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16/5/2022

16 मई 2022

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प्रिय सखी।
  
    कैसी हो।मै अच्छी हूं भी और नही भी।अब पूछोगी नही कि क्यों ।बस मन नही लग रहा है सुबह से । पतिदेव अहमदाबाद गये है । कपड़ा देखने।मैने तुम्हे पहले भी बताया था ना कि वो मेरे मायके कम जाना पसंद करते है। अहमदाबाद मेरी बड़ी बहन रहती है उनका ट्रांसपोर्ट का काम है।खूब पैसे वाले है ।हम लोग मिडिल क्लास फैमिली है।ये नही है कि हम बहन भाईयो के रिश्तों मे पैसा आ जाता है नही बिलकुल नही मै मायके मे सब से छोटी हूं।सब बहन वभाई मुझ से बड़े है । मिडिल क्लास होते हुए भी अगर मायके मे या बहनों को मै कुछ कह दूं तो वै तुरंत मेरी बात मान लेते है।अब इन्हें नही पसंद है आना जाना तो मै क्या कर सकती हूं। दीदी ने एक बार फोन भी कर लिया कि आप कहां है आ जाइए घर ।पर महाशय को होटल मे ठहरना मंजूर है पर मेरी बहन के जाना मंजूर नही ।अब वो मुझे कह रही है कि जीजा जी आये नही देख ले।इधर से पतिदेव ये कह रहे है कि उनके फोन आये।तुम मुझे धक्के से भेज रही है अपनी बहन के। ओओओ हो।मै तो परेशान है गयी सही कहा है ओरत हमेशा दो पाटों के बीच पीसती रहती है एक पाट ससुराल का होता है और एक पाट मायके का।मायके मे कोई पति की बुराई करदे तो बुरा लगता है ओर ससुराल मे कोई मायकेवालों की बुराई कर दे तो बुरा लगता है बेचारी औरत जाए कहां वैसे कहने को दो घर हे पर है एक भी नही उसका।बस अब और नही लिखा जा रहा ।आंखे भर आयी ।अब चलती हूं । अलविदा सखी।
saksham garg

saksham garg

Bhut khub

21 मई 2022

Diya Jethwani

Diya Jethwani

सबकी यहीं कहानी हैं जी.... आप निराश मत होइये....। वैसे कभी अहमदाबाद आना हो तो हमसे जरूर मिलिएगा जी....। आप एक फोन कर दिजिएगा हम खुद आ जाएंगे जी... 🤗🤗। अब एक और रिश्ता मिल गया आपको यहाँ आने के लिए...। ☺

16 मई 2022

Monika Garg

Monika Garg

16 मई 2022

आप यहां रहती है। अहमदाबाद में सच्ची मे

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रचनाएँ
दैनिंदनी सखी (मई) 2022
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अब क्या लिखूं सखी तुम्हारे विषय मे। तुम्हारी हमारी मुलाकात तो जगजाहिर है। लेकिन फिर भी गर्मी के मौसम मे हमारे विचारों मे गर्मी ना आये बस यही चाहते है।
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1 /5/2022

1 मई 2022
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हैलो सखी।लो मै फिर आ गयी।आज तो मेरी तुम से मुलाकात शाम को हो रही है ।अब पूछोगी नही कि शाम को क्यों तुम तो सुबह मिलने आती थी। मै बता देती हूं आज काफी समय बाद देहली जाना हुआ वो भी मैट्रो मे ।सच मे अपनी

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2/5/2022

2 मई 2022
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हैलो सखी । कैसी हो।पता नही आजकल क्या हो गया है कुछ लिखने बैठती हूं तो निंदिया रानी आकर आंखों पर कब्जा कर लेती है ।और काफी सारे मंचों पर बहुत सी स्पर्धाओं में भाग ले रखा है एक जगह सहलेखन भी चल रह

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3/5/2022

3 मई 2022
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प्रिय सखी।कैसी हो । आज मन उदास है । हमारी तुम्हारी ये जो वार्तालाप लेखन है उसको शब्द टीम इनाम देकर नवाजती है ।जिसकी पाठक संख्या ज्यादा होगी उसको विजेता घोषित करती है।अब की बार भी हमारी पाठक संख्या ज्य

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5/5/2022

5 मई 2022
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प्रिय सखी, कैसी हो ।मै अच्छी हूं।आजकल थोड़ी बरसात होने से मौसम मे गर्मी से राहत महसूस हो रही है।वरना तो इतनी गर्मी थी कि शरीर से भांप निकलती थी।शब्द टीम से एक उम्मीद तो हम रख ही सकते है कि वो ये

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7/5/2022

7 मई 2022
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प्रिय सखी। कैसी हो। क्या कर रही हो।हम तो खाली बैठे है।अभी मौसम ऐसा हो रहा है कुछ लिखने का मन ही नही कर रहा। शब्द मे पुस्तक लेखन प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था बस उसी किताब का प्रमोशन कर रह

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8/5/2022

8 मई 2022
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प्रिय सखी। कैसी हो। मै अच्छी हूं।वैसे मै इन मान्यताओं को मानती नही हूं लेकिन फिर भी चलन है तो कहती हूं मातृ दिवस की बधाई। मां को हम कब भूलते है जो उनके लिए एक निश्चित दिन तय करे कि आज मदर्स डे ह

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11/5/2022

11 मई 2022
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प्रिय सखी।कैसी हो।मै ठीक हूं। गर्मी का कहर आसमान से बरस रहा है। क्या आदमी क्या जानवर सभी गर्मी के प्रकोप से अछूते नही है।आज मै दोपहर बाद शोप पर आयी हूं क्योंकि गर्मी मे कोई घर से निकलना पसंद नही करता।

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13/5/2022

13 मई 2022
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हैलो सखी। कैसी हो।मै अच्छी हूं।आज तो सुबह ही तुम को याद कर रही हूं। क्यों? हाहाहाहाहा इस लिए की फुर्सत मे बैठी हूं। पतिदेव बाहर गये है। बच्चे स्कूल और मै शोप पर ।आज जल्दी ही आ गयी थी शोप पर । क्

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16/5/2022

16 मई 2022
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प्रिय सखी। कैसी हो।मै अच्छी हूं भी और नही भी।अब पूछोगी नही कि क्यों ।बस मन नही लग रहा है सुबह से । पतिदेव अहमदाबाद गये है । कपड़ा देखने।मैने तुम्हे पहले भी बताया था ना कि वो म

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18/5/2022

18 मई 2022
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प्रिय सखीकैसी हो। मैं अच्छी हूं।दो दिन से मुलाकात नही हो पाई मेरी तुम से थोड़ा बिजी थी। पतिदेव कल ही आये अहमदाबाद से ।जिस काम के लिए गये थे उसमे सफलता नही मिली तो झुंझलाते हुए ही आये।एक तो कहां तो बार

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20/5/2022

20 मई 2022
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प्रिय सखी।कैसी हो।मै ठीक हूं।अभी लिखने बैठी तो ऐप ही नही खुल रहा था।अब काफी समय बाद ओपन हुआ है ।तभी तुम से मुलाकात हो पायी है। शब्द टीम का ध्यान ऐप को ठीक करने के लिए दिलाना पडेगा।अभी बहुत सी गड़बड़ी

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23/5/2022

23 मई 2022
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प्रिय सखी।कैसी हो ।मै आज बहुत खुश हूं।आज सुबह से ही मौसम खुशनुमा हो रहा है।सुबह उठते ही ठंडी हवा ने माथे को छूआ तो मन प्रसन्न हो गया।इतने दिनों से जलती, झुलसाती गर्मी से बेहाल हो गये थे।जब उठी थी तो ठ

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24/5/2022

24 मई 2022
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प्रिय सखी।कैसी हो ।मै अच्छी हूं।कल ही शैलेश सर ने मेरी नयी पुस्तक जो पुस्तक लेखन प्रतियोगिता मई मे शामिल है।उसका कवर पेज हमे भेजा है ।हमने शैलेश जी से कहा था कि हमे इसका कवर पेज बनवाना है और वो बन भी

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27/5/2022

27 मई 2022
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प्रिय सखी।कैसी हो। मैं अब अच्छी हूं ।दो दिन से बुखार चढ़ रहा था ‌‌‌‌सुह सुबह ही चढ़ जाता था। कुछ लिखने का मन ही नही करता था।अब पतिदेव तो वैसे ही खिलाफ है हमारे लेखन के अब तो बहाना मिल गया।"तुम मोबाइल

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28/5/22

28 मई 2022
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प्रिय सखी।कैसी हो।मै तो आज थक गयी।सुबह से भाग दौड़ कर रही हूं ।बडे बेटे का आज पेपर है । आखिरी पेपर है । थोड़ी तैयारी कम लग रही थी ।बेचारा डर रहा था बार बार मेरे पास आकर कह रहा था "ममा एग्जाम ठीक होगा

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