वैसा काम करले तू। ऐ दोस्त इस दुनिया में थोड़ा नाम करले तू। आदमी आते हैं और जाते हैं इस कदर। इस नामुराद दुनिया की चिंता नहीं मगर। है दीप जो वीरों का वो ताउम्र न बुझे। कहना पड़े न नामुराद दुनिया को मुझे। बनाले ऐसी हस्ती ऐसा दाम करले तू। ऐ दोस्त इस दुन