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1 /5/2022

1 मई 2022

73 बार देखा गया 73
हैलो सखी।
लो मै फिर आ गयी।आज तो मेरी तुम से मुलाकात शाम को हो रही है ।अब पूछोगी नही कि शाम को क्यों तुम तो सुबह मिलने आती थी। मै बता देती हूं आज काफी समय बाद देहली जाना हुआ वो भी मैट्रो मे ।सच मे अपनी गाड़ी से जाओ तो वही पतिदेव का चेहरा वही रास्ता ।पर जब आज सुबह पतिदेव ने जब कहा कि देहली जाना है तो मैंने तपाक से बोला,"चलो मेट्रो से चलते है ।"पतिदेव हैरान रह गये कहां तो गाड़ी के बगैर कही जाती नही थी ओर कहां आज मैट्रो मे जाने की जिद कर रही है। लेकिन फिर भी काम उनका था मुझे तो साथ जाना था वो मान गये।हम आटो से मैट्रो स्टेशन गये और वहां से मैट्रो पकड़ कर देहली की ओर चल दिए।कसम से बड़ा मजा आ रहा था तरह तरह के चेहरे दिख रहे थे मैट्रो मे । क्या गरीब क्या अमीर सभी सवार थे।कही फौजी छुट्टी पर आये होंगे वो अपने घर जा रहे थे तो कहीं बच्चे अपना कालेज का बैग उठाकर कालेज जा रहे थे।हर किसी को जल्दी थी। मैं करोना काल के बाद काफी दिनों बाद मैट्रो मे बैठी थी। मुझे सब कुछ मनमोहक लग रहा था । कोई हिसाब किताब मे लगा था तो कोई अपनी बहू की बुराई कर रहा था।तो किसी की सास बीमार थी।मेरा मन तो एक बहुत ही छोटी सी लड़की ने मोह लिया जिस मैट्रो से हम वापसी कर रहे थे वह उसमे अपने मम्मी पापा और छोटी सी बहन के साथ चढ़ी पता नही क्यों मुझे उसमे देवी के दर्शन है रहे थे अपने आप मे ही मंद मंद मुस्कुरा रही थी ।उसे कोई फर्क नही पड रहा था कि कौन उसे देख रहा है जब मैट्रो स्टेशन पर रुकती तो हल्का सा धक्का लगता और वो गिरते गिरते बचती और फिर मुस्कुरा देती।कसम से बहुत ही खुशमिजाज थी वह बचची।मुझे अफसोस हो रहा था कि भगवान ने मुझे लड़की कयो नही दी।अब चलती हूं सखी । अलविदा।
अजय श्रीवास्तव

अजय श्रीवास्तव

बहुत सुन्दर आत्मकथा l

5 जून 2022

Seema jain

Seema jain

Nice thought

25 मई 2022

Amit

Amit

Good

11 मई 2022

भारती

भारती

बहुत ही बढ़िया लिखा आपने मेट्रो का सफर बहुत खूब 👌🏻👌🏻

1 मई 2022

Monika Garg

Monika Garg

1 मई 2022

धन्यवाद महोदया

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रचनाएँ
दैनिंदनी सखी (मई) 2022
5.0
अब क्या लिखूं सखी तुम्हारे विषय मे। तुम्हारी हमारी मुलाकात तो जगजाहिर है। लेकिन फिर भी गर्मी के मौसम मे हमारे विचारों मे गर्मी ना आये बस यही चाहते है।
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हैलो सखी।लो मै फिर आ गयी।आज तो मेरी तुम से मुलाकात शाम को हो रही है ।अब पूछोगी नही कि शाम को क्यों तुम तो सुबह मिलने आती थी। मै बता देती हूं आज काफी समय बाद देहली जाना हुआ वो भी मैट्रो मे ।सच मे अपनी

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2/5/2022

2 मई 2022
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हैलो सखी । कैसी हो।पता नही आजकल क्या हो गया है कुछ लिखने बैठती हूं तो निंदिया रानी आकर आंखों पर कब्जा कर लेती है ।और काफी सारे मंचों पर बहुत सी स्पर्धाओं में भाग ले रखा है एक जगह सहलेखन भी चल रह

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3/5/2022

3 मई 2022
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प्रिय सखी।कैसी हो । आज मन उदास है । हमारी तुम्हारी ये जो वार्तालाप लेखन है उसको शब्द टीम इनाम देकर नवाजती है ।जिसकी पाठक संख्या ज्यादा होगी उसको विजेता घोषित करती है।अब की बार भी हमारी पाठक संख्या ज्य

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5/5/2022

5 मई 2022
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प्रिय सखी, कैसी हो ।मै अच्छी हूं।आजकल थोड़ी बरसात होने से मौसम मे गर्मी से राहत महसूस हो रही है।वरना तो इतनी गर्मी थी कि शरीर से भांप निकलती थी।शब्द टीम से एक उम्मीद तो हम रख ही सकते है कि वो ये

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7/5/2022

7 मई 2022
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प्रिय सखी। कैसी हो। क्या कर रही हो।हम तो खाली बैठे है।अभी मौसम ऐसा हो रहा है कुछ लिखने का मन ही नही कर रहा। शब्द मे पुस्तक लेखन प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था बस उसी किताब का प्रमोशन कर रह

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8/5/2022

8 मई 2022
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प्रिय सखी। कैसी हो। मै अच्छी हूं।वैसे मै इन मान्यताओं को मानती नही हूं लेकिन फिर भी चलन है तो कहती हूं मातृ दिवस की बधाई। मां को हम कब भूलते है जो उनके लिए एक निश्चित दिन तय करे कि आज मदर्स डे ह

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11/5/2022

11 मई 2022
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प्रिय सखी।कैसी हो।मै ठीक हूं। गर्मी का कहर आसमान से बरस रहा है। क्या आदमी क्या जानवर सभी गर्मी के प्रकोप से अछूते नही है।आज मै दोपहर बाद शोप पर आयी हूं क्योंकि गर्मी मे कोई घर से निकलना पसंद नही करता।

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13/5/2022

13 मई 2022
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हैलो सखी। कैसी हो।मै अच्छी हूं।आज तो सुबह ही तुम को याद कर रही हूं। क्यों? हाहाहाहाहा इस लिए की फुर्सत मे बैठी हूं। पतिदेव बाहर गये है। बच्चे स्कूल और मै शोप पर ।आज जल्दी ही आ गयी थी शोप पर । क्

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16/5/2022

16 मई 2022
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प्रिय सखी। कैसी हो।मै अच्छी हूं भी और नही भी।अब पूछोगी नही कि क्यों ।बस मन नही लग रहा है सुबह से । पतिदेव अहमदाबाद गये है । कपड़ा देखने।मैने तुम्हे पहले भी बताया था ना कि वो म

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18/5/2022

18 मई 2022
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प्रिय सखीकैसी हो। मैं अच्छी हूं।दो दिन से मुलाकात नही हो पाई मेरी तुम से थोड़ा बिजी थी। पतिदेव कल ही आये अहमदाबाद से ।जिस काम के लिए गये थे उसमे सफलता नही मिली तो झुंझलाते हुए ही आये।एक तो कहां तो बार

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20/5/2022

20 मई 2022
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प्रिय सखी।कैसी हो।मै ठीक हूं।अभी लिखने बैठी तो ऐप ही नही खुल रहा था।अब काफी समय बाद ओपन हुआ है ।तभी तुम से मुलाकात हो पायी है। शब्द टीम का ध्यान ऐप को ठीक करने के लिए दिलाना पडेगा।अभी बहुत सी गड़बड़ी

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23/5/2022

23 मई 2022
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प्रिय सखी।कैसी हो ।मै आज बहुत खुश हूं।आज सुबह से ही मौसम खुशनुमा हो रहा है।सुबह उठते ही ठंडी हवा ने माथे को छूआ तो मन प्रसन्न हो गया।इतने दिनों से जलती, झुलसाती गर्मी से बेहाल हो गये थे।जब उठी थी तो ठ

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24/5/2022

24 मई 2022
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प्रिय सखी।कैसी हो ।मै अच्छी हूं।कल ही शैलेश सर ने मेरी नयी पुस्तक जो पुस्तक लेखन प्रतियोगिता मई मे शामिल है।उसका कवर पेज हमे भेजा है ।हमने शैलेश जी से कहा था कि हमे इसका कवर पेज बनवाना है और वो बन भी

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27/5/2022

27 मई 2022
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प्रिय सखी।कैसी हो। मैं अब अच्छी हूं ।दो दिन से बुखार चढ़ रहा था ‌‌‌‌सुह सुबह ही चढ़ जाता था। कुछ लिखने का मन ही नही करता था।अब पतिदेव तो वैसे ही खिलाफ है हमारे लेखन के अब तो बहाना मिल गया।"तुम मोबाइल

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28/5/22

28 मई 2022
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प्रिय सखी।कैसी हो।मै तो आज थक गयी।सुबह से भाग दौड़ कर रही हूं ।बडे बेटे का आज पेपर है । आखिरी पेपर है । थोड़ी तैयारी कम लग रही थी ।बेचारा डर रहा था बार बार मेरे पास आकर कह रहा था "ममा एग्जाम ठीक होगा

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